बिहार के भूमि सुधार एवं राजस्व मंत्री आलोक मेहता ने कहा- अंग्रेजों के दलालों का संचालन नागपुर से होता है
By एस पी सिन्हा | Published: January 30, 2023 07:44 PM2023-01-30T19:44:09+5:302023-01-30T19:48:14+5:30
बिहार के भूमि सुधार एवं राजस्व मंत्री आलोक मेहता ने भागलपुर में एक जनसभा को संबोधित करते हुए कहा था कि जिन्हें आज 10 फीसदी में गिना जाता है वह पहले मंदिर में घंटी बजाते थे और अंग्रेजों के दलाल थे। आलोक मेहता का निशाना आरएसएस पर था।

बिहार के भूमि सुधार एवं राजस्व मंत्री आलोक मेहता
पटना: बिहार के भूमि सुधार एवं राजस्व मंत्री आलोक मेहता ने कहा था कि आज आरएसएस को 10 फीसदी में गिना जाता है। वह पहले मंदिर में घंटी बजाते थे और अंग्रेजों के दलाल थे। राजद नेता के इस विवादित बयान पर जकमर हंगामा हुआ था। लेकिन आलोक मेहता अपने विवादित बयान को जायज ठहराने में लगे हुए हैं। उन्होंने अपनी 10 फीसदी वाले बयान पर कायम रहते हुए कहा कि शहीद जगदेव प्रसाद ने यह बात कही थी।
आलोक मेहता ने कहा कि शहीद जगदेव प्रसाद ने ही कहा था कि जो अंग्रेजों के दलाल थे उन्हें अंग्रेजों ने भारत से जाने से पहले अपनी सत्ता सौंपी थी। वह शोषक हो गए। यह वही 10 फीसदी हैं जो रूप बदल-बदल कर लोगों का शोषण करते रहते हैं।
आलोक मेहता ने कहा कि अंग्रेजों के दलालों का संचालन नागपुर से होता है। जब उनसे पूछा गया कि वह इसे साफ करें कि यह शोषक वर्ग कौन है? तो आलोक मेहता ने साफ कहा कि जो शोषक वर्ग है वह नागपुर से संचालित होता है। नागपुर के संचालन से ही शोषक वर्ग काम कर रहा है। आरएसएस के लोग अंग्रेजों के दलाल थे। अंग्रेजों की मुखबिरी करते थे। आज स्थिति यह हो गई सरकारी एजेंसियां बिक रही है। रेलवे, एयरपोर्ट सब बिक गए। बाद समय में कुछ बदलाव जरूर हुए। लालू यादव नीतीश कुमार के समय बदलाव हुए लेकिन घूम फिर कर वह दलाल वर्ग और शोषक वर्ग अत्याचार करता रहा।
बता दें कि आलोक मेहता ने भागलपुर में एक जनसभा को संबोधित करते हुए कहा था कि जिन्हें आज 10 फीसदी में गिना जाता है वह पहले मंदिर में घंटी बजाते थे और अंग्रेजों के दलाल थे। इतना ही नहीं मंत्री ने यह भी कहा कि यह जो 10 फीसदी लोग हैं उनके सामने जो आवाज उठाता था उनकी जुबान बंद कर दी जाती थी। उन्होंने कहा जो लोग 10 फीसदी हैं। आने वाले समय में आरक्षण पर खतरा है।