प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ बिच्छू वाला बयान देने के मामले में कांग्रेस नेता और तिरुवनंतपुरम से सांसद शशि थरूर की मुश्किल बढ़ गई है। दिल्ली की एक अदालत ने शशि थरूर के खिलाफ जारी जमानती वारंट पर रोक लगा दी है। शशि थरूर के खिलाफ मानहानि का मामला चल रहा है।
बता दें कि अदालत ने ‘शिवलिंग पर बिच्छू’ बयान के लिए थरूर के खिलाफ सोमवार (12 नवंबर) को जमानती वारंट जारी किया था।
दरअसल, पीएम मोदी का जिक्र करते हुए ‘शिवलिंग पर बिच्छू’ संबंधी थरूर बयान को लेकर शशि थरूर आपराधिक मानहानि मामले का सामना कर रहे हैं। इस मामले में अदालत में पेश नहीं होने पर जमानती वारंट जारी किया था।
मुख्य मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट नवीन कुमार कश्यप ने 27 नवम्बर के लिए कांग्रेस नेता के खिलाफ वारंट जारी किया था। अदालत ने यह वारंट थरूर और उनके वकील के अदालत के समक्ष उपस्थित नहीं होने पर जारी किया था। मजिस्ट्रेट ने शिकायतकर्ता बीजेपी की दिल्ली इकाई के नेता राजीव बब्बर पर भी अदालत के समक्ष पेश नहीं होने के लिए 500 रुपये का जुर्माना लगाया था।
हालांकि, एक जूनियर वकील ने बब्बर का प्रतिनिधित्व किया। अदालत ने कहा, ‘‘न तो शिकायतकर्ता और न ही उनका मुख्य वकील मौजूद है। शिकायतकर्ता की ओर से छूट दिये जाने का आवेदन दिया गया है, जो अस्पष्ट है। आवेदन में कहा गया है कि वह व्यक्तिगत कठिनाई में है लेकिन क्या ‘कठिनाई’ है, इस बारे में आवेदन में नहीं बताया गया है।’’
अदालत ने कहा, ‘‘शिकायतकर्ता के अनुपस्थित रहने की वजह से मौजूदा शिकायत को खारिज करने की जगह नरम रुख अपनाया जा रहा है। उन पर 500 रुपये का जुर्माना लगाया जाता है जिसे जिला विधिक सेवा प्राधिकरण (डीएलएसए), केंद्रीय जिला, तीस हजारी अदालत में जमा कराया जाए।’’
अदालत ने थरूर और उनके वकील के भी पेश नहीं होने का जिक्र किया। उसने कहा कि वह ‘‘नरम रुख’’ अपना रही है और आरोपी के खिलाफ जमानती वारंट और उनके जमानतदार को 27 नवम्बर को उपस्थित होने के लिए नोटिस जारी किया जाता है।
अदालत बब्बर द्वारा थरूर के खिलाफ दायर आपराधिक मानहानि की शिकायत पर सुनवाई कर रही थी। बब्बर ने कहा था कि कांग्रेस नेता के बयान से उनकी धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंची है। भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धाराओं 499 (मानहानि) और 500 (मानहानि के लिए सजा) के तहत शिकायत दर्ज की गई है।
(पीटीआई-भाषा इनपुट के साथ)