Bankipur assembly result vidhan sabha: लव सिन्हा बांकीपुर विधानसभा सीट से भाजपा प्रत्याशी से 1300 वोटों से पीछे
By सतीश कुमार सिंह | Published: November 10, 2020 11:03 AM2020-11-10T11:03:09+5:302020-11-10T11:04:16+5:30
लव सिन्हा 1300 वोटों से पीछे चल रहे हैं। 11 बजे तक आंकड़े के अनुसार पुष्पम चौधरी का बुरा हाल है। शत्रुघ्न सिन्हा कांग्रेस के टिकट पर पिछले साल पटना साहिब सीट से लोकसभा चुनाव लड़े थे, जिसमें उन्हें हार का मुंह देखना पड़ा था।
पटनाः भाजपा का गढ़ मानी जाने वाली बांकीपुर विधानसभा सीट पर मौजूदा पार्टी विधायक को लगातार तीसरी बार जीतने से रोकने के लिए कांग्रेस ने अभिनेता से नेता बने शत्रुघ्न सिन्हा के बेटे लव सिन्हा को मैदान में उतारकर मुकाबले को दिलचस्प बना दिया है।
हालांकि आयोग के वेबसाइट के अनुसार लव सिन्हा 1300 वोटों से पीछे चल रहे हैं। 11 बजे तक आंकड़े के अनुसार पुष्पम चौधरी का बुरा हाल है। शत्रुघ्न सिन्हा कांग्रेस के टिकट पर पिछले साल पटना साहिब सीट से लोकसभा चुनाव लड़े थे, जिसमें उन्हें हार का मुंह देखना पड़ा था। कांग्रेस ने बांकीपुर सीट के 37 वर्षीय लव सिन्हा को उम्मीदवार बनाकर मतदाताओं को हैरानी में डाल दिया है। बिहार की राजधानी पटना का बड़ा हिस्सा बांकीपुर निर्वाचन क्षेत्र में आता है। इस संसदीय सीट पर शत्रुघ्न सिन्हा 2009 और 2014 में भाजपा के टिकट पर निर्वाचित हुए थे।
‘‘बिहारी बाबू’’ के नाम से जाने जाने वाले शत्रुघ्न सिन्हा ने 2014 में ‘‘मोदी लहर’’ के बीच सबसे बड़े अंतर से जीत हासिल की थी, लेकिन उन्हें पिछले साल अपने पूर्व कैबिनेट सहयोगी एवं पहली बार चुनाव लड़ रहे भाजपा के रवि शंकर प्रसाद के हाथों से इससे भी अधिक अंतर से करारी शिकस्त मिली थी। शत्रुघ्न सिन्हा के बेटे की राजनीतिक क्षमता के बारे में अभी अधिक जानकारी नहीं है। ऐसा बताया जाता है कि लव ने अभिनय में रुचि दिखाई थी, लेकिन वह शत्रुघ्न या अपनी बहन सोनाक्षी की तरह फिल्म जगत में अपनी जगह नहीं बना पाए।
लव सिन्हा के पिता की भीड़ को खींचने की क्षमता के अलावा बांकीपुर में जातीय समीकरण भी लव सिन्हा के पक्ष में प्रतीत होता है, जहां विजेता और उपविजेता कायस्थ ही रहे हैं। हालांकि उनके लिए निवर्तमान विधायक नितिन नवीन को हराना आसान नहीं होगा। 40 वर्षीय विधायक नितिन नवीन ने अब समाप्त हो चुकी पटना पश्चिम सीट से 2006 में उपचुनाव के साथ पदार्पण किया था। उनके पिता नवीन किशोर सिन्हा के निधन के बाद इस सीट पर चुनाव कराया गया था। नितिन नवीन हमेशा बड़े अंतर से जीत दर्ज करते रहे हैं।
इस सीट के लिए 3.91 लाख मतदाता बिहार विधानसभा के दूसरे चरण में मताधिकार का इस्तेमाल कर सकेंगे। इस चुनावी मैदान में कुल 22 उम्मीदवार मैदान में है। भाजपा और कांग्रेस के उम्मीदवारों के अलावा नवगठित ‘प्लूरल्स पार्टी’ की उम्मीदवार पुष्पम प्रिया चौधरी का नाम भी चर्चा का विषय बना हुआ है। चौधरी स्वयं को अपनी पार्टी की ओर से ‘‘मुख्यमंत्री पद की उम्मीदवार’’ बताती हैं। पुष्पम बिहार के जदयू नेता रहे और पूर्व विधान पार्षद विनोद चौधरी की पुत्री हैं।
पुष्पम का कहना है कि उन्होंने लंदन स्कूल ऑफ़ इकनॉमिक्स से पढ़ाई की है। राजग नेता लव सिन्हा को ‘‘पैराशूट (बाहर से आए) उम्मीदवार’’ बता रहे हैं, लेकिन शत्रुघ्न सिन्हा का कहना है कि वह ‘‘बिहार के पुत्र’’ हैं और यहां के लोगों के लिए लंबे समय में काम कर रहे हैं। कुछ भाजपा नेताओं को इस सीट पर अपनी पार्टी की जीत का इतना भरोसा है कि उनका कहना है कि ‘‘यदि अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप भी पटना में भाजपा के खिलाफ चुनाव लड़ते हैं, तो उन्हें भी हार ही झेलनी पड़ेगी’’।