बाबरी मस्जिद विध्वंस केस: सुप्रीम कोर्ट का विशेष न्यायाधीश को नौ महीने मे फैसला सुनाने का निर्देश, ये हैं आरोपी

By भाषा | Updated: July 19, 2019 13:06 IST2019-07-19T13:06:53+5:302019-07-19T13:06:53+5:30

बाबरी मस्जिद विध्वंस प्रकरण: न्यायमूर्ति रोहिंग्टन नरिमन और न्यायमूर्ति सूर्य कांत ने कहा कि इस मामले में गवाहों के बयान दर्ज करने का काम छह महीने के भीतर पूरा किया जाये।

Babri Masjid demolition case: Supreme Court directs to Special Judge for pronounce judgment in nine months | बाबरी मस्जिद विध्वंस केस: सुप्रीम कोर्ट का विशेष न्यायाधीश को नौ महीने मे फैसला सुनाने का निर्देश, ये हैं आरोपी

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Highlightsराम जन्म भूमि-बाबरी मस्जिद विवादित ढांचा गिराये जाने से संबंधित मुकदमे की सुनवाई कर रहे विशेष न्यायाधीश से शुक्रवार को कहा कि इस प्रकरण में आज से नौ महीने के भीतर फैसला सुनाया जाये। मामले की सुनवाई के दौरान पीठ ने स्पष्ट किया कि विस्तारित कार्यकाल के दौरान विशेष न्यायाधीश इलाहाबाद उच्च न्यायालय के ही प्रशासनिक नियंत्रण में रहेंगे।

उच्चतम न्यायालय ने अयोध्या में 1992 में राजनीतिक दृष्टि से संवेदनशील राम जन्म भूमि-बाबरी मस्जिद विवादित ढांचा गिराये जाने से संबंधित मुकदमे की सुनवाई कर रहे विशेष न्यायाधीश से शुक्रवार को कहा कि इस प्रकरण में आज से नौ महीने के भीतर फैसला सुनाया जाये। इस मामले में भाजपा के वरिष्ठ नेता लाल कृष्ण आडवाणी, डॉ मुरली मनोहर जोशी, उमा भारती और कई अन्य नेता आरोपी हैं।

न्यायमूर्ति रोहिंग्टन नरिमन और न्यायमूर्ति सूर्य कांत ने कहा कि इस मामले में गवाहों के बयान दर्ज करने का काम छह महीने के भीतर पूरा किया जाये। पीठ ने उप्र सरकार को इस मुकदमे की सुनवाई कर रहे विशेष न्यायाधीश का कार्यकाल नौ महीने बढ़ाने के लिये चार सप्ताह के भीतर उचित आदेश पारित करने का भी निर्देश दिया।

विशेष न्यायाधीश 30 सितंबर को सेवानिवृत्त होने वाले थे और उन्होंने एक पत्र में न्यायालय को इससे अवगत कराते हुये लिखा था कि मुकदमे की कार्यवाही पूरी करने के लिये छह महीने का और वक्त लगेगा। शीर्ष अदालत ने कहा कि विशेष न्यायाधीश का कार्यकाल सिर्फ इस मुकदमे की सुनवाई पूरी करने और फैसला सुनाने के उद्देश्य से ही बढ़ाया जा रहा है।

मामले की सुनवाई के दौरान पीठ ने स्पष्ट किया कि विस्तारित कार्यकाल के दौरान विशेष न्यायाधीश इलाहाबाद उच्च न्यायालय के ही प्रशासनिक नियंत्रण में रहेंगे। शीर्ष अदालत ने 19 अप्रैल, 2017 को इस मामले में आडवाणी, जोशी, उमा भारती के साथ ही भाजपा के पूर्व सांसद विनय कटियार और साध्वी ऋतंबरा पर भी आपराधिक साजिश के आरोप बहाल किये थे।

इस मामले में आरोपी गरिराज किशोर, विश्व हिन्दु परिषद के नेता अशोक सिंघल और विष्णु हरि डालमिया का निधन हो चुका है। अत: उनके खिलाफ कार्यवाही खत्म कर दी गयी है। 

Web Title: Babri Masjid demolition case: Supreme Court directs to Special Judge for pronounce judgment in nine months

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