भाजपा के पूर्व मंत्री मनीष ग्रोवर ने किया 4500 करोड़ का घोटाला! जानें पूरा मामला
By बलवंत तक्षक | Published: February 15, 2020 09:50 AM2020-02-15T09:50:24+5:302020-02-15T09:50:24+5:30
मनीष ग्रोवर ने इस बार भी भाजपा के टिकट पर रोहतक क्षेत्र से विधानसभा का चुनाव लड़ा था, लेकिन जीत नहीं पाए थे. अपने ऊपर लगे घाटालों के आरोपों को ग्रोवर ने निराधार करार दिया है.
हरियाणा के गृह मंत्री अनिल विज ने खट्टर सरकार में सहकारिता मंत्री रहे मनीष ग्रोवर पर लगे भ्रष्टाचार के आरोपों की जांच के आदेश दिए हैं. महम क्षेत्र के आजाद विधायक बलरज कुंडू साढ़े चार हजार करोड़ रुपए के भ्रष्टाचार के सबूत लेकर मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर के दरबार में पहुंच गए थे. उन्होंने खट्टर के अलावा गृह मंत्री विज को भी यह दस्तावेज सौंपते हुए मामले की जांच करने का आग्रह किया था.
भाजपा-जजपा गठबंधन सरकार को समर्थन दे रहे कुंडू का आरोप है कि चीनी मिलों में 3300 करोड़ और स्थानीय निकाय विभाग में 1200 करोड़ रु पए का घोटाला किया गया है. कुंडू ने मीडिया के लोगों को दस्तावेज दिखाते हुए कहा था कि अगर पूर्व मंत्री ग्रोवर के खिलाफ जांच के आदेश नहीं दिए गए तो वे चंडीगढ़ में टेंट लगा कर धरने पर बैठ जाएंगे और भाजपा-जजपा सरकार से अपना समर्थन वापस ले लेंगे.
गौरतलब है कि ग्रोवर ने इस बार भी भाजपा के टिकट पर रोहतक क्षेत्र से विधानसभा का चुनाव लड़ा था, लेकिन जीत नहीं पाए थे. विज ने शिकायत निवारण समिति की बैठक के दौरान रोहतक में कुंडू की मौजूदगी में ही ग्रोवर के खिलाफ लगे आरोपों की जांच के आदेश दिए. उधर, ग्रोवर ने सभी आरोपों को निराधार करार दिया है.
मुख्यमंत्री और गृह मंत्री को दस्तावेज सौंपते हुए कुंडू ने आरोप लगाते हुए कहा है कि औने-पौने दामों पर चीनी मीलों ने एक पूर्व मंत्री की पुत्र वधू और उनके भतीजे की कंपनियों को शीरा सप्लाई किया. दो महीने पहले तक जो शीरा 157 रु पए प्रति क्विंटल दिया जा रहा था, वही शीरा नए प्रबंध निदेशक की नियुक्ति के बाद 830 रु पए प्रति क्विंटल बिक रहा है. इसी से यह सारा खेल उजागर हो जाता है. उन्होंने कहा कि पानीपत की चीनी मिल में 80 हजार क्विंटल शीरे का रिकॉर्ड ही गायब है. चीनी मिलों को घाटे में दिखाए जाने को फ्रॉड करार देते हुए कुंडू ने कहा कि असल में घाटे के नाम पर यह खुली लूट थी.
स्थानीय निकाय विभाग में भ्रष्टाचार का जिक्र करते हुए विधायक कुंडू ने कहा कि अमृत योजना के लिए केंद्र से 2,650 करोड़ रु पए आए थे, इसमें 50 फीसदी राशि भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गई. बजट सत्र में भी इस मुद्दे को उठाएंगे कुंडू ने कहा कि आने वाले बजट सत्र में भी वे इस मुद्दे को उठाएंगे. साथ ही राज्य सतर्कता ब्यूरो से भी इसकी शिकायत करेंगे. उन्होंने भ्रष्टाचार के मामलों में जीरो टॉलरेंस की नीति पर चलने का दावा करने वाले मुख्यमंत्री को समर्थन दिया था. अब भ्रष्टाचार के दस्तावेज सौंप दिए गए हैं तो तुरंत इनकी जांच होनी चाहिए.