बाबरी विध्वंस मामलाः जज सुरेंद्र यादव ने मांगी थी सिक्योरिटी, जानें उनके बारे में सबकुछ
By गुणातीत ओझा | Published: September 30, 2020 04:42 PM2020-09-30T16:42:47+5:302020-09-30T16:42:47+5:30
बाबरी मस्जिद मामले में आज 28 साल बाद लखनऊ की सीबीआई अदालत ने फैसला सुना दिया है। सालों पुराने इस चर्चित मुकदमे में स्पेशल जज सुरेंद्र कुमार यादव ने फैसला सुनाते हुए सभी आरोपियों को बरी कर दिया है।
नई दिल्ली: बाबरी मस्जिद मामले में आज 28 साल बाद लखनऊ की सीबीआई अदालत ने फैसला सुना दिया है। सालों पुराने इस चर्चित मुकदमे में स्पेशल जज सुरेंद्र कुमार यादव ने फैसला सुनाते हुए सभी आरोपियों को बरी कर दिया है। न्यायाधीश एस के यादव ने फैसला सुनाते हुए कहा कि बाबरी मस्जिद विध्वंस की घटना पूर्व नियोजित नहीं थी, यह एक आकस्मिक घटना थी।
उन्होंने कहा कि आरोपियों के खिलाफ कोई पुख्ता सुबूत नहीं मिले, बल्कि आरोपियों ने उन्मादी भीड़ को रोकने की कोशिश की थी। न्यायालय ने कहा कि सीबीआई ने इस मामले की वीडियो फुटेज की जो कैसेट पेश की, उनके दृश्य स्पष्ट नहीं थे और न ही उपलब्ध कराए गए कैसेट्स सीलबंद थे। घटना की तस्वीरों के नेगेटिव भी अदालत में पेश नहीं किये गये। बतात चलें कि इस बहुचर्चित मामले में पांच अगस्त को एसके यादव को विशेष न्यायाधीश नियुक्त किया गया था। आइये आपको इस अहम मामले पर फैसला सुनाने वाले जज सुरेंद्र यादव के बारे में बताते हैं...
फैजाबाद में हुई पहली पोस्टिंग
जज सुरेंद्र यादव का फैजाबाद गहरा नाता है। उनकी पहली पोस्टिंग फैजाबाद जिले में हुई थी। एडीजे के तौर पर पहला प्रमोशन भी उन्हें फैजाबाद में ही मिला था। बाबरी मस्जिद विध्वंस मामले की बात करें तो इसका भी कनेक्शन फैजाबाद जिले से ही है, क्योंकि अयोध्या फैजाबाद में ही है।
बाबरी मस्जिद केस के लिए मिला एक्सटेंशन
बताते चलें कि सीबीआई कोर्ट के विशेष न्यायाधीश सुरेंद्र यादव पिछले साल 30 सितंबर को ही रिटायर होने वाले थे। सुप्रीम कोर्ट ने 19 जुलाई को जज सुरेंद्र यादव का कार्यकाल बाबरी मस्जिद मामले की सुनवाई होने तक बढ़ा दिया था। उत्तर प्रदेश सरकार ने भी इस मामले में फैसला आने तक न्यायाधीश के कार्यकाल को बढ़ाए जाने का नोटिफिकेशन जारी किया था।
सुप्रीम कोर्ट से मांगी थी सिक्योरिटी
बाबरी मस्जिद विध्वंस मामले की सुनवाई के दौरान न्यायाधी सुरेंद्र कुमार यादव ने अपनी सुरक्षा बढ़ाने की मांग की थी। उन्होंने सुरक्षा में बढ़ोतरी के लिए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की थी। जिसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश सरकार को न्यायाधीश की याचिका पर गौर करने और हलफनामा दाखिल करने को कहा था। साथ ही दो हफ्तों में यूपी सरकार से जवाब भी तलब किया था।
5 अगस्त को जज सुरेंद्र कुमार यादव को इस केस का स्पेशल जज बनाया गया था। 19 अप्रैल 2017 को सुप्रीम कोर्ट ने जज सुरेंद्र कुमार यादव को रोजाना ट्रायल कर बाबरी मस्जिद मामले की सुनवाई दो साल में खत्म करने का आदेश दिया था।