तमिलनाडु में गुटखा पर लगे बैन को हटाया गया, मद्रास हाई कोर्ट का फैसला
By सत्या द्विवेदी | Published: January 26, 2023 02:30 PM2023-01-26T14:30:49+5:302023-01-26T14:30:49+5:30
तमिलनाडु राज्य में गुटखे पर लगा बैन हट गया है। 9 साल पहले 2013 में राज्य में गुटखा और तंबाकु उत्पादों पर प्रतिबंध लगाया गया था। कोर्ट ने कहा कि गुटखे पर बैन लगाने का फैसला खाद्य सुरक्षा मानकों के खिलाफ था।
चैनई: तमिलनाडु में गुटखा और पान मलासा उत्पादन पर लगे बैन को मद्रस हाईकोर्ट ने हटा दिया है। तमिलनाडु में साल 2013 में तंबाकू उत्पादों की बिक्रा, निर्माण और परिवहन पर रोक वाली अधिसूचना को मद्रास हाईकोर्ट ने रद्द कर दिया है। मद्रास हाईकोर्ट की दो जजों की खंडपीठ (जस्टिस आर सुब्रमण्यम और के कुमारेश बाबू) ने 20 जनवरी को फैसला सुनाया। फैसले में कहा गया कि खाद्य सुरक्षा और मानक अधिनियम गुटखा उत्पादों की बिक्री पर पूर्ण प्रतिबंध लगाने का प्रवधान नहीं करता है। हालांकि कुछ आपातकालीन स्थितियों में अस्थयी प्रतिबंध लगाने के लिए सिमित शक्ति प्रदान करता है।
मद्रस हाईकोर्ट ने हटाया बैन
जस्टिस के. कुमारेश बाबू और जस्टिस आर. सुब्रमण्यम की खंडपीठ ने अपने आदेश में कहा कि खाद्य सुरक्षा और मानक अधिनियम (एफएसएसए) गुटका उत्पादों पर पूर्ण प्रतिबंध लगाने का प्रावधान नहीं करता है। अगर हम एफएसएसए के तहत लगातार अधिसूचना जारी करने के लिए खाद्य सुरक्षा आयुक्त की शक्ति को बरकरार रखते हैं, जिससे खाद्य उत्पाद पर लगभग स्थायी प्रतिबंध लगाया जाता है, तो हम कुछ ऐसा करने की अनुमति देंगे जो कानून द्वारा अपेक्षित नहीं था।
साल 2013 में लगा था गुटखा पर बैन
2013 में, तत्कालीन AIADMK सरकार ने FSS अधिनियम में अस्थायी प्रावधान के तहत गुटखा और पान मसाला उत्पादों की बिक्री और निर्माण पर प्रतिबंध लगा दिया था, जिसे खाद्य सुरक्षा आयुक्त द्वारा समय-समय पर अधिसूचना जारी करके लगातार बढ़ाया गया था। अदालत ने तंबाकू उत्पादों के निर्माताओं और खाद्य सुरक्षा विभाग द्वारा दायर याचिकाओं और अपीलों के एक बैच पर आदेश पारित किया।