लाइव न्यूज़ :

भजन गायक रमजान खान ने 15 साल की गौ सेवा को दिया पद्म श्री पुरस्कार का श्रेय, जानें और क्या कहा

By भाषा | Updated: January 27, 2020 15:50 IST

खान राजस्थान की उन पांच हस्तियों में शामिल हैं जिन्हें राष्ट्रपति पद्मश्री पुरस्कार 2020 से सम्मानित करेंगे।

Open in App
ठळक मुद्दे वह गौशाला में 'गौ सेवा' करते हैं और मस्जिदों में प्राय: नमाज अदा करते हैं। संस्कृत भाषा में 'शास्त्री' की उपाधि पा चुके खान भजनों की रचना करते हैं और उन्हें गाते हैं।

पद्मश्री पुरस्कार के लिए चुने गए भजन गायक रमजान खान ने इसका श्रेय 'गौ-सेवा’ को दिया है। वह पिछले 15 साल से अपने गाँव में 'गौ सेवा' कर रहे हैं। क्षेत्र में रमजान खान को मुन्ना मास्टर के नाम से जाना जाता है। रमजान खान पिछले साल नवंबर में काशी हिंदू विश्वविद्यालय (बीएचयू) के संस्कृत संकाय में अपने बेटे फिरोज खान की सहायक प्रोफेसर पद पर नियुक्ति से उपजे विवाद और कृष्ण-भक्ति तथा गौ सेवा के प्रति समर्पण के कारण सुर्खियों में आए थे।

खान ने समाचार एजेंसी भाषा से कहा, ‘‘मैंने कभी सपने में भी नहीं सोचा था कि मुझे इस प्रतिष्ठित पुरस्कार के लिए चुना जाएगा। मैं पिछले 15-16 वर्ष से गौशाला में 'गौ सेवा’ करने में अधिकांश समय बिताता हूं है और मेरा मानना है कि यह पुरस्कार ‘गौ-सेवा’ का ही परिणाम है।’’

खान राजस्थान की उन पांच हस्तियों में शामिल हैं जिन्हें राष्ट्रपति पद्मश्री पुरस्कार 2020 से सम्मानित करेंगे। उन्होंने बताया कि उन्हें जब पुरस्कार के बारे में पता चला तो उन्हें विश्वास नहीं हुआ। संस्कृत भाषा में 'शास्त्री' की उपाधि पा चुके खान भजनों की रचना करते हैं और उन्हें गाते हैं। वह गौशाला में 'गौ सेवा' करते हैं और मस्जिदों में प्राय: नमाज अदा करते हैं।

स्थानीय लोग उनका काफी सम्मान करते हैं। बगरू गांव के श्री रामदेव गौशाला चैतन्य धाम मंदिर में रमजान खान संध्या आरती में मौजूद रहते हैं और हारमोनियम बजाकर भजन गाते हैं। लोग उनके भजन सुनने पहुंचते हैं। उन्होंने बताया कि गायों की सेवा करना और भजन गाना उनकी प्रतिदिन की दिनचर्या का अभिन्न अंग है। गायन उनकी पारिवारिक परंपरा है।

रमजान ने कहा, ‘‘मेरी तरह मेरा बेटा फिरोज भी संस्कृत सीखना चाहता था और इसलिए मैंने उसे संबंधित स्कूल में प्रवेश दिलवाया। जब उसे बीएचयू में सहायक प्रोफेसर के रूप में नियुक्त किया गया तो यह एक बड़ी उपलब्धि थी।’’ हालांकि उन्होंने बीएचयू के संस्कृत संकाय में अपने बेटे की नियुक्ति से उपजे विवाद के बाद उससे विवादों से दूर रहने को कहा था।

इसके बाद उनके बेटे ने अन्य संकाय में नियुक्ति ले ली थी। पद्मश्री पुरस्कार की घोषणा के बाद स्थानीय लोगों ने रमजान खान को बधाई दी और रविवार को बगरू के एक स्थानीय स्कूल में गणतंत्र दिवस के अवसर पर उन्हें सम्मानित भी किया।

इस्लाम धर्म के अनुयायी रमजान का कहना है समुदाय के अन्य सदस्यों और रिश्तेदारों के साथ भी उनके सौहार्दपूर्ण संबंध हैं। वह यहां से लगभग 35 किलोमीटर दूर बगरू में तीन कमरों के एक छोटे से घर में रहते हैं और उनकी आय का एकमात्र स्रोत गायन है।

टॅग्स :पद्म श्रीपद्म अवॉर्ड्स
Open in App

संबंधित खबरें

भारतPadma awards 2026 open now: नामांकन और सिफारिश की अंतिम तिथि 31 जुलाई, 2025?, राष्ट्रीय पुरस्कार पोर्टल पर ऑनलाइन पंजीकरण कीजिए, जानें प्रोसेस

भारतपद्मश्री से सम्मानित पर्यावरणविद् रामैया का निधन, तेलंगाना सीएम ने जताया दुख

कारोबारकौन हैं डा. सनी वर्मा?, पद्मश्री 2025 के लिए हुए थे नामांकित

भारतप्रेरित करता है गुमनाम नायकों का सम्मान

कारोबारPadma Bhushan Pankaj Patel: कौन हैं पंकज पटेल?, पद्म भूषण से सम्मानित

भारत अधिक खबरें

भारतPariksha Pe Charcha 2026: 11 जनवरी तक कराएं पंजीकरण, पीएम मोदी करेंगे चर्चा, जनवरी 2026 में 9वां संस्करण

भारत‘सिटीजन सर्विस पोर्टल’ की शुरुआत, आम जनता को घर बैठे डिजिटल सुविधाएं, समय, ऊर्जा और धन की बचत

भारतआखिर गरीब पर ही कार्रवाई क्यों?, सरकारी जमीन पर अमीर लोग का कब्जा, बुलडोजर एक्शन को लेकर जीतन राम मांझी नाखुश और सम्राट चौधरी से खफा

भारतलालू प्रसाद यादव के बड़े लाल तेज प्रताप यादव पर ₹356000 बकाया?, निजी आवास का बिजली कनेक्शन पिछले 3 साल से बकाया राशि के बावजूद चालू

भारत2026 विधानसभा चुनाव से पहले बंगाल में हलचल, मुर्शिदाबाद में बाबरी मस्जिद की आधारशिला, हुमायूं कबीर ने धर्मगुरुओं के साथ मिलकर फीता काटा, वीडियो