पूर्णिया में जीएमसीएच का अजब हाल, पुस्तकालय और लाइब्रेरियन नहीं पर खरीद ली गई दो करोड़ रुपये से अधिक की किताबें
By विनीत कुमार | Published: May 6, 2022 01:00 PM2022-05-06T13:00:04+5:302022-05-06T13:10:41+5:30
पूर्णिया राजकीय चिकित्सा महाविद्यालय एवं अस्पताल (जीएमसीएच) में करोड़ों रुपयों की किताब एक झटके में खरीदे जाने का मामला सामने आया है जबकि यहां पुस्तकालय और इससे जुड़ी अन्य सुविधाएं नदारद हैं।
पूर्णिया: बिहार के पूर्णिया राजकीय चिकित्सा महाविद्यालय एवं अस्पताल (जीएमसीएच) में सरकारी राजस्व को चपत लगाने का हैरान करने वाला मामला सामने आया है। दरअसल, सामने आई जानकारी के अनुसार जीएमसीएच में दो करोड़ रुपये से अधिक की पुस्तक की खरीद की गई है जो पिछले करीब चार महीने से धूल फांक रही है। यहां लाइब्रेरी और लाइब्रेरियन तक का अता-पता नहीं है। एक लाइब्रेरियन की बहाली तक नहीं हुई है।
दैनिक जागरण की एक रिपोर्ट के अनुसार किताबों के रखरखाव की व्यवस्था के लिए पुस्तकालय अध्यक्ष तक नियुक्त नहीं हुआ है। जीएमसीएच के प्राचार्य ने एक झटके में कैसे दो करोड़ से अधिक की पुस्तकें खरीद ली, इसे लेकर भी सवाल खड़े हो रहे हैं।
नियमों के अनुसार मेडिकल कालेज अस्पताल में लाइब्रेरी होनी चाहिए। साथ ही पुस्तक के रखरखाव और आवंटन की समुचित व्यवस्था भी होनी चाहिए। किताबों के रिकॉर्ड रखने और प्रबंधन के लिए स्टाफ होने चाहिए। हालांकि अभी तक जीएमसीएच में किसी की बहाली तक नहीं हुई है।
नियमों के अनुसार पुस्तकालय के लिए नए मेडिकल कालेज में समानुपातिक तौर पर हर साल किताबें खरीदी जानी चाहिए। ऐसे में एक बार में ही करोडों की पुस्तकों का खरीदे जाना सवाल खड़े कर रहा है। सवाल ये भी है कि बिना पुस्तकालय अध्यक्ष के रखरखाव इन किताबों का इस्तेमाल किस तरह से हो सकेगा।
नियमों के मुताबिक तीस लोगों का स्टाफ रीडिग रूम भी होना चाहिए। लाइब्रेरियन समेत अन्य स्टाफ का कमरा होना चाहिए। वीडियो और कैसेट रूम सहित एयर कंडिशन कंप्यूटर कमरे होने चाहिए। साथ ही ई लाइब्रेरी की सुविधा भी होनी चाहिए। हालांकि, ये सबकुछ फिलहाल नहीं पर करोड़ों की किताब खरीद ली गई है।