बंगाल : कलकत्ता उच्च न्यायालय की पूर्व मुख्य न्यायाधीश राज्य में हिंसा पर एसआईटी जांच की निगरानी करेंगी
By भाषा | Published: September 3, 2021 01:13 PM2021-09-03T13:13:28+5:302021-09-03T13:13:28+5:30
कलकत्ता उच्च न्यायालय की पांच सदस्यीय पीठ ने शुक्रवार को कहा कि पूर्व मुख्य न्यायाधीश मंजुला चेल्लूर पश्चिम बंगाल में चुनाव बाद हुई कथित हिंसा में बलात्कार और हत्या के अलावा अन्य मामलों की जांच के लिए गठित एसआईटी के कामकाज की निगरानी करेंगी। पीठ ने 19 अगस्त को कई याचिकाओं पर अपने फैसले में सीबीआई को बलात्कार और हत्या जैसे जघन्य अपराधों के सभी कथित मामलों की जांच करने का निर्देश दिया था। इन याचिकाओं में पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनावों के बाद हिंसा की घटनाओं की स्वतंत्र जांच का आदेश देने का अनुरोध किया गया था। कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश राजेश बिंदल की अगुवाई वाली पीठ ने कहा कि न्यायाधीश (सेवानिवृत्त) चेल्लूर राज्य में चुनाव बाद हिंसा के अन्य मामलों की जांच के लिए उसके द्वारा गठित किए गए विशेष जांच दल के कामकाज की निगरानी करेंगी। एसआईटी में पश्चिम बंगाल काडर के आईपीएस अधिकारी सुमन बाला साहू, सोमेन मित्रा और रणवीर कुमार शामिल हैं। पीठ ने निर्देश दिया था कि एसआईटी मामलों की निष्पक्ष जांच के लिए किसी भी अन्य पुलिस अधिकारी या संस्थान या एजेंसी की सहायता ले सकती है। पांच सदस्यीय पीठ के अन्य सदस्यों में न्यायमूर्ति आई पी मुखर्जी, न्यायमूर्ति हरीश टंडन, न्यायमूर्ति सोमेन सेन और न्यायमूर्ति सुब्रत तालुकदार शामिल थे। पीठ ने कहा था कि दोनों जांच की निगरानी उच्च न्यायालय करेगा और उसने सीबीआई तथा एसआईटी को 19 अगस्त से छह हफ्ते के भीतर अपनी स्थिति रिपोर्ट सौंपने का आदेश दिया। पश्चिम बंगाल सरकार ने एसआईटी की मदद करने के लिए भारतीय पुलिस सेवा के 10 अधिकारियों को नियुक्त किया है।
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