बिहार चुनाव: पहले चरण की 71 सीटों पर थम गया प्रचार, मतदान 28 को, नीतीश के इन 8 मंत्रियों की साख दांव पर

By स्वाति सिंह | Published: October 26, 2020 06:26 PM2020-10-26T18:26:15+5:302020-10-26T18:34:00+5:30

पहले चरण में नीतीश सरकार के आठ मंत्रियों की साख दांव पर लगी है, इन मंत्रियों में गया से कृषि मंत्री डॉ प्रेम कुमार, जहानाबाद से कृष्ण नंदन वर्मा, जमालपुर से शैलेश कुमार, दिनारा से जय कुमार सिंह, राजापुर से संतोष कुमार निराला, बांका से रामनारायण मंडल, लखीसराय से विजय कुमार सिन्हा और चैनपुर से बृजकिशोर बिंद हैं।

Bihar Election: Campaigning on 71 seats of first phase stops, turnout on 28th; credibility of 8 ministers of Nitish stake | बिहार चुनाव: पहले चरण की 71 सीटों पर थम गया प्रचार, मतदान 28 को, नीतीश के इन 8 मंत्रियों की साख दांव पर

बिहार विधानसभा चुनाव के पहले चरण में 1066 प्रत्याशियों की किस्मत का फैसला होना है।

Highlightsबिहार विधानसभा के पहले चरण का चुनाव प्रचार सोमवार को थम गया। पहले चरण में नीतीश सरकार के आठ मंत्रियों की साख दांव पर लगी है

पटना: बिहार विधानसभा के पहले चरण का चुनाव प्रचार सोमवार को थम गया। प्रचार के आखिरी दिन यहां बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा, सीएम नीतीश कुमार और आरजेडी नेता तेजस्वी यादव समेत कई बड़े नेताओं ने चुनावी रैली की। बता दें कि 28 अक्टूबर को बिहार की 71 सीटों पर पहले चरण की वोटिंग होनी है।

यहां पहले चरण में 1066 प्रत्याशियों की किस्मत का फैसला होना है। पहले फेज में दो करोड़ 14 लाख छह हजार 96 मतदाता करेंगे। पहले चरण में पटना जिले की पांच, भागलपुर की दो, भभुआ, रोहतास, बक्सर, भोजपुर, औरंगाबाद, नवादा, गया, जमुई, बांका, जहानाबाद, अरवल, नवादा व शेखपुरा जिलों में मतदान होगा। नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में सुरक्षा कड़ी कर दी गई है।

नीतीश सरकार के आठ मंत्रियों की साख दांव पर

पहले चरण में नीतीश सरकार के आठ मंत्रियों की साख दांव पर लगी है, इन मंत्रियों में गया से कृषि मंत्री डॉ प्रेम कुमार, जहानाबाद से शिक्षा मंत्री कृष्ण नंदन वर्मा, जमालपुर से ग्रामीण कार्य मंत्री शैलेश कुमार, दिनारा से विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री जय कुमार सिंह, राजापुर से परिवहन मंत्री संतोष कुमार निराला, बांका से राजस्व मंत्री रामनारायण मंडल, लखीसराय से श्रम मंत्री विजय कुमार सिन्हा और चैनपुर से अनुसूचित जाति-जनजाति कल्याण मंत्री बृजकिशोर बिंद हैं। 

दिनारा विधानसभा सीट

दिनारा विधानसभा सीट रोहतास जिले में पड़ता है और यह बक्सर (लोकसभा) निर्वाचन क्षेत्र का एक हिस्सा है। दिनारा सीट बिहार के हाई प्रोफाइल सीटों में शामिल है। यह सीट विज्ञान व प्रौद्योगिकी मंत्री जय कुमार सिंह के नाम से जानी जाती है। एनडीए सीट शेयरिंग में दिनारा विधानसभा सीट जेडीयू के खाते में गई है, जिसके चलते नीतीश कुमार ने अपने मौजूदा विधायक जय सिंह पर भरोसा जताया है। वहीं, आरजेडी से विजय मंडल यहां से प्रत्याशी हैं। एनडीए सीट शेयरिंग में दिनारा विधानसभा सीट जेडीयू के खाते में गई है, जिसके चलते नीतीश कुमार ने अपने मौजूदा विधायक जय सिंह पर भरोसा जताया है जबकि आरजेडी से विजय मंडल यहां से प्रत्याशी हैं। बीजेपी के प्रदेश उपाध्यक्ष और संघ प्रचारक रहे राजेंद्र सिंह ने एलजेपी से टिकट लेकर यहां के चुनावी मुकाबले को दिलचस्प बना दिया है। लेकिन यहां राजेंद्र सिंह एलजेपी से मैदान में हैं, जिसके चलते जेडीयू का राजनीतिक समीकरण गड़बड़ाता दिख रहा। 

गया टाउन विधानसभा सीट

गया टाउन विधानसभा सीट से बीजेपी के कद्दावर नेता और बिहार सरकार के कृषि मंत्री डॉ प्रेम कुमार मैदान में हैं, जिनके खिलाफ कांग्रेस के अखौरी ओंकार नाथ मैदान में है। वहीं, आरएलएसपी से रणधीर कुमार और पप्पू यादव की जन अधिकार पार्टी से निखिल कुमार हैं। सात बार के विधायक प्रेम कुमार का गया टाउन मजबूत गढ़ माना जाता है। हालांकि, इस बार उनके सामने महागठबंधन के अखौरी ओंकार नाथ एक बड़ी चुनौती बन गए। 

बांका विधानसभा सीट 

बांका विधानसभा सीट पर नीतीश सरकार में भूमि सुधार राजस्व मंत्री और बीजेपी नेता रामनारायण मंडल मैदान में हैं। इधर, आरजेडी से पूर्व विधायक जावेद इकबाल अंसारी और आरएलएसपी के कौशल सिंह उतरने से मुकाबला काफी दिलचस्प हो गया है। यहां जावेद अंसारी यादव और मुस्लिम समीकरण के जरिए बीजेपी से यह सीट छिनना चाहते हैं। वहीं, रामनारायण मोदी और नीतीश के सहारे एक बार फिर जीत दर्ज करने में जुटे हैं। 

लखीसराय विधानसभा सीट 

लखीसराय विधानसभा सीट पर बीजेपी विधायक और नीतीश सरकार के श्रम संसाधन मंत्री विजय कुमार सिन्हा एक बार फिर मैदान में है, जिनके खिलाफ महागठबंधन की ओर से कांग्रेस के अमरीश कुमार अनीश किस्मत आजमा रहे हैं। वहीं, बसपा की तरफ से राजीव कुमार धानुक मैदान में उतरकर मुकाबले को चुनौती पूर्ण बना दिया है। हालांकि लखीसराय सीट से बीजेपी के विजय कुमार सिन्हा दो बार जीतकर विधानसभा पहुंच चुकी हैं और इस हैट्रिक लगाने के मकसद से चुनाव में हैं। 

चैनपुर विधानसभा सीट 

चैनपुर विधानसभा सीट पर नीतीश के खनन मंत्री और बीजेपी विधायक बृज किशोर बिंद की साख दांव पर लगी है। बृज किशोर बिंद के खिलाफ कांग्रेस के प्रत्याशी प्रकाश कुमार सिंह को मैदान में है। बसपा ने अपने पुराने उम्मीदवार मोहम्मद जमा खान जबकि जाप ने दिवान अरशद हुसैन पर दांव लगाया है। ऐसे में इस बार मुकाबला काफी दिलचस्प हो गया है। इस सीट पर बसपा एक अहम फैक्टर माना जा रहा है। 

जहानाबाद विधानसभा सीट 

जहानाबाद विधानसभा सीट बिहार की हाई प्रोफाइल सीटों में से एक है। यहां से नीतीश सरकार शिक्षा मंत्री और जेडीयू नेता कृष्णनंदन प्रसाद वर्मा चुनावी मैदान में उतरे हैं। मालूम हो कि वर्मा 2015 में महागठबंधन के उम्मीदवार के रूप में घोसी से चुनाव मैदान थे और जीत दर्ज कर विधानसभा पहुंचे थे। हालांकि, इस बार उन्होंने सीट बदल दी है और जहानाबाद से मैदान में है, जिनके खिलाफ आरजेडी से कुमार कृष्ण मोहन उर्फ सुदय यादव किस्मत आजमा रहे हैं। यहां कृष्णनंदन प्रसाद वर्मा की राह में सबसे बड़ी बाधा एलजेपी प्रत्याशी इंदु देवी कश्यप बनी हुई है। 

जमालपुर विधानसभा सीट पर त्रिकोणीय समीकरण 

जमालपुर विधानसभा सीट पर नीतीश सरकार के मंत्री और जेडीयू नेता ग्रामीण कार्य मंत्री शैलेश कुमार मैदान में हैं। वहीं, महागठबंधन से यहां कांग्रेस के डॉ अजय कुमार सिंह हैं। एलजेपी से दुर्गेश कुमार सिंह के उतरने से जमालपुर में त्रिकोणीय लड़ाई बन गई है। शैलेश कुमार 2015 और 2010 का विधानसभा चुनाव एलजेपी को को हरा कर जीते हैं। हालांकि, यहां से तीन बार से लगातार विधायक चुने जा रहे हैं। शैलेष के सामने लगातार चौथी बार सीट निकालने की चुनौती होगी तो उनके विरोधी सीट जीतने में कोई कमी कसर नहीं छोड़ना चाहेंगे। 

राजपुर विधानसभा सीट 

बक्सर जिले की राजपुर विधानसभा (सुरक्षित) सीट से नीतीश सरकार के परिवहन मंत्री संतोष कुमार निराला मैदान में है। जेडीयू नेता संतोष कुमार निराला लगातार दो बार चुनाव जीत चुके हैं। 2010 में एलजेपी के छेदी लाल राम और 2015 में बीजेपी के विश्वनाथ राम को हराया था। हालांकि, इस बार विश्वनाथ राम कांग्रेस के टिकट पर हैं तो एलजेपी के निर्भय कुमार निराला ने उतरकर राजपुर सीट का मुकाबला त्रिकोणीय बना दिया है।

मोकामा में अनंत सिंह पर रहेगी खास नजर

पहले चरण के मतदान के दौरान मोकामा विधानसभा क्षेत्र पर खास नजर रहेगी। यहां से बाहुबली अनंत सिंह मैदान में हैं। अनंत सिंह पहले जनता दल यूनाइटेड (JDU) के अध्‍यक्ष व मुख्‍यमंत्री नीतीश कुमार के करीबी माने जाते थे। वे जेडीयू के विधायक भी थे। लेकिन नीतीश कुमार के महागठबंधन में शामिल होने के दौर में आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव के विरोध के कारण उन्‍हें पार्टी से बाहर जाना पड़ा। फिर, उन्‍होंने निर्दलीय चुनाव लड़ा और मोकामा के विधायक बने। करवट बदलती राजनीति में अब वे लालू प्रसाद यादव के साथ हैं। वे मोकामा से आरेजडी के प्रत्‍याशी हैं। बाहुबली नेता लोक जनशक्ति पार्टी (LJP) से इस्तीफा देकर तरारी सीट से निर्दलीय लड़ रहे सुनील पांडेय का दम भी देखा जाएगा।

 

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