पटनाः बिहार में सड़कों पर पुलिस द्वारा की जानेवाली अवैध वसूली अभियान का पर्दाफाश हुआ है. इसके बाद पुलिस महकमे में सनसनी फैल गई है.
ऐसे में राजधानी पटना के मसौढ़ी इलाके में स्थित स्टेट हाइवे-83 से गुजरने वाले ट्रकों से 50 -50 रुपये वसूलने वाले दारोगा अरविंद कुमार सहित जिला पुलिस बल के दो जवानों प्रदीप कुमार रजक और अभिजीत कुमार को पटना के एसएसपी ने निलंबित कर दिया है. हाथ में राइफल लेकर नजराना वसूलने वाले ये सभी मसौढ़ी थाने पदस्थापित थे.
वहीं, वाहन के निजी चालक सहित इन सभी के खिलाफ उसी थाने में रंगदारी का केस भी दर्ज किया गया है. जानकारी के अनुसार केस दर्ज होने के बाद से निजी चालक, एएसआइ समेत तीनों पुलिसकर्मी फरार हैं. देर रात वसूली की लाइव वीडियो सामने आने के बाद इन पर कार्रवाई की गई.
एसएसपी उपेंद्र कुमार शर्मा ने बताया कि मामले की जांच की जा रही है
एसएसपी उपेंद्र कुमार शर्मा ने बताया कि मामले की जांच की जा रही है. साथ ही निलंबित पुलिस पदाधिकारी और पुलिसकर्मियों के खिलाफ विभागीय कार्रवाई की जाएगी. इसके साथ ही तीनों पुलिसकर्मियों और थाने की गश्ती गाड़ी के निजी चालक नीतीश कुमार के खिलाफ रंगदारी से रुपये वसूलने और अन्य धाराओं के अंतर्गत केस दर्ज किया गया है.
बताया जा रहा है कि मंगलवार की देर रात कुछ लोग जहानाबाद की ओर जा रहे थे. इसी बीच वहां से गुजर रहे कुछ जागरूक युवकों की नजर वसूली कर रहे पुलिसकर्मियों पर पड़ी. ट्रक से लेकर हरेक छोटे-बडे़ व्यावसायिक वाहनों को रुकवाकर पुलिस के जवान 50-50 रुपये वसूल रहे थे. पैसे लेने के बाद उसे गश्ती गाड़ीू के आगे बने बॉक्स में रखा जा रहा था. उसमें हजारों रुपये इकट्ठा हो गये थे.
यह सबकुछ देखने के बाद जब युवकों ने अपने मोबाइल का कैमरा पुलिसकर्मियों की ओर घुमाया तो वे भागने लगे. युवकों ने वहीं पर मौजूद एक निजी चालक को पकड़ लिया. पुलिस की गश्ती गाड़ी को चलाने वाला निजी चालक ही रुपये लेकर बॉक्स में रखा करता था.
खाकीधारी कैमरे के सामने अपना चेहरा छिपाने का प्रयास कर रहे थे
कैमरे में तस्वीर रिकॉर्ड होने के बाद वह उसे छोड़ देने की गुहार लगाने लगा. कई खाकीधारियों ने वीडियो बनाने वालों के पैर तक पकड़ने शुरू कर दिये. वे बार-बार इसे वायरल न करने की गुहार लगा रहे थे. कुछ पुलिसवाले यह सबकुछ देखकर भागने लगे. जबकि कई खाकीधारी कैमरे के सामने अपना चेहरा छिपाने का प्रयास कर रहे थे.
लाइव वीडियो देख मसौढ़ी में तैनात प्रशिक्षु आइपीएस सह थानाध्यक्ष शुभम आर्य और पुलिस इंस्पेक्टर रंजीत कुमार रजक घटनास्थल पर पहुंच गए. उनके पहुंचने के पहले ही आरोपित पुलिस पदाधिकारी, दोनों पुलिसकर्मी व निजी चालक मौके से फरार हो गए थे. शुभम आर्य ने बताया कि वाहनों को जबरन रोककर अवैध वसूली करने के आरोपित सहायक अवर पुलिस निरीक्षक अरविंद कुमार, जिला पुलिस बल के सिपाही प्रदीप कुमार रजक व अभिजीत कुमार को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है.
वीडियो के वायरल होने के बाद कई सवाल खडे़ होने लगे हैं
वहीं, इस वीडियो के वायरल होने के बाद कई सवाल खडे़ होने लगे हैं. क्या इलाके के थानेदार और डीएसपी को इन बातों की जानकारी नहीं थी? क्या ये अफसर रात्रि गश्ती की मॉनिटरिंग नहीं करते थे? अगर रात की गश्ती पर नजर रखी जाती थी तो पुलिसवालों के इस काले कारनामे पर थानेदार और डीएसपी की नजर क्यों नहीं गयी?
लोगों ने यह भी जानकारी दी कि रोज राज्य के विभिन्न रूटों पर पुलिस की गश्ती गाड़ी व्यवसायिक वाहनों से तसीली करने में व्यस्त रहती है. जो वाहन चालक रुपये नहीं देते हैं, उनकी गाड़ी के कागजात को चेक कर उन्हें रोक दिया जाता है. इसके बाद उनका भयादोहन शुरू कर दिया जाता है. ऐसा कोई एक जगह नही बल्कि पूरे बिहार की कहानी है. लेकिन कोई डर से इसकी शिकायत नही करता है. अब जाकर यह मामला खुलकर सामने आया है.