बिहार महागठबंधन सरकारः राजद और जदयू में सबकुछ ठीक-ठाक नहीं!, पूर्व मंत्री सुधाकर लगातार कर रहे हैं सीएम नीतीश पर हमला, जानें मामला
By एस पी सिन्हा | Published: December 25, 2022 06:13 PM2022-12-25T18:13:45+5:302022-12-25T18:15:05+5:30
Bihar Grand Alliance Government: एक ओर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार तो और दूसरी ओर उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव सत्ता का दूसरा केन्द्र बने हुए हैं।
पटनाः बिहार में सत्ता परिवर्तन के बाद सत्ताधारी दलों के द्वारा भले ही यह दावा किया जा रहा है कि सबकुछ ठीक-ठाक है, लेकिन जमीनी स्तर पर सबकुछ आल इज वेल दिखाई नहीं दे रहा है। सत्ता मिलने के बावजूद राजद के नेता बहुत खुश नजर नहीं आ रहे हैं। कारण कि राजद के अधिकतर मंत्री खुलकर काम काज नहीं कर पा रहे हैं।
ऐसे में राजद कार्यकर्ताओं की कोई मंशा पूरी नहीं हो पा रही है। हाल यह है कि राजद विधायक व पूर्व मंत्री सुधाकर सिंह लगातार नीतीश कुमार पर हमलावर बने हुए हैं। राजद नेताओं की बढ़ती नाराजगी और नीतीश कुमार पर हमलावर रुख के कारण ही पिछले दिनों तेजस्वी यादव को विधायक दल की बैठक बुलानी पडी थी।
कहा जा रहा है कि सत्ता हस्तांतरण से पहले तेजस्वी यादव नही चाह रहे हैं कि नीतीश कुमार पर कठोर व्यंग्यबाण छोड़ा जाए। लेकिन सत्ता मिलने के बावजूद सत्ता का लाभ नहीं मिलने से राजद के नेता दुखी बताये जा रहे हैं। इसके अलावा बिहार में इसवक्त सत्ता का दो केन्द्र बना हुआ है।
एक ओर जहां मुख्यमंत्री नीतीश कुमार तो है हीं तो दूसरी ओर राजद की ओर से उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव सत्ता का दूसरा केन्द्र बने हुए हैं। ऐसे में अब अधिकारी कोई भी फैसला लेने से पहले मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के अलावे तेजस्वी यादव के दरबार में हाजिरी लगा कर सलाह मशविरा करना नहीं भूलते।
इसी कडी में पिछले दिनों पदभार ग्रहण करने के फौरन बाद डीजीपी आरएस भट्टी ने तेजस्वी यादव के आवास पर जा कर सलाह-मशविरा किया था। जानकारों की मानें तो अधिकारी मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के अलावे उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव को ही ज्यादा तवज्जो दे रहे हैं। लेकिन राजद के मंत्रियों की पूछ नहीं हो पा रही है।
इसकी बानगी अभी पिछले दिनों ही देखने को मिली जब मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के यहां कृषि विभाग की हुई बैठक में विभागीय मंत्री को बुलाया ही नहीं गया। जबकि कृषि मंत्री राजद कोटे के ही हैं। यह महज कुछ उदाहरण मात्र हैं। महागठबंधन की सरकार बनने के बावजूद अधिकतर दल के लोग खुश नजर नहीं आ रहे हैं। जदयू के अलावे अन्य किसी दल के लोगों की बातें नहीं सुनी जा रही है।