कुर्सी के लिए कभी भाजपा के पैर पर गिरते हैं तो कभी राजद के लालटेन पर लटक जाते..., प्रशांत किशोर ने नीतीश कुमार पर किया हमला
By एस पी सिन्हा | Published: June 3, 2023 04:16 PM2023-06-03T16:16:21+5:302023-06-03T16:19:02+5:30
बिहारः 2020 में नीतीश कुमार चुनाव हार गए। प्रशांत किशोर ने कहा कि 243 विधानसभा में महज 40 विधायक जीते हैं तो यह चुनाव हारने के ही समान है। जुगाड़ लगाकर मुख्यमंत्री के पद पर बने हुए हैं।
पटनाः बिहार में सियासी जमीन तलाश रहे चुनावी रणनीतिकर प्रशांत किशोर ने एक बार फिर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर तीखा हमला बोला है। उन्होंने कहा है कि नीतीश कुमार में अब नैतिकता नहीं बची है और कुर्सी के लिए वे भाजपा और राजद के सामने नतमस्तक हो गए हैं।
पीके ने कहा कि 2014 में नीतीश कुमार चुनाव नहीं हारे थे बल्कि उनकी पार्टी लोकसभा का चुनाव हार गई थी। नैतिकता के आधार पर नीतीश कुमार ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया था। लेकिन 2020 में नीतीश कुमार चुनाव हार गए। पीके ने कहा कि 243 विधानसभा में महज 40 विधायक जीते हैं तो यह चुनाव हारने के ही समान है। बावजूद इसके कोई न कोई जुगाड़ लगाकर वे मुख्यमंत्री के पद पर बने हुए हैं।
उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार में अब नैतिकता नहीं बची है और वे कुर्सी पर बने रहने के लिए कभी भाजपा के पैर पर गिरते हैं तो कभी राजद के लालटेन पर लटक जाते हैं। नीतीश कुमार न तो प्रशासक के तौर पर और ना ही राजनेता के तौर पर हैं। मानवता के आधार पर जिस नीतीश कुमार की 2014-15 में मदद की थी।
ये वही नीतीश कुमार हैं, जिन्होंने बाजपेयी सरकार में रेल मंत्री रहते हुए असम में हुए रेल हादसे के बाद इस्तीफा दे दिया था। उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार ने यह कहकर अपने पद से इस्तीफा दे दिया था कि 291 लोगों की मौत के बाद मैं इस पद पर कैसे रह सकता हूं, ये वही नीतीश कुमार हैं।
जबकि कोरोना काल के दौरान न जाने कितने ही लोग मौत के शिकार हो गए, बिहार के लाखों लोग सड़कों पर मारे मारे फिर रहे थे। लेकिन नीतीश कुमार ने अपने बंगले से बाहर निकलकर उनकी मदद करने की कोई कोशिश नहीं की और उन्हें उनके हाल पर छोड़ दिया था।