Bangalore Bandh: कर्नाटक सरकार ने दिया दखल, निजी परिवहन संघों के महासंघ ने 'बेंगलोर बंद' वापस लिया, जानें पूरा मामला
By सतीश कुमार सिंह | Published: September 11, 2023 06:11 PM2023-09-11T18:11:41+5:302023-09-12T14:59:41+5:30
Bangalore Bandh: ऑटो, टैक्सी, मैक्सी कैब, मालवाहक वाहन और कॉरपोरेट बसों समेत लाखों निजी वाहन सड़कों से नदारद हो गए थे।
बेंगलुरुः 'कर्नाटक राज्य निजी परिवहन संघों' के महासंघ द्वारा विभिन्न मांगों को लेकर सोमवार को एक दिवसीय बंद के आह्वान वापस ले लिया गया है। कर्नाटक सरकार द्वारा अपने वादों को पूरा करने का आश्वासन देने के बाद यह फैसला हुआ। ऑटो, टैक्सी, मैक्सी कैब, मालवाहक वाहन और कॉरपोरेट बसों समेत लाखों निजी वाहन सड़कों से नदारद हो गए थे।
निजी परिवहन प्रणाली ठप हो गई थी। महासंघ में कुल 32 निजी परिवहन संघ शामिल हैं। ऑटो यूनियनों ने कर्नाटक में बाइक टैक्सियों पर प्रतिबंध लगाने की भी मांग की है, जिससे उनकी आजीविका प्रभावित हो रही है। अन्य मांगों में ड्राइवरों के लिए कल्याण बोर्ड, ऑटो चालकों के लिए बीमा और वाणिज्यिक माल वाहनों पर आजीवन कर शामिल हैं।
#Karnataka#BengaluruBandh
— Kiran Parashar (@KiranParashar21) September 11, 2023
The strike of Private operators in #Bengaluru witnessed stone pelting incidents and a @rapidobikeapp captain was also roughed up by the protestors. The associations have been demanding to ban #Rapidopic.twitter.com/GnTcLkdIMS
परिवहन मंत्री रामलिंगा रेड्डी से ज्यादातर मांग मान लिए जाने का आश्वासन मिलने के बाद कर्नाटक राज्य निजी परिवहन महासंघ ने सोमवार दोपहर शहर में अपनी एक दिवसीय हड़ताल वापस ले ली। मंत्री ने कहा कि महासंघ की 30 मांगों में से 27 पर वह सहमत हैं और बाकी तीन का संबंध शक्ति योजना, ऑटो चालकों को मासिक अनुदान तथा 10 लाख रुपये से 15 लाख रुपये मूल्य के वाहनों पर कर छूट से है।
सोमवार को, हड़ताल वापस लिए जाने से पहले सामान्य जनजीवन प्रभावित रहा और यात्रियों, कार्यालय जाने वालों तथा विद्यार्थियों को गंतव्य तक पहुंचने के लिए ऑटो रिक्शा एवं कैब की सुविधा हासिल करने में परेशानी हुई। बेंगलुरु यातायात पुलिस ने यातायात परामर्श जारी किया था लेकिन आज सुबह मैजेस्टिक क्षेत्र से फ्रीडम पार्क तक महासंघ के सदस्यों द्वारा विरोध मार्च निकाले जाने के कारण शहर के कई हिस्सों में वाहनों की आवाजाही प्रभावित रही। महासंघ में कुल 32 निजी परिवहन संघ शामिल हैं।
रेड्डी ने फ्रीडम पार्क में महासंघ के सदस्यों से भेंट की तथा उन्हें आश्वासन दिया कि 30 में से 27 मांगें वह मान लेंगे। मंत्री ने संवाददाताओं से कहा कि सरकार निजी परिवहन संघों की सभी मांगों को मान लेने का प्रयास करेगी। महासंघ द्वारा सौंपी गयी 30 मांगों की सूची पर रेड्डी ने कहा कि उनमें दो का संबंध शक्ति योजना से है तथा एक अन्य कर मुद्दे से संबंधित है तथा उनके द्वारा की गईं चार अन्य मांगों का मामला अदालत में है। उन्होंने कहा, ‘‘स्थगन हासिल करने के लिए हमें अदालत में कानूनी लड़ाई के वास्ते एक वकील नियुक्त करना होगा।
अन्य मांग वित्तीय कवर (उन्हें हुए वित्तीय नुकसान) के संबंध में है जिसके बारे में मुख्यमंत्री को फैसला करना है। उन्होंने पृथक परिवहन बोर्ड की मांग की है और वे हवाई अड्डे पर इंदिरा कैंटीन की मांग कर रहे हैं। उन्होंने निजी टैक्सी मालिकों के लिए ऋण सुविधा मांगी है। अन्य मांग ऐप आधारित कैब सेवा ओला और उबर को लेकर हैं।
यह मामला अब भी अदालत में लंबित है।’’ रेड्डी ने कहा कि 30 में वह 27 मांगों को पूरा करने पर सहमत हो गये हैं लेकिन उन्हें कुछ मांगों को पूरा करने के लिए समय चाहिए। उन्होंने कहा, ‘‘कुछ मामलों में विधानसभा से संशोधन पारित कराने की जरूरत है जबकि कुछ मामले अदालत में लंबित हैं। मैं उनकी मदद करना चाहता हूं।’’
इस बीच, महासंघ के अध्यक्ष नटराज शर्मा ने कहा कि मंत्री द्वारा ज्यादातर मांग मान लिए जाने का आश्वासन मिलने के बाद महासंघ ने हड़ताल वापस ले ली है। उन्होंने सरकार को चेतावनी दी कि यदि मंगलवार शाम तक लिखित आश्वासन नहीं मिलता है तो महासंघ के लोग बुधवार से परिवहन विभाग के सामने भूख हड़ताल पर बैठेंगे।
पुलिस के अनुसार, कुछ क्षेत्रों में पथराव की घटनाएं हुई। बंद के आह्वान की अनदेखी कर चल रहीं बाइक टैक्सी, ऑटो रिक्शा और कैब को जबरन रोकने की कोशिश भी की गयी। इससे पहले दिन में, मुख्यमंत्री ने कहा था कि निजी परिवहन स्वामियों की कुछ मांगों को स्वीकार करना ‘‘असंभव’’ है।