केंद्रीय मंत्री बाबुल सुप्रियो ने द टेलीग्राफ के संपादक को बताया बिकाऊ, कहा-क्या आप सज्जन व्यक्ति नहीं हैं?

By रामदीप मिश्रा | Published: September 22, 2019 01:16 PM2019-09-22T13:16:31+5:302019-09-22T13:16:31+5:30

केंद्रीय मंत्री बाबुल सुप्रियो ने उनके खिलाफ प्रदर्शन करने वाले छात्रों को “कायर एवं गुंडा” बताते हुए शुक्रवार को कहा था कि उनके साथ उस तरह से पेश नहीं आया जा सकता जैसा उन्होंने किया बल्कि उनके “मानसिक इलाज” की जरूरत है ताकि वे ‘‘छात्रों की तरह व्यवहार करें।”

Babul Supriyo remarks on The Telegraph editor after journalist refused to apologise for a statement | केंद्रीय मंत्री बाबुल सुप्रियो ने द टेलीग्राफ के संपादक को बताया बिकाऊ, कहा-क्या आप सज्जन व्यक्ति नहीं हैं?

केंद्रीय मंत्री बाबुल सुप्रियो

Highlightsकेंद्रीय मंत्री बाबुल सुप्रियो ने द टेलीग्राफ के संपादक को बिकाऊ बता दिया। उनका यह बयान उस समय आया जब अखबार के पत्रकार ने एक रिपोर्ट पर माफी मांगने से इनकार कर दिया।बाबुल सुप्रियो को यादवपुर विश्वविद्यालय में बृहस्पतिवार को काले झंडे दिखाए गए थे और कुछ छात्रों ने उनके साथ बदसलूकी की और उन्हें कैंपस से बाहर निकलने से भी रोका गया था।

केंद्रीय मंत्री बाबुल सुप्रियो ने द टेलीग्राफ के संपादक को बिकाऊ बता दिया। उनका यह बयान उस समय आया जब अखबार के पत्रकार ने एक रिपोर्ट पर माफी मांगने से इनकार कर दिया। बता दें कि बाबुल सुप्रियो को यादवपुर विश्वविद्यालय में बृहस्पतिवार को काले झंडे दिखाए गए थे और कुछ छात्रों ने उनके साथ बदसलूकी की और उन्हें कैंपस से बाहर निकलने से भी रोका गया था। इस घटना के बाद पश्चिम बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ को फौरन कैंपस पहुंचना पड़ा था। 

दरअसल, गुरुवार को जादवपुर विश्वविद्यालय के दौरे से जुड़े विवाद में फंसे मंत्री ने शनिवार को शाम करीब 6.30 बजे ट्वीट किया, "यह वह वीडियो है जिसमें दिखाया गया है: 1. मैं किसी को कोहनी नहीं मार रहा हूं, बल्कि मुझे धक्का देकर पीटा जा रहा है। मेरी शर्ट फट गई। 2. यह या तो एक लड़की नहीं थी, यह एक लड़का था। यह स्पष्ट रूप से देखा गया। यदि टेलीग्राफ ने कल अपनी झूठी पक्षपाती रिपोर्टिंग के लिए माफी नहीं मांगी, तो मैं उन पर मुकदमा करूंगा।" 


इधर, अखबार ने साफ किया है कि टेलीग्राफ अखबार में ऐसा कोई लेख नहीं मिला है, जिसमें कहा गया हो कि मंत्री ने किसी को कोहनी मारी थी। टेलीग्राफ की बेवसाइट के अनुसार, केंद्रीय मंत्री सुप्रियो ने एडीटर आर. राजगोपाल को शाम 7.50 बजे के आसपास फोन किया। इस दौरान न्यूज मीटिंग चल रही थी। सुप्रियो ने खुद का परिचय देकर एक "सौहार्दपूर्ण माफी" चाहते हैं। इस पर संपादक ने कहा कि हमें किस चीज के लिए माफी मांगनी चाहिए?

जब केंद्रीय मंत्री ने कोहनी की शिकायत का उल्लेख किया, तो संपादक ने उन्हें बताया कि अखबार ने ऐसी कोई रिपोर्ट प्रकाशित नहीं की थी और स्पष्ट रूप से माफी मांगने से इनकार कर दिया।

केंद्रीय मंत्री से बातचीत को लेकर एडिटर ने कहा कि सुप्रियो ने उन्हें अपने अहंकार भरे अंदाज में याद दिलाया कि वह एक "केंद्रीय मंत्री" से बात कर रहे हैं। इस पर एडिटर ने कहा कि इससे कोई फर्क नहीं पड़ता। फिर उन्होंने पूछा कि आप एक सज्जन नहीं हैं? इसके बाद एडिटर ने कहा, 'मैं एक सज्जन नहीं हूं, मैं एक पत्रकार हूं...। आप केंद्रीय मंत्री हो सकते हैं लेकिन मैं इस देश का नागरिक भी हूं।'

बता दें कि बाबुल सुप्रियो को यादवपुर विश्वविद्यालय में आरएसएस की छात्र शाखा अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) द्वारा आयोजित एक संगोष्ठी को संबोधित करने विश्वविद्यालय पहुंचे थे। 

केंद्रीय मंत्री बाबुल सुप्रियो ने उनके खिलाफ प्रदर्शन करने वाले छात्रों को “कायर एवं गुंडा” बताते हुए शुक्रवार को कहा था कि उनके साथ उस तरह से पेश नहीं आया जा सकता जैसा उन्होंने किया बल्कि उनके “मानसिक इलाज” की जरूरत है ताकि वे ‘‘छात्रों की तरह व्यवहार करें।” 

यादवपुर विश्वविद्यालय परिसर में 19 सितंबर को अपने साथ हुई बदसलूकी की तस्वीरें पोस्ट करते हुए केंद्रीय पर्यावरण राज्य मंत्री ने कहा था कि उन पर हमला करने में कौन शामिल था यह बहुत जल्द पता चल जाएगा। सुप्रियो ने शुक्रवार की दोपहर बदसलूकी की तस्वीरें पोस्ट करते हुए ट्वीट किया, “इन कायरों को यादवपुर विश्वविद्यालय की छवि को धूमिल नहीं करने दिया जाएगा...आपको हम तलाश लेंगे चिंता मत करिए, आपके साथ उस तरीके से नहीं पेश आया जाएगा जैसे आप मेरे साथ आए।” 

Web Title: Babul Supriyo remarks on The Telegraph editor after journalist refused to apologise for a statement

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