बिहार में कांग्रेस को झटका देने की तैयारी! भाजपा का दावा- टूट सकते हैं कई विधायक, शिवसेना जैसा होगा हाल
By एस पी सिन्हा | Published: July 1, 2022 09:11 PM2022-07-01T21:11:29+5:302022-07-01T21:14:00+5:30
भाजपा ने दावा किया है बिहार में कांग्रेस के कई विधायक टूट सकते हैं. कांग्रेस के कई विधायक अगले चुनाव में अपने-अपने क्षेत्रों के सामाजिक समीकरण को देखते हुए पाला बदलने की तैयारी में हैं.
पटना: बिहार में AIMIM के बाद अब कांग्रेस पार्टी में टूट का खतरा मंडराने लगा है. बिहार कांग्रेस के विधायकों के टूटने का दावा भाजपा ने किया है. प्रदेश भाजपा ने दावा किया है कि महाराष्ट्र में शिवसैनिकों में जैसी टूट हुई है, वैसी ही बिहार कांग्रेस में आने वाले दिनों में टूट देखी जायेगी. बिहार कांग्रेस के विधायक भी टूटने के लिए तैयार हैं.
भाजपा के अनुसार सोनिया गांधी के गिरते स्वास्थ्य और राहुल गांधी के अक्षमता के कारण तमाम विधायकों को भी अपने भविष्य की चिंता है. परिवारवाद के खिलाफ अब कांग्रेस विधायक तैयार हो रहे हैं.
गौरतलब है कि बीते वर्षों में बिहार की सियासत में जिस तरह से पाला बदलने और छोटे दलों के बड़े दलों में विलय की घटनाएं देखी जा रही हैं, उसमें कुछ भी असंभव नहीं. विधानसभा चुनाव के बाद बसपा विधायक ने जदयू का हाथ था. इसके बाद उपेन्द्र कुशवाहा ने अपनी पार्टी रालोसपा को जदयू में विलय करा लिया.
वहीं, बिहार में बड़ा उलटफेर करते हुए लोजपा में टूट हुई और एकमात्र विधायक जदयू के साथ चले गए. ऐसे में अब यह कहा जा रहा है कि कांग्रेस विधायक अपने स्थानीय परिस्थितियों के मुताबिक गहन सोच-विचार कर रहे हैं.
कांग्रेस के 10 से 12 विधायक हो सकते हैं अलग
सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक कांग्रेस के 10-12 विधायक जदयू के संपर्क में हैं. हालांकि जदयू वेट एंड वॉच की स्थिति में है. अंदर खाने से जो खबर आ रही है उसके मुताबिक कांग्रेस के कई विधायक अगले चुनाव में अपने-अपने क्षेत्रों के सामाजिक समीकरण को देखते हुए पाला बदलने की तैयारी में हैं.
सूत्रों के अनुसार राजद से अलगाव और दूरी बनने के बाद तमाम विधायकों की नजर भाजपा की तरफ भी है. फिलहाल कांग्रेस पार्टी के बिहार में 19 विधायक हैं. बता दें कि दल-बदल कानून के तहत टूट के लिए लगभग 13 विधायक साथ होने चाहिए.
जाहिर है यह किसी भी तरह आसान काम नहीं है. वहीं, कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता राजेश राठौर ने कहा कि भाजपा का काम पैसे के बल पर सभी दलों को तोड़ना है पर कांग्रेस पूरी तरह मजबूत है और तमाम विधायक एकजुट हैं. उन्होंने कहा कि पिछले कई सालों से यही बात सुनने को मिलती है पर कांग्रेस को तोड़ने की ताकत किसी में नहीं है. कांग्रेस लगातार मजबूत हो रही है.
बता दें कि बिहार में सभी मुख्य राजनीतिक पार्टियां सबसे बड़ी पार्टी बनने की होड़ में लगी हुई हैं. नंबर गेम जुटाने में फिलहाल राजद 80 विधायकों के साथ सबसे टॉप पर है तो, भाजपा 77 विधायकों के साथ नंबर दो पर हैं. बीते मई माह में मुकेश सहनी की वीआईपी के सभी तीन विधायक ने पाला बदलते हुए भाजपा का दामन थाम लिया था.
वहीं 30 जून को समाप्त हुए मॉनसून सत्र में असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी एआईएमआईएम के बिहार में पांच में से चार विधायक ने राजद में खुद को विलय कर लिया था.