बिहार में ग्रुप-डी की भर्ती प्रक्रिया पर विपक्ष ने उठाये सवाल, सितंबर से चल रहा है इंटरव्यू, आए थे 5 लाख आवेदन
By विनीत कुमार | Published: November 21, 2019 06:41 PM2019-11-21T18:41:52+5:302019-11-21T18:45:08+5:30
बिहार विधान परिषद ने भर्तियां सितंबर माह में निकाली थी। इन पदों के लिए 10वीं पास की योग्यता मांगी गई थी। इनमें सफाइकर्मियों, चौकीदार, माली, ड्राइवर, ऑफिस अटेंडेंट जैसे पदों के लिए आवेदन मांगे गये थे।
बिहार विधान परिषद में ग्रुप-डी के 136 पोस्ट के लिए आए 5 लाख से ज्यादा आवेदन और अब भर्ती की प्रक्रिया को लेकर विपक्ष ने भ्रष्टाचार का आरोप लगाया है। कांग्रेस नेता प्रेम चंद मिश्रा ने आरोप लगाया कि 1500 से 1600 इंटरव्यू हर रोज लिए जाने की बात कही जा रही है, इसके मायने ये हुए एक इंटरव्यू 10 सेकेंड का भी नहीं हो पाता। प्रेम चंद के अनुसार ये तमाम बातें इस ओर इशारा कर रही हैं कि इस प्रक्रिया में भ्रष्टाचार हो रहा है।
न्यूज एजेंसी एएनआई के अनुसार कांग्रेस नेता ने कहा, 'ये बेहद बुरा है कि ग्रुप-डी के पद के लिए 5 लाख आवेदन आये। इसके लिए इंटरव्यू सितंबर से चल रहे हैं। करीब 4,32,000 इंटरव्यू लिये जा चुके हैं। ये कहा जा रहा है कि एक दिन में 1500 से 1600 इंटरव्यू लिये जा रहे हैं। अगर ऐसा है तो एक इंटरव्यू 10 सेकेंड भी नहीं चल सकता। इससे भ्रष्टाचारा का संकेत मिल रहा है। MBA, MCA जैसे क्वालिफायड चपरासी, माली, गेटकीपर आदि के लिए आवेदन कर रहे हैं। हमारे देश के लिए बेरोजगारी आज सबसे बड़ी चुनौती है।'
Prem Chand Mishra, Congress: 1 interview doesn't last even for 10 seconds which hints to corruption in the process. Highly qualified MBA, MCA graduates are applying for the jobs of peons, gardeners, gatekeepers etc. Unemployment poses the biggest threat to our nation. #Biharhttps://t.co/RFGVNefqus
— ANI (@ANI) November 21, 2019
वहीं, इस पूरे मामले में जेडीयू के राजीव रंजन ने कहा, 'आज गैर-परंपरागत क्षेत्रों में नौकरी के ज्यादा मौके हैं लेकिन सरकारी नौकरी के लिए आकर्षण अब भी बना हुआ है। हमें बड़ी संख्या में आवेदन मिले हैं। युवाओं को गैर-पारंपरिक नौकरियों की ओर भी जाना चाहिए।'
नीतीश कुमार के विकास के दावे पर सवाल
ग्रुप-डी के लिए बड़ी संख्या में आए आवेदन को लेकर विपक्ष बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर भी निशाना साध रहा है। विपक्षी पार्टियों के अनुसार इस मामले ने नीतीश कुमार के विकास के दावे पर सवाल खड़े कर दिये हैं। पिछले दिनों भी आरजेडी के विधायक भाई वीरेंद्र ने नीतीश सरकार पर आरोप लगाते हुए पूछा था कि एनडीए के रोजगार दिलाने के वादे का क्या हुआ।
बता दें कि बिहार विधान परिषद ने भर्तियां सितंबर माह में निकाली थी। इन पदों के लिए 10वीं पास की योग्यता मांगी गई थी। इनमें सफाइकर्मियों, चौकीदार, माली, ड्राइवर, ऑफिस अटेंडेंट जैसे पदों के लिए आवेदन मांगे गये थे। हालांकि, आवेदन करने वालों में बीटेक, एमबीए, पोस्ट ग्रेजुएशन, ग्रेजुएशन तक कि डिग्री रखने वाले लोग शामिल हैं।