बांकीपुर सीटः बिहारी बाबू की प्रतिष्ठा दांव पर, बेटे लव के राजनीतिक भाग्य का होना है फैसला, भाजपा से टक्कर, पुष्पम भी मैदान में
By एस पी सिन्हा | Published: October 30, 2020 09:26 PM2020-10-30T21:26:28+5:302020-10-30T21:26:28+5:30
कांग्रेस के टिकट पर इसी सीट से बॉलीवुड अभिनेता और बिहारी बाबू शत्रुघ्न सिन्हा के बेटा लव सिन्हा भी चुनावी मैदान में अपनी जोर आजमाइश में जुटे है.
पटनाः बिहार की राजधानी पटना के बांकीपुर विधानसभा सीट पर इस बार के चुनाव में जोरदार घमासान मचने वाला है. यहां एक महिला उम्मीदवार भाजपा के निवर्तमान विधायक नितिन नवीन को जहां बड़ी चुनौती दे रही है तो वहीं कांग्रेस के टिकट पर इसी सीट से बॉलीवुड अभिनेता और बिहारी बाबू शत्रुघ्न सिन्हा के बेटा लव सिन्हा भी चुनावी मैदान में अपनी जोर आजमाइश में जुटे है.
पटना का बांकीपुर विधानसभा क्षेत्र भी भाजपा का मजबूत गढ़ रहा है. इस सीट से भाजपा के नेता नवीन कुमार सिन्हा चुनाव जीतते रहे थे. उनके निधन के बाद इस सीट पर लगातार भाजपा के ही नितिन नवीन चुनाव जीत रहे हैं. लेकिन इस बार के चुनाव में कांग्रेस ने बॉलीवुड स्टार और पूर्व केंद्रीय मंत्री शत्रुघ्न सिन्हा के बेटे लव सिन्हा को चुनावी मैदान में उतारा है.
शत्रुघ्न सिन्हा पटना साहिब से सांसद रह चुके हैं और उस क्षेत्र में उनकी अच्छी पकड मानी जाती है. बांकीपुर विधानसभा सीट से अपनी नई नवेली ‘द प्लूरल्स पार्टी प्लुरल्स की उम्मीदवार पुष्पम प्रिया चौधरी ने अपना नामांकन किया है. अखबारों में विज्ञापन के रास्ते राजनीति में प्रवेश करने वाली और अपने आपको बिहार का भावी मुख्यमंत्री कहने वाली पुष्पम प्रिया चौधरी बांकीपुर से चुनाव लड़ने रही हैं.
सार्वजनिक जगहों पर पुष्पम प्रिया चौधरी को कभी नहीं देखा गया
सोशल मीडिया पर लगातार चर्चित रहने के बावजूद सार्वजनिक जगहों पर पुष्पम प्रिया चौधरी को कभी नहीं देखा गया. अक्सर वह दूरदराज के इलाकों में तस्वीरों में ही नजर आती रही हैं और मिथिला की खोईंछा संस्कृति के साथ चुनाव मैदान में हैं. वहीं, भाजपा नेत्री और राष्ट्रीय महिला आयोग की सदस्य रहीं सुषमा साहू काफी तेज तर्रार महिला नेत्री मानी जाती हैं.
वे बिहार प्रदेश महिला मोर्चा की अध्यक्ष भी रह चुकी हैं. जब केंद्र में नरेंद्र मोदी की सरकार बनी तो इनको राष्ट्रीय महिला आयोग का सदस्य बनाया गया था. उसके बाद अब उन्होंने बांकीपुर विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ने के लिए निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में अपना नामांकन भरा था. लेकिन उनका नामांकन अवैध होने के बाद से वह कांग्रेस उम्मीदवार लव सिन्हा के समर्थन में उतर चुकी हैं.
नितिन नवीन ने कांग्रेस के कुमार आशीष को 39767 वोट से हराया था
इस बार चुनाव में इस सीट से 22 प्रत्याशी भाग्य आजमा रहे हैं. वर्ष 2015 में इस सीट पर भाजपा के नितिन नवीन ने कांग्रेस के कुमार आशीष को 39767 वोट से हराया था. पिछले विधानसभा चुनाव में 40.25 फीसद वोट पडे़ थे. बिहार में भाजपा के लिए जब भी सबसे सुरक्षित सीट की बात होती है तो पटना शहरी क्षेत्र में आने वाले कुछ सीटों की चर्चा की जाती है.
1990 से ही कुछ सीटों पर भाजपा लगातार जीत रही है. महागठबंधन की तरफ से कांग्रेस उम्मीदवार लव सिन्हा के राजनीतिक कैरियर की यदि बात करें तो उनकी पहचान शत्रुघ्न सिन्हा से है और इसके अलावा उनकी दूसरी कोई पहचान नहीं है. राजधानी की हृदयस्थली है बांकीपुर विधानसभा क्षेत्र. 871 एकड़ में बसने वाले पटना स्मार्ट सिटी का अधिकतर इलाका बांकीपुर क्षेत्र का हिस्सा है.
निस्संदेह पटना में स्मार्ट सिटी जिस दिन पूरी तरह मूर्त रूप ले लेगी, बांकीपुर की तकदीर ही चमक उठेगी. इस क्षेत्र के मतदाताओं ने बडी उम्मीद पाल रखी है. चकाचक चौड़ी सड़कों के किनारे हरे-भरे पेड़ पौधों के बीच प्रदूषण मुक्त वातावरण और बिस्कोमान के पास न्यूयार्क के टाइम स्क्वायर की तर्ज पर मनोरंजन स्थल का सपना स्मार्ट सिटी ने दिखाया है.
बांकीपुर विधानसभा क्षेत्र की जनता इन सपनों के सबसे करीब
बांकीपुर विधानसभा क्षेत्र की जनता इन सपनों के सबसे करीब है. ये सपने देख रहे बांकीपुर के मतदाता फिलवक्त हर दिन की कई समस्याओं से दो-चार हो रहे हैं. यह सही है कि बांकीपुर क्षेत्र की कई समस्याएं अब हवा हो गई हैं, पर यह भी हकीकत है कि कई समस्याओं को हवा बनाकर मुद्दे बना दिए गए हैं.
मंदिरी नाला का अटका पडा निर्माण इस क्षेत्र के मतदाताओं के लिए बड़ा मुद्दा बनने लगा है. स्मार्ट सिटी परियोजना के तहत इस नाले का निर्माण होना था. नाले के ऊपर चौडी सडक बनाकर दोनों और पौधरोपण कर हरियाली क्षेत्र के रूप में इसे विकसित किया जाना था. हाल है कि चौडे़ से खुले नाले में हर दिन लोग और जानवर गिरते रहते हैं.
कार्यालयों में काम करने वाले कर्मी, राहगीर सहित अन्य लोग परेशान
जानलेवा बने इस नाले के आसपास रहने वाले लोग दुर्गंध से भी परेशान रहते हैं. बकरी बाजार के आसपास रहने वाले या उधर से गुजरने वालों के लिए कचरे की दुर्गंध सबसे बडी आफत है. जीपीओ गोलंबर के पास नगर निगम की गाड़ियां हर दिन शहर का कचरा डंप करती हैं. सड़न के बाद कचरे की दुर्गंध से स्थानीय दुकानदार, कार्यालयों में काम करने वाले कर्मी, राहगीर सहित अन्य लोग परेशान रहते हैं.
बांकीपुर के लोगों के लिए जाम का झाम आम समस्या है. हालांकि, इस क्षेत्र में पिछले कुछ वर्षों में बडी संख्या में पुल-पुलिया बनने से जाम की समस्या में कमी आई है. इसके बावजूद अशोक राजपथ सहित अन्य प्रमुख सड़कों पर जाम आम समस्या है. सड़कों और फुटपाथों पर अतिक्रमण और यातायात प्रबंधन की कमी इसकी मूल वजह है.
बांकीपुर विधानसभा का कई इलाका पिछले वर्ष के जलजमाव की त्रासदी का गवाह
बांकीपुर विधानसभा का कई इलाका पिछले वर्ष के जलजमाव की त्रासदी का गवाह रहा है. इस साल वो स्थिति तो नहीं रही, पर कई इलाकों से जलनिकासी में एक से दो दिन का समय लग गया. कदमकुआं, लंगरटोली सहित कई इलाकों के लिए अब भी जलनिकासी समस्या है.
बांकीपुर विधानसभा में बड़ी संख्या में बडे़-बडे़ शॉपिंग कॉम्प्लेक्स, शो-रूम, आभूषण दुकान और व्यापारिक प्रतिष्ठान हैं. व्यापारी वर्ग के लिए बेहतर विधि-व्यवस्था सबसे बडा मुद्दा बना हुआ है. व्यापारी और दुकानदार अपने साथ-साथ दुकान-प्रतिष्ठान की सुरक्षा चाहते हैं. यहां कुल मतदाता की संख्या 391100 है. इसमें से पुरुष मतदाताओ की संख्या 208299 है, जबकि महिला मतदाताओं की संख्या 182772 है, इसके साथ ही थर्ड जेंडर की संख्या 29 है.