बिहार में निर्माणाधीन पुल गिरने का मामला पहुंचा पटना हाईकोर्ट, स्वतंत्र एजेंसी से जांच कराने की मांग

By एस पी सिन्हा | Published: June 6, 2023 02:36 PM2023-06-06T14:36:58+5:302023-06-06T14:38:29+5:30

बिहार में गंगा नदी पर बन रहे पुल के गिरने के मामले में पटना हाईकोर्ट के अधिवक्ता मणिभूषण सेंगर ने याचिका दायर की है। याचिका में कहा गया है कि भ्रष्टाचार, घटिया निर्माण सामग्री और निर्माण कंपनी के घटिया कार्य से यह पुल दोबारा ध्वस्त हुई है।

Bihar News case of bridge collapse under construction reached Patna High Court, demands for investigation by independent agency | बिहार में निर्माणाधीन पुल गिरने का मामला पहुंचा पटना हाईकोर्ट, स्वतंत्र एजेंसी से जांच कराने की मांग

बिहार में निर्माणाधीन पुल गिरने का मामला पहुंचा पटना हाईकोर्ट

पटना: बिहार में खगड़िया और भागलपुर जिले के बीच गंगा नदी पर बन रहे पुल के सुपर स्ट्रक्चर गिरने की घटना के बाद नीतीश सरकार की देशभर में किरकिरी हो रही है। भ्रष्टाचार को लेकर महागठबंधन सरकार विपक्ष के निशाने पर है।

दरअसल, यह पुल मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का ड्रीम प्रोजेक्ट है। एक ओर जहां उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव पुल के डिजाइन में ही गलती बता रहे हैं तो वहीं दूसरी तरफ मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इसे विभागीय गलती बताते हुए जांच के आदेश दिए हैं। इस बीच अब यह मामला अब पटना हाईकोर्ट पहुंच गया है। हाईकोर्ट में याचिका दायर की गई है।

यह लोकहित याचिका पटना हाईकोर्ट के अधिवक्ता मणिभूषण सेंगर द्वारा दायर की गई है। उन्होंने अपनी याचिका में कहा कि भ्रष्टाचार, घटिया निर्माण सामग्री और निर्माण कंपनी के घटिया कार्य से यह पुल दोबारा ध्वस्त हुई है। ये पुल 1700 करोड़ रुपए की लागत से बन रहा था। उन्होंने कोर्ट को इस मामले की जांच स्वतंत्र एजेंसी से कराये जाने की गुहार की है। 

साथ ही मांग की गई है कि पुल का निर्माण कर रही कंपनी को ब्लैकलिस्ट कर जिम्मेदार और दोषी लोगों से इस क्षति की वसूली की जाये। इससे पहले मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी भ्रष्टाचार होने की आशंका जता चुके हैं। उन्होंने कहा है कि कुछ गड़बड़ी हुई है, तभी ये पुल गिरा है। वहीं सरकार को आईआईटी रुड़की की उस रिपोर्ट का भी इंतजार है, जो पुल के जांच से जुड़ी है। 

मुख्यमंत्री ने इसे विभागीय गलती बताते हुए जांच के आदेश दिए हैं। उन्होंने पथ निर्माण विभाग के अपर मुख्य सचिव प्रत्यय अमृत को ही इसकी जांच सौंपी है। हालांकि, मुख्यमंत्री के इस फैसले से जदयू विधायक डा. संजीव कुमार को ही आपत्ति है। उन्होंने साफ तौर पर कहा कि जिस व्यक्ति के मार्गदर्शन में यह हादसा हुआ है, उसे जांच के कार्य से दूर रखना चाहिए। 

जदयू विधायक ने दावा किया कि कुछ समय पहले ही मैंने प्रत्यय अमृत को पिलर संख्या 10 और 11 में क्रैक आने की जानकारी दी थी इसके बाद भी प्रत्यय कुमार ने कोई संज्ञान नहीं लिया था। इधर, वन एवं पर्यावरण मंत्री तेज प्रताप यादव ने तो भाजपा को इसका कसूरवार ठहराया है। 

उन्होंने कहा कि इस पुल को भाजपा ने गिराया है। तेज प्रताप ने कहा कि हम पुल बना रहे हैं और भाजपा इसे गिरा रही है। इससे पहले तेजस्वी यादव ने कहा था ये पुल पहली बार नहीं गिरा, अप्रैल 2022 में भी यह निर्माणाधीन पुल गिरा था। इसके डिजाइन में ही फॉल्ट था।

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