बिहार विधानसभा चुनावः कई बाहुबली मैदान में, अनंत सिंह, आनंद मोहन की पत्नी, राजबल्लभ यादव सहित कई नाम
By एस पी सिन्हा | Published: October 21, 2020 01:18 PM2020-10-21T13:18:05+5:302020-10-21T13:18:05+5:30
बिहार में विधानसभा चुनावः लोकसभा चुनाव में भी कई बाहुबलियों की पत्नियों ने हाथ आजमाया था, जिसमें किसी को जीत किसी को हार मिली थी. इस बार भी चुनाव में कई दबंग और उनकी पत्नी भी आजमा रही हैं.
पटनाः बिहार में विधानसभा चुनाव को लेकर सियासी दल लगातार रणनीतिक तैयारी में जुटे हुए हैं. विधानसभा चुनाव में कहीं बाहुबली नेता तो कही उनकी पत्नियां विधानसभा चुनाव में मैदान में उतर गई हैं.
ये कोई पहली बार नहीं है जब बिहार में चुनाव में बाहुबलियों या उनकी पत्नियों का बोलबाला रहा हो. लोकसभा चुनाव में भी कई बाहुबलियों की पत्नियों ने हाथ आजमाया था, जिसमें किसी को जीत किसी को हार मिली थी. इस बार भी चुनाव में कई दबंग और उनकी पत्नी भी आजमा रही हैं. इस बार भी चुनाव में कई दबंग और उनकी पत्नी भी आजमा रही हैं.
वैसे, बिहार में बाहुबली और आपराधिक पृष्ठभूमि वाले लोग पिछले कई सालों से बिहार चुनाव में अपनी दावेदारी पेश करते आए हैं. अपनी छवि की वजह से बाहुबलियों और दबंगों के लिए किसी भी राजनीतिक दल से टिकट लेना आसान होता है. वर्तमान में बिहार के कई बाहुबली आपराधिक कृत्य के लिए जेल की हवा खा रहे हैं, लेकिन इन बाहुबलियों का खौफ इनके चुनावी क्षेत्र में आज भी कायम है.
इसे इस रूप में समझ सकते हैं कि जेल में रहने के बावजूद ये बाहुबली अपने क्षेत्र से अपनी पत्नियों को चुनावी मैदान में उतार रहे हैं. राज्य में बाहुबलियों की सूची लंबी है. वर्तमान में कई बाहुबलियों की पत्नियां कहीं से विधायक हैं तो कहीं से सांसद. बिहार में सक्रिय पार्टियां किसी तरह ज्यादा से ज्यादा सीटें जितने के लिए बाहुबलियों या उनके रिश्तेदारों को टिकट दे रही हैं.
पूर्व सांसद रामा सिंह की पत्नी वीणा देवी को भी राजद ने मनहार से टिकट दिया
इसी कड़ी में लोजपा के पूर्व सांसद रामा सिंह की पत्नी वीणा देवी को भी राजद ने मनहार से टिकट दिया है. राजद के दिवंगत नेता रघुवंश प्रसाद, रामा सिंह के राजद में शामिल करने के सख्त खिलाफ थे. इसके लिए उन्होंने राजद प्रमुख लालू यादव को खत लिखकर इस्तीफा तक दे दिया था.
रघुवंश प्रसाद और रामा सिंह सियासी रायवल माने जाते थे. रामा सिंह पर भी कई आपराधिक मामले दर्ज हैं. इनमें कई मामले रघुवंश प्रसाद के करीबियों की हत्या के ही है. हालांकि, आज तक ये आरोप कानूनी रूप से सिद्ध नहीं हुए हैं.
इसके साथ ही बिहार के सबसे चर्चित बाहुबली अनंत सिंह इस बार भी राजद से चुनाव लड रहे हैं. अनंत सिंह पांचवीं बार मैदान में हैं. वह इसबार बाढ विधानसभा सीट पर अपना भाग्य आजमा रहे हैं. 2015 में नीतीश कुमार से अलग होने बाद अनंत सिंह निर्दलीय चुनाव लडे़ और उन्होंने जदयू के मौजूदा मंत्री नीरज कुमार को हराया. वहीं, इस बार अनंत सिंह को राजद ने टिकट दिया है.
वारदातों को अंजाम देने वाला अनंत सिंह बिहार के बेउर जेल में बंद हैं
मोकामा और बिहार के दूसरे जगहों पर अपहरण, हत्या, बलात्कार, लुट-पाट जैसी अनेक वारदातों को अंजाम देने वाला अनंत सिंह बिहार के बेउर जेल में बंद हैं. अनंत सिंह पर बिहार में करीब 35 आपराधिक मामले दर्ज हैं. जेल में होने के कारण अनंत सिंह अपनी पत्नी नीलम देवी को इस बार बिहार विधानसभा चुनाव में उतारा था.
हालांकि उन्होंने बाद अपना नामांकन वाप्स ले लिया. अनंत सिंह पटना जिले के मोकामा इलाके में छोटे सरकार के नाम से जाने पहचाने जाने जाते हैं. अनंत सिंह कुछ साल पहले तक ज्दयू के नेता और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के खास थे. लेकिन बाढ़ में पुटुश हत्याकांड के बाद उनका जदयू से नाता टूट गया. इसके बाद वे निर्दलीय विधायक बने. इस बार अनंत सिंह राजद से चुनाव मैदान में ताल ठोक रहे हैं.
वहीं, राजद ने पटना जिले में अनंत सिंह के अलावा एक और बाहुबली नेता को चुनाव मैदान में उतारा है. पार्टी ने दबंग रीतलाल यादव को दानापुर विधानसभा सीट से अपना प्रत्याशी बनाया है. रीतलाल यादव कुछ ही दिन पहले जेल से आए हैं और फिलहाल जमानत पर हैं. रीतलाल यादव को दानापुर इलाके का कुख्यात माना जाता रहा है. वर्तमान भाजपा विधायक आशा सिन्हा के पति सत्यनारायण सिन्हा की हत्या में भी रीतलाल यादव का नाम आया है.
बाहुबलियों की एंट्री की शुरुआत आनंद मोहन के विधायक बनने के समय से ही शुरू होता
इसके अलावे बिहार की राजनीति में बाहुबलियों की एंट्री की शुरुआत आनंद मोहन के विधायक बनने के समय से ही शुरू होता है. आनंद मोहन ने पहली बार 1990 में विधायक का चुनाव जीता था. इन दिनों गोपालगंज के पूर्व डीएम जी. कृष्णैया हत्याकांड के आरोपी के रूप में जेल में सजा काट रहे हैं. आनंद मोहन ने सालों पहले लालू यादव के खिलाफ बिहार पीपुल्स पार्टी बनाकर सुर्खियां बटोरी थीं, लेकिन साल 2020 का परिदृश्य बदल चुका है. इस चुनाव में उनकी पत्नी लवली आनंद राजद में शामिल हो गई हैं.
इसी पार्टी के टिकट पर लवली आनंद सहरसा विधानसभा सीट से चुनाव मैदान में हैं. पूर्व सांसद आनंद मोहन सिंह फिलहाल सहरसा जेल में बंद हैं. वह आजीवन कारावास की सजा काट रहे हैं. बाहुबली आनंद मोहन की पत्नी के अलावा राजद ने उनके बेटे चेतन आनंद को भी चुनाव मैदान में उतारा है. पार्टी ने चेतन आनंद को शिवहर विधानसभा सीट से अपना उम्मीदवार घोषित किया है. ऐसे में देखना होगा कि मां लवली आनंद के साथ-साथ चेतन किस हद तक राजनीति में सफल हो पाते हैं.
राजद के सांसद रह चुके बाहुबली प्रभुनाथ सिंह इन दिनों जेल में सजा काट रहे हैं
इसके साथ ही राजद के सांसद रह चुके बाहुबली प्रभुनाथ सिंह इन दिनों जेल में सजा काट रहे हैं. इसलिए उनकी जगह राजद ने उनके बेटे को चुनाव मैदान में उतारा है. राजद ने लालू यादव के करीबी रहे इस पूर्व नेता के बेटे रणधीर सिंह को छपरा विधानसभा सीट से अपना उम्मीदवार बनाया है.
जबकि नवादा से राजद के विधायक रहे बाहुबली राजबल्लभ यादव नाबालिग से दुष्कर्म के मामले में जेल की सजा काट रहे हैं. ऐसे में राजद ने उनकी पत्नी को चुनाव के मैदान में उतारा है. पार्टी ने तमाम आलोचनाओं के बावजूद राजबल्लभ यादव की पत्नी विभा देवी को नवादा विधानसभा सीट से अपना उम्मीदवार घोषित किया है. विभा राजद से लोकसभा 2019 का चुनाव हार चुकी हैं. आजीवन कारावास की सजा काट रहे राजबल्लभ जेल में बंद हैं.
इसी तरह राजद के बाहुबली उम्मीदवारों की लिस्ट में एक नाम भोजपुर जिले के विधायक अरुण यादव की पत्नी का है. अरुण यादव भी नाबालिग से दुष्कर्म के मामले में फरार चल रहे हैं. ऐसे में पार्टी ने उनकी पत्नी किरण देवी को अपना उम्मीदवार घोषित कर दिया है. अरुण यादव को फिलहाल पुलिस तलाश रही है. अरुण यादव भोजपुर जिले में खासा चर्चित नाम है. इनके आतंक की कहानी यहां चप्पे-चप्पे पर लोग जानते है.
वही, मनोरमा देवी जदयू की विधान पार्षद हैं, जिन्हें लोग बाहुबली नेता बिंदी यादव की पत्नी के रूप में जानते रहे हैं. मनोरमा देवी के परिवार की पहचान कुछ साल पहले हुए आदित्य सचदेव हत्याकांड से भी रही है. बहरहाल, मनोरमा देवी इस बार चुनाव मैदान में उतरी हैं. वह गया की अतरी विधानसभा सीट से जदयू प्रत्याशी के तौर पर चुनाव लड़ रही हैं. कार को साइड नहीं देने के कारण हत्या करने वाले रॉकी यादव की मां और दबंग रहे बिंदी यादव की पत्नी हैं. वर्तमान में मनोरमा देवी स्थानीय प्राधिकार क्षेत्र से विधान पार्षद हैं. घर में शराब मिलने के जुर्म में मनोरमा भी जेल जा चुकी हैं.
इसके साथ ही बिहार के बाहुबली नेताओं में एक चर्चित नाम विजय कुमार शुक्ला उर्फ मुन्ना शुक्ला का भी रहा है. लालगंज विधानसभा सीट से करीब डेढ़ दशक तक विधायक रहे मुन्ना शुक्ला इस साल भी अपनी पत्नी को निर्दलिए चुनाव लड़ा रहे हैं. उनकी पत्नी अन्नू शुक्ला भी विधायक रह चुकी हैं.
लालगंज के विधायक विजय कुमार उर्फ मुन्ना शुक्ला राजद सरकार के पूर्व मंत्री बृज बिहारी प्रसाद की हत्या में दोषी करार दिया जा चुका है. इस बार चुनावी अखाडे में उनकी पत्नी अन्नू शुक्ला मतदाओं से वोट मांगती नजर आएंगी.उसी तरह से कुचायकोट से अमरेंद्र पांडेय भी पांचवी बार मैदान में है. जदयू के टिकट से मैदान में उतरे अमरेंद्र पांडेय की जीत पहले से ही सुनिश्चित मानी जा रही है और इसका कारण है कि इस इलाके में उनका बोलबाला है. लोग उनके द्वारा किए गए कामों की तारीफ करते हैं.
वहीं, रुन्नी सैदपुर से राजेश चौधरी की पत्नी गुड्डी देवी, रूपौली से अवधेश मंडल की पत्नी बीमा भारती, दरौंधा से अजय सिंह की पत्नी कविता सिंह. नवादा से कौशल की पत्नी पूर्णिमा यादव, खगड़िया से रणवीर यादव की पत्नी पूनम यादव जैसे बाहुबली नेता की पत्नियों का चुनावी अखाड़ा में ताल ठोका जा रहा है. इसतरह बिहार विधानसभा चुनाव में बाहुबलियों की भरमार देखी जा रही है.