पटना में ऑक्सीसन की बढ़ी मांग के बीच डीएम ने जताई तीन बड़े अस्पतालों में गड़बड़ी की आशंका, जांच की मांग की
By एस पी सिन्हा | Published: April 29, 2021 06:50 PM2021-04-29T18:50:48+5:302021-04-29T18:53:22+5:30
बिहार में भी कोरोना के मामले हाल के दिनों में तेजी से बढ़े हैं। साथ ही ऑक्सीजन की मांग भी बढ़ी है। इस बीच पटना के डीएम ने कुछ अस्पतालों में ऑक्सीजन को लेकर गड़बड़ी किए जाने की आशंका जताई है।
पटना:बिहार में कोरोना के कहर से कराह रहे लोगों में ऑक्सीजन की मांग बढ गई है. सरकार भी ऑक्सीजन की सप्लाई में अपनी पूरी ताकत झोंक रखी है, लेकिन इस बीच पटना के तीन बडे अस्पतालों में ऑक्सीजन को लेकर पटना के डीएम को गड़बड़झाला दिखने लगा है.
इसके बाद पटना डीएम चंद्रशेखर सिंह ने स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव को पत्र लिखकर जांच कराने की मांग की है. पत्र में कहा गया है कि विशेषज्ञ समूह से तीन मेडिकल कॉलेजों में ऑक्सीजन ऑडिट कराई जाए.
डीएम चंद्रशेखर सिंह ने कहा है कि जिले में ऑक्सीजन उत्पादन की कुल क्षमता 7 हजार सिलिंडर की है उनमें से 3 हजार सिलिंडर यही तीनों अस्पताल डिमांड कर रहे हैं. ऐसे में विशेषज्ञों से ऑडिट कराना जरूरी है. उन्होंने स्वास्थ विभाग के प्रधान सचिव को लिखे पत्र में कहा है कि पटना जिले में कोरोना का संक्रमण में अप्रत्याशित वृद्धि हो रही है.
बिहार के कई अस्पतालों में बढ़ी है ऑक्सीजन की मांग
कोविड का इलाज सरकारी अस्पतालों के साथ-साथ निजी अस्पतालों में किया जा रहा है. इसके लिए ऑक्सीजन की मांग की जा रही है. सीमित संसाधनों के बावजूद ऑक्सीजन की आपूर्ति यथासंभव किया जा रहा है.
पीएमसीएच, एनएमसीएच और आईजीआईएमएस के द्वारा 1-1 हजार जम्बो मेडिकल सिलेंडर की मांग की जा रही है. इसमें से अभी पीएमसीएच को एक हजार, एनएमसीएच को एक हजार तथा आईजीआईएमएस को 600 यानी कि इन तीनों संस्थानों को 2600 सिलेंडर प्रतिदिन उपलब्ध कराया जा रहा है.
इन तीनों मेडिकल कॉलेजों में कुल मिलाकर 700 से 800 बेड कोविड के लिए आरक्षित है. डीएम ने लिखा है कि दूसरी तरफ 90 निजी अस्पतालों में भी लगभग 2000 कोविड मरीजों का इलाज किया जा रहा है. इनकी मांग भी लगभग 4000 सिलेंडर प्रतिदिन की है. जिले में उपलब्ध ऑक्सीजन उत्पादन की कुल क्षमता ही 7000 सिलेंडर प्रतिदिन की है.
जिला, अनुमंडल एवं डेडिकेटेड कोविड-19 हेल्थ सेंटर की मांग को जोड़ने के बाद तथा गैर कोविड अस्पतालों में मरीजों के लिए ऑक्सीजन सप्लाई शामिल करने के बाद ऑक्सीजन की कुल मांग की तुलना में उपलब्धता काफी कम है, उन्होंने अपने पत्र में कहा है कि उद्योग विभाग से प्रतिदिन 1770 अतिरिक्त सिलेंडर उपलब्ध कराने का आग्रह किया गया है.
मेडिकल कॉलेजों में लिक्विड ऑक्सीजन स्टोरेज टैंक लगाने का अनुरोध भी स्वास्थ्य विभाग से किया गया है.