बेलगावी मामला: भाजपा- शिवसेना में विवाद, मुख्यमंत्री येदियुरप्पा ने कहा, राज्य की एक इंच जमीन नहीं देंगे
By भाषा | Published: January 20, 2020 05:08 PM2020-01-20T17:08:02+5:302020-01-20T17:08:02+5:30
कर्नाटक के उप मुख्यमंत्री सी एन अश्वथनारायणन ने कहा कि नेताओं को जनकल्याण के मुद्दों पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए और जिन मुद्दों का पहले समाधान हो चुका है, उन पर राजनीतिक कारण से लोगों की भावनाओं को उकसाना नहीं चाहिए।
कर्नाटक के उप मुख्यमंत्री सी एन अश्वथनारायणन ने स्पष्ट किया कि बेलगावी सीमा विवाद का समाधान हो चुका है और उन्होंने पड़ोसी राज्य महाराष्ट्र के नेताओं पर राजनीतिक कारणों से यह मुद्दा उठाने का आरोप लगाया।
उपमुख्यमंत्री ने कहा कि नेताओं को जनकल्याण के मुद्दों पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए और जिन मुद्दों का पहले समाधान हो चुका है, उन पर राजनीतिक कारण से लोगों की भावनाओं को उकसाना नहीं चाहिए। अश्वथनारायणन ने पत्रकारों से कहा, ‘‘महाजन आयोग की रिपोर्ट में पहले ही कर्नाटक और महाराष्ट्र सीमा का समाधान कर दिया गया है। इसलिए उन्हें (नेताओं) राजनीतिक हितों के लिए लगातार लोगों को भड़काने का काम बंद कर देना चाहिए।’’
उन्होंने कहा, ‘‘हम सभी भारतीय हैं और राज्यों के बीच सीमाएं तय हैं एवं उस पर फैसला हो चुका है। इसके बावजूद इस तरह के मुद्दे उठाने के बजाय कई बेहतर काम है, जो किए जाने है। मानवता और अच्छे काम के लिए कोई सीमा नहीं है।’’
उपमुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘... संजय राउत (शिवसेना नेता) इस तरह के मुद्दे उठाकर खुद अपने लिए असहज स्थिति पैदा कर रहे हैं।’’ अश्वथनारायणन सीमा का मुद्दा उठाने के इरादे से राउत और महाराष्ट्र के मंत्री राजेंद्र पाटिल यड्रावरकर के बेलगावी दौरे पर प्रतिक्रिया दे रहे थे।
राउत ने बेलगावी में कहा था कि दोनों राज्यों के बीच 70 साल पुराना सीमा विवाद मजबूत केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह जैसे नेता द्वारा हल हो सकता है, जिन्होंने जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद-370 को हटा दिया। उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र और कर्नाटक के मुख्यमंत्री एवं राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी प्रमुख शरद पवार को बेलगावी और आसपास के इलाके के मराठी भाषी लोगों की मांग को सुलझाने के लिए मिलना चाहिए।
पिछले महीने कर्नाटक के मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा ने घोषणा की थी कि राज्य की एक इंच जमीन नहीं दी जाएगी और उन्होंने महाराष्ट्र के समकक्ष उद्धव ठाकरे पर आरोप लगाया था कि वह राजनीतिक फायदे के लिए यह मुद्दा उठा रहे हैं। महाराष्ट्र का दावा है कि सीमावर्ती जिला बेलगावी बंबई प्रांत का हिस्सा था, लेकिन अभी भाषाई आधार पर कर्नाटक में है।