जदयू के हारे प्रत्याशियों ने भाजपा पर किया हमला, पूर्व मंत्री जय कुमार सिंह ने कहा-बीजेपी-लोजपा में सांठगांठ
By एस पी सिन्हा | Published: December 7, 2020 08:12 PM2020-12-07T20:12:46+5:302020-12-07T20:14:35+5:30
बिहार विधानसभा चुनावः भाजपा और जदयू चुनाव साथ लड़े थे, लेकिन दोनों दल में मनमुटाव जारी है. बिहार भाजपा अध्यक्ष संजय जायसवाल सरकार पर आरोप लगा चुके हैं. अब जदयू के हारे प्रत्याशियों ने भाजपा-लोजपा पर हमला बोला है.
पटनाः बिहार विधानसभा चुनाव परिणाम के बाद राज्य में एनडीए की सरकार भले ही बन गई हो, लेकिन जदयू और भाजपा के बीच तनातनी बढ़ती ही जा रही है.
विधानसभा चुनाव में हार का मुंह देखने वाले जदयू के उम्मीदवारों का गुस्सा अब सहयोगी दल भाजपा पर निकल रहा है. जदयू नेता और पूर्व मंत्री जय कुमार सिंह ने यह आरोप लगाया है कि भाजपा और लोजपा की सांठगांठ की वजह से उन्हें हार का मुंह देखना पड़ा. उन्होंने कहा है कि उन्होंने पार्टी फोरम पर सारी बातों को रख दिया है और अब फैसला राष्ट्रीय अध्यक्ष नीतीश कुमार को लेना है.
जय कुमार सिंह ने कहा कि जहां लोजपा से फाइट था, वहां पर भाजपा ने क्लियर मैसेज नहीं दिया. जदयू नेता जय कुमार सिंह के अलावे कई उम्मीदवारों ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के सामने समीक्षा बैठक के दौरान यह बात रखी है कि लोजपा के उम्मीदवारों की वजह से उनकी हार हुई. इतना ही नहीं जदयू के हारे हुए उम्मीदवारों का यह भी कहना है कि भाजपा ने लोजपा को लेकर भ्रम की स्थिति बनाए रखी.
नतीजा यह हुआ कि वोटर कंफ्यूज रहे और भाजपा की तरफ से साफ मैसेज नहीं होने की वजह से जदयू उम्मीदवारों की हार हुई. जय कुमार सिंह ने कहा कि भाजपा के कारण ही जदयू को राज्य में कम सीटें आई. भाजपा ने लोजपा को लेकर स्पष्ट बयान नहीं दिया, जिसके कारण वोटरों में कन्फ्यूजन हुआ. जय कुमार के इस बयान से राज्य में राजनतिक सरगर्मी तेज हो सकती है.
पहले चरण में जदयू का सूपड़ा साफ हो गया था
यहां बता दें कि विधानसभा चुनाव के दौरान पहले चरण में जदयू का सूपड़ा साफ हो गया था. शाहाबाद के इलाके से आने वाले जय कुमार सिंह समेत कई दिग्गज नेताओं को हार का सामना करना पडा. खुद जय कुमार सिंह के खिलाफ भाजपा से बागी होकर मैदान में उतरे लोजपा उम्मीदवार राजेंद्र सिंह ने ऐसी चुनावी बिसात बिछाई की जय कुमार सिंह को हार का मुंह देखना पड़ा.
राजेंद्र सिंह खुद तो चुनाव नहीं जीत पाए, लेकिन उन्होंने जय कुमार सिंह के लिए हार पक्की कर दी. अब पार्टी के अंदर लगातार भाजपा की नीति पर सवाल उठ रहे हैं. नीतीश कुमार भले ही भाजपा के बूते सरकार चला रहे हों, लेकिन हारे हुए उम्मीदवारों को यह सच कहने से गुरेज नहीं कि भाजपा ने लोजपा के साथ मिलकर उन्हें हराया.
चुनाव में हार के बाद जदयू समीक्षा करने में जुटी है
यहां उल्लेखनीय है कि चुनाव में हार के बाद जदयू समीक्षा करने में जुटी है. जदयू उन सीटों पर विशेष फोकस बना रही है, जहां लोजपा के कारण चुनाव हारी है. जदयू इस चुनाव में 115 सीटों पर चुनाव लडी थी, जबकि जदयू ने अपने कोटे से सात सीट मांझी की पार्टी हम को दिया था.
लेकिन हार पर मंथन को लेकर जदयू के अंदर जो नया बवाल खड़ा हुआ है, उसे देखने के बाद ऐसा लग रहा है कि अब भाजपा को लेकर जदयू में सुर और कडे़ होने वाले हैं. यहां बता दें कि बिहार चुनाव में जदयू को 43 सीटें आई है, जबकि भाजपा को करीब 74 सीटों पर जीत मिली है. वहीं इस चुनाव में राजद सबसे बड़ी पार्टी बनी है और उसे 75 सीटों पर जीत हासिल हुआ है. जबकि कांग्रेस को 19 सीटों पर जीत मिली है. इसके अलावे वामदलों ने भी 17 सीटें जीती हैं. वहीं एआईएमाअईएम को 5 सीटें मिली है. इसके साथ ही लोजपा को एक, बसपा को एक और एक निर्दलिए ने बाजी मारी है.