2-18 आयु समूह के कोविड-19 वैक्सीन के लिए भारत बायोटेक ने डीसीजीआई को डेटा सौंपा

By विशाल कुमार | Published: October 3, 2021 07:48 AM2021-10-03T07:48:26+5:302021-10-03T07:50:07+5:30

भारत बायोटेक ने सितंबर में 18 साल से कम उम्र के बच्चों पर कोवैक्सिन का फेज-2 और फेज-3 ट्रायल पूरा किया और अब डीसीजीआई की मंजूरी के लिए ट्रायल डेटा जमा कर दिया है.

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फाइल फोटो.

Highlightsभारत बायोटेक ने सितंबर में 18 साल से कम उम्र के बच्चों पर कोवैक्सिन का फेज-2 और फेज-3 ट्रायल पूरा किया.कोवैक्सीन को विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) की अंतिम मंजूरी मिलने की प्रक्रिया इस महीने तक पूरा होने का अनुमान है.

नई दिल्ली: स्वदेशी कोविड-19 वैक्सीन कोवैक्सीन बनाने वाली भारत बायोटेक ने 2-18 वर्ष आयु वर्ग के बच्चों के लिए ट्रायल डेटा ड्रग्स एंड कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (डीसीजीआई) को सौंप दिया है. कंपनी के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक डॉ. कृष्णा एला ने शनिवार को बताया.

इंडिया टुडे की रिपोर्ट के अनुसार, भारत बायोटेक ने सितंबर में 18 साल से कम उम्र के बच्चों पर कोवैक्सिन का फेज-2 और फेज-3 ट्रायल पूरा किया और अब डीसीजीआई की मंजूरी के लिए ट्रायल डेटा जमा कर दिया है.

वहीं, कोवैक्सीन को विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) की अंतिम मंजूरी मिलने की प्रक्रिया इस महीने तक पूरा होने का अनुमान है.

शनिवार को डॉ कृष्णा एला ने कहा कि फर्म ने सभी डेटा डब्ल्यूएचओ को सौंप दिया है और बढ़िया काम किया है. उन्होंने कहा कि भारत बायोटेक को उनके अन्य टीकों के लिए पिछली मंजूरी मिल गई है और उन्हें अनुमोदन प्रक्रिया के लिए उपयोग किया जाता है. हालांकि, उन्होंने समयसीमा पर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया.

भारत बायोटेक ने कथित तौर पर 9 जुलाई तक डब्ल्यूएचओ में सूचीबद्ध करने के लिए आवश्यक सभी दस्तावेज जमा कर दिए थे और लगभग छह सप्ताह लगने वाली डब्ल्यूएचओ की समीक्षा प्रक्रिया जुलाई के अंत तक शुरू हो गई थी.

डब्ल्यूएचओ की मंजूरी मिलने के बाद कोवैक्सीन लगवाने वाले बिना अनिवार्य क्वांरटीन के विदेश यात्रा कर सकेंगे.

कोवैक्सिन का टीका लगाने वाले व्यक्तियों को यात्रा के दौरान क्वारंटीन से गुजरने के सवाल पर डॉ. कृष्णा एला ने कहा मुझे नहीं पता कि देश इस तरह के राष्ट्रवाद में क्यों लिप्त हैं?

इस बीच, जैसे ही कोविड-19 टीकों की बूस्टर खुराक के बारे में बातचीत तेज हो रही है, डॉ. कृष्णा एला ने कहा कि भारत बायोटेक नाक के टीके को बूस्टर शॉट के रूप में देख रहा है.

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