बिहार चुनाव: चिराग पासवान ने बीजेपी के 22 बागियों को दिया था टिकट, सभी हारे, कौन है LJP का वो एकमात्र शख्स जिसे मिली जीत
By विनीत कुमार | Published: November 11, 2020 08:23 AM2020-11-11T08:23:10+5:302020-11-11T08:35:26+5:30
Bihar Election Result: बिहार में सबसे बुरा हाल एलजेपी का हुआ। पार्टी केवल एक सीट पर जीत हासिल करने में कामयाब रही। एलजेपी ने बीजेपी के कई बागियों को भी टिकट दिया था लेकिन इसका उसे कोई फायदा नहीं हुआ।
बिहार विधानसभा चुनाव के नतीजों में सबसे बुरा हाल लोक जनशक्ति पार्टी का रहा। चिराग पासवान ने एनडीए से अलग होकर बिहार में चुनाव लड़ने का फैसला किया लेकिन पार्टी केवल एक सीट जीत सकी। एलजेपी को एकमात्र जीत बेगूसराय के मटिहानी विधानसभा सीट पर मिली। चिराग के अकेले चुनाव लड़ने के फैसले का खामियाजा एनडीए को भी भुगतना पड़ा।
सबसे ज्यादा नुकसान जेडीयू को हुआ। चिराग पासवान पूरे चुनाव के दौरान नीतीश पर हमला बोलते रहे और आखिरकार जेडीयू को वोट ही काटने में सफल रह सके। इन सबके बीच दिलचस्प तथ्य ये भी है कि चिराग ने बीजेपी और एनडीए के कई बागियों को टिकट दिया था। इसके बावजूद उनकी ये सियासी चाल विफल रही।
चिराग पासवान ने बीजेपी के 22 बागियों को दिया था टिकट
बिहार में तीनों चरणों में हुए चुनाव में बीजेपी के बागी मैदान में थे। हालांकि, इससे कोई फायदा एलजेपी को नहीं हुआ। इन 22 बागियों में 21 उन सीटों पर खड़े थे जहां से जेडीयू मैदान में थी जबकि एक उम्मीदवार बनियापुर से एनडीए की हिस्सेदार वीआईपी के खिलाफ था।
बीजेपी के बागियों में दिनारा से राजेंद्र सिंह, सासाराम से रामेश्वर चौरसिया, पालीगंज से उषा विद्यार्थी, झाझा से डॉ रवींद्र यादव, जहानाबाद से इन्दू कश्यप, घोषी से राकेश कुमार सिंह, संदेश से श्वेता सिंह और अमरपुर से मृणाल शेखर थे, जो एलजेपी के टिकट पर चुनाव लड़े।
इसके अलावा रघुनाथपुर से मनोज कुमार सिंह, जीरादेई से विनोद तिवारी, गौड़ाबौराम से राजीव कुमार ठाकुर, दरभंगा ग्रामीण से प्रदीप कुमार ठाकुर, महाराजगंज से कुमार देव रंजन सिंह, बनियापुर से तारकेश्वर सिंह, एकमा से कामेश्वर सिंह मुन्ना, सुगौली से विजय प्रसाद गुप्ता, रानीगंज से परमानंद ऋषिदेव, अररिया से चंद्रशेखर सिंह बबन, कदवा से चंद्रभूषण ठाकुर, लौकहा से प्रमोद कुमार प्रियदर्शी, मधेपुरा से साकार सुरेश यादव और बरारी से विभाषचंद्र चौधरी वो नाम रहे जिन्होंने बीजेपी का दामन छोड़ एलजेपी के सिंबल पर चुनाव लड़ा।
LJP के राजकुमार सिंह 333 मतों से जीते
एलजेपी को एकमात्र जीत बेगूसराय जिले में आने वाली मटिहानी विधानसभा सीट पर मिली। यहां जीत का अंतर बेहद कम रहा। एलजेपी उम्मीदवार राज कुमार सिंह ने 333 मतों से जीत हासिल की। उन्हें 61364 वोट मिले जबकि दूसरे नंबर पर रहे जेडीयू के नरेंद्र कुमार सिंह (बोगो सिंह) को 61031 वोट हासिल हुए।
यहां माकमा उम्मीदवार राजेंद्र प्रसाद सिंह ने भी कड़ी चुनौती पेश की और 60599 वोट हासिल करने में कामयाब रहे। इस सीट पर दूसरे फेज में तीन नवंबर को वोटिंग हुई थी और 60.7% मतदान हुआ था। इससे पहले 2015 के चुनावों में जेडीयू उम्मीदवार बोगो सिंह चुनाव जीतने में सफल रहे थे।
राज कुमार सिंह 80 के दशक में 'तस्कर सम्राट' कहे गए कामदेव सिंह के बेटे हैं। कामदेव सिंह को कई लोगों के बीच गरीबों के मसीहा के दौर पर भी देखा जाता था। वहीं, पुलिस के अनुसार तस्करी का जाल उन्होंने बिहार से लेकर नेपाल तक तब फैला रखा था। 1980 में उनका एनकाउंटर हुआ था। कामदेव कांग्रेस के समर्थक माने जाते रहे थे।