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कोरोना से जंग: आधी कीमत पर 30,000 वेंटिलेटर्स देगा बीईएल, 10 दिन के भीतर शुरू होगी आपूर्ति

By हरीश गुप्ता | Updated: April 6, 2020 07:13 IST

वेंटिलेटर निर्माण में 150 कलपुर्जों की जरुरत पड़ती है. बीईएल इनका निर्माण नहीं करता. अगले दो माह में अस्पतालों के आईसीयू में 30,000 वेंटिलेटर्स की जरुरत पड़ने की संभावना है.

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ठळक मुद्देवेंटिलेटर्स की जरुरत का आपातकालीन संदेश भेजे जाने के बाद सरकार ने बीईएल को सहायता करने के लिए कहा.वेंटिलेटर्स का डिजाइन रक्षा अनुसंधान व विकास संगठन (डीआरडीओ) द्वारा तैयार किया गया है.

नई दिल्ली: भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड (बीईएल) ने आधे दामों पर 30,000 वेंटिलेटर्स की आपूर्ति करने का फैसला किया है. बीईएल, इन वेंटिलेटर्स की आपूर्ति  'नो प्रॉफिट नो लॉस' आधार पर 4 लाख प्रति वेंटिलेटर के भाव से करेगा. वेंटिलेटर्स की बाजार में कीमत 8 से 12 लाख रु. के बीच होती है. कोरोना वायरस के खतरे से जंग के कारण बढ़ी मांग के चलते यह वैश्विक बाजार से गायब हो चुका है.

स्वास्थ्य व परिवार कल्याण विभाग द्वारा वेंटिलेटर्स की जरुरत का आपातकालीन संदेश भेजे जाने के बाद सरकार ने बीईएल को सहायता करने के लिए कहा. बीईएल के वेंटिलेटर्स की आपूर्ति 10 दिन में शुरु हो जाएगी. इन वेंटिलेटर्स का डिजाइन रक्षा अनुसंधान व विकास संगठन (डीआरडीओ) द्वारा तैयार किया गया है. बीईएल ने वेंटिलेटर्स निर्माण में कलपुर्जों के लिए मैसूर की मेसर्स स्केनरे के साथ समझौता किया है. वेंटिलेटर निर्माण में 150 कलपुर्जों की जरुरत पड़ती है. बीईएल इनका निर्माण नहीं करता. अगले दो माह में अस्पतालों के आईसीयू में 30,000 वेंटिलेटर्स की जरुरत पड़ने की संभावना है.

कोविड-19 से जंग में वेंटिलेटर्स की भूमिका बेहद अहम रहने वाली है

मेडक में रिपेयरिंग ऑर्डिनेंस फैक्टरी मेडक ने हैदराबाद के विभिन्न अस्पतालों के वेंटिलेटर्स की मरम्मत का काम हाथ में लिया है. अन्य राज्यों की इकाइयां भी ऐसा ही कर रही हैं. इस वक्त देश में 20,000 ऐसे वेंटिलेटर्स ऐसे हैं जो या तो काम नहीं कर रहे या जिन्हें तुरंत मरम्मत की जरुरत है. महत्वपूर्ण उपकरणों की आपूर्ति से जुड़े टास्क फोर्स के मुताबिक कोविड-19 से जंग में वेंटिलेटर्स की भूमिका बेहद अहम रहने वाली है. इनकी कमी अगले एक साल तक अस्पतालों और स्वास्थ्यकर्मियों के लिए परेशानी का सबब हो सकती है.

अन्य संस्थान भी जुटे रक्षा के क्षेत्र की सार्वजनिक क्षेत्र की अन्य इकाइयों ने भी कोविड-19 के खिलाफ जंग में सहयोग देने की शुरुआत कर दी है. अन्य डिफेंस फैक्टरियों को विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) द्वारा तय मापदंडों के मुताबिक सेनिटाइजर्स बनाने के लिए तैयार किया जा रहा है. ऑर्डिनेंस फैक्टरी इटारसी (मध्यप्रदेश) और ऑर्डिनेंस फैक्टरी भंडारा (महाराष्ट्र) बड़े पैमाने पर उत्पादन के लिए तैयार हैं. इन दोनों की मिलाकर कुल क्षमता प्रतिदिन 3000 लीटर सेनिटाइजर उत्पादन की है. अन्य फैक्टरियां पूरे शरीर को ढंकने वाले परिधान (कवरऑल) और मास्क बनाने में जुटी हुई हैं.

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