मुंगेर में दुर्गा पूजा के दौरान गोलीकांडः जांच सीआईडी और एसआईटी ही करेगी, मृत युवक को 10 लाख मुआवजा देने का आदेश दिया
By एस पी सिन्हा | Updated: April 7, 2021 20:08 IST2021-04-07T20:07:56+5:302021-04-07T20:08:48+5:30
हाईकोर्ट ने बिहार सरकार के रवैये पर कड़ी टिप्पणी करते हुए मुंगेर के मौजूदा एसपी, कोतवाली थानेदार के साथ साथ गोलीकांड से जुडे़ तमाम पुलिस अधिकारियों का ट्रांसफर तत्काल करने का निर्देश दिया है.

पिता के बयान पर पुलिस वालों के खिलाफ कोतवाली में केस तो दर्ज किया गया था, लेकिन वे जांच की कार्रवाई से संतुष्ट नहीं थे.
पटनाः बिहार के मुंगेर में पिछले साल अक्टूबर में दुर्गा पूजा के प्रतिमा विसर्जन के दौरान हुई गोलीकांड मामले की सुनवाई करते हुए आज पटना हाईकोर्ट की तरफ से एक बड़ा आदेश दिया गया है.
अदालत ने केस की सुनवाई के दौरान सरकार के रवैये और पुलिस की जांच को लेकर सख्त नाराजगी जाहिर की. अदालत ने आदेश दिया है कि इस केस की जांच सीआईडी करेगी और उसकी मॉनिटरिंग हाईकोर्ट खुद करेगी. हाईकोर्ट ने बिहार सरकार के रवैये पर कड़ी टिप्पणी करते हुए मुंगेर के मौजूदा एसपी, कोतवाली थानेदार के साथ साथ गोलीकांड से जुडे़ तमाम पुलिस अधिकारियों का ट्रांसफर तत्काल करने का निर्देश दिया है. बता दें कि 26 अक्टूबर ,2020 को देर रात मूर्ति विसर्जन मूर्ति विसर्जन के दौरान हुए उपद्रव में अनुराग पोद्दार की मौत हो गई थी, जबकि आठ अन्य लोग गंभीर रूप से घायल हो गए थे.
पिता के बयान पर पुलिस वालों के खिलाफ कोतवाली में केस तो दर्ज किया गया था, लेकिन वे जांच की कार्रवाई से संतुष्ट नहीं थे. कोतवाली थाने में मूर्ति विसर्जन के दौरान लाठी चलाने के आरोप में 20 से 25 पुलिसकर्मियों पर थानाध्यक्ष के बयान पर मामला दर्ज किया गया था. मूर्ति विसर्जन की घटना को लेकर एक बड़ा बवाल हुआ था. गुस्साए लोगों ने सराय थाने में आग लगा दी थी.
इसके बाद चुनाव आयोग ने मुंगेर के हालात को देखते हुए जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक को हटाने की भी सिफारिश कर दी थी. वहीं, जंच से असंतुष्ट अनुराग के पिता अमरनाथ पोद्दार ने 6 जनवरी 2021 को पटना हाईकोर्ट में एक क्रिमिनल रिट दाखिल किया था. अमरनाथ पोद्दार ने पटना हाइकोर्ट में एडवोकेट मानस प्रकाश के जरिये क्रिमिनल रिट 6 जनवरी 2021 को फ़ाइल किया था साथ ही अर्जेंट हियरिंग के लिए मेंशन किया था, लेकिन ऐसा हुआ नहीं. इसके बाद अनुराग की मां ने जनवरी महीने में ही एडवोकेट अलख आलोक श्रीवास्तव के माध्यम से सुप्रीम कोर्ट में एक अपील की थी.
इस पर 25 जनवरी को सुप्रीम कोर्ट ने 2 महीने में पिता की अपील पर सुनवाई पूरी करने का निर्देश पटना हाईकोर्ट को दिया था. तब जाकर यहां इस मामले में सनुवाई शुरू हुई. पहली सुनवाई 12 फरवरी को हुई थी तब राज्य सरकार से 10 मार्च तक इस केस में जवाब मांगा था. मानस प्रकाश इस केस में अमरनाथ पोद्दार के एडवोकेट हैं. मानस प्रकाश के मुताबिक एसपी और इस केस से जुडे पुलिस वालों को मुंगेर से हटाए जाने के साथ ही दो बडे़ निर्देश न्यायाधीश न्यायमूर्ति राजीव रंजन प्रसाद की बेंच की तरफ से दिए गए हैं.
राज्य सरकार ने उस वक्त की एसपी लिपि सिंह को हटाकर मानवजीत सिंह ढिल्लों को मुंगेर का नया एसपी बनाया था. इसके बाद अमरनाथ पोद्दार पटना हाईकोर्ट पहुंचे थे. अब इस केस की जांच सीआईडी के अधिकारी करेंगे. इसके लिए 8 सदस्यों वाली एक एसआईटी बनाई गई है. डीएसपी प्रमोद कुमार राय के नेतृत्व में पूरे मामले की जांच की जाएगी. सीआईडी की पूरी जांच अब हाईकोर्ट की मॉनिटरिंग में होगी.
इनकी टीम को एक महीने में अपनी जांच रिपोर्ट सौंपने को भी कहा गया है. मानस प्रसाद के अनुसार एडवोकेट जनरल के माध्यम से सीआईडी ने अपनी तरफ से 54 प्वाइंट कोर्ट को बताए हैं. सीआईडी इन पर अपनी जांच करेगी. वहीं, हाईकोर्ट के इस फैसले के बाद मुंगेर की तत्कालीन एसपी लिपि सिंह के मुसीबत बढ़ने की भी संभावना व्यक्त की जाने लगी है.
जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष आरसीपी सिंह की बेटी लिपि सिंह के एसपी रहते ही मुंगेर गोलीकांड हुआ था. घटना की वीभत्स तस्वीरें सामने आई थीं. पुलिस के साथ कैसे कुछ सादे लिबास वाले गुंडे लोगों पर बर्बर तरीके से लाठियां बरसा रहे थे. चुनाव का समय था लिहाजा प्रशासन की कमान चुनाव आयोग के हाथ में थी.
चुनाव आयोग ने लिपि सिंह का स्थानांतरण कर आईएएस असंगवा चुआ आवो को इसकी जांच सौंपी थी. लेकिन जांच रिपोर्ट का क्या हुआ इसका कोई पता नहीं चल पाया. बाद में लिपि सिंह को सहरसा का एसपी बना दिया गया. अमरनाथ पोद्दार के वकील ने बताया कि हाईकोर्ट में सुनवाई के दौरान कोर्ट ने ये पाया कि गोलीकांड में अनुराग की कोई संलिप्तता नहीं थी.
लेकिन पुलिस की गोली से उसकी मौत हुई. कोर्ट ने अनुराग के परिजनों को तत्काल 10 लाख रुपये का मुआवजा देने को कहा है. हालांकि अनुराग के पिता ने 5 करोड रूपये का मुआवजा मांगा था औऱ पूरे मामले की जांच सीबीआई से कराने को कहा था. लेकिन कोर्ट ने कहा कि फिलहाल सीआईडी से ही जांच कराई जायेगी.
सीआईडी की रिपोर्ट देखने के बाद आगे फैसला लिया जायेगा. कोर्ट ने अनुराग पोद्दार के पिता को कहा कि अगर उन्हें जांच के दौरान किसी तरह की कोई जानकारी मिलती है तो वे कोर्ट को इसकी सूचना दे सकते हैं.