बाबरी विध्वंस फैसलाः अभिनेता सुशांत ने ट्वीट किया- 'न कोई आया था, न किसी ने मस्जिद बनाई थी' #RIPjustice

By गुणातीत ओझा | Published: September 30, 2020 06:22 PM2020-09-30T18:22:40+5:302020-09-30T18:22:40+5:30

बाबरी मस्जिद विध्वंस मामले में फैसला आने के बाद लोगों की मिलीजुली प्रतिक्रिया देखने को मिल रही है। कोई इस फैसले का तहे-दिल से स्वागत कर रहा है, तो कोई इस फैसले के खिलाफ आग उगल रहा है।

Babri demolition verdict: Actor Sushant tweeted - Nobody came nor anybody built a mosque #RIPjustice | बाबरी विध्वंस फैसलाः अभिनेता सुशांत ने ट्वीट किया- 'न कोई आया था, न किसी ने मस्जिद बनाई थी' #RIPjustice

बाबरी विध्वंस मामले में आए फैसले की अभिनेता सुशांत सिंह ने की निंदा।

बाबरी मस्जिद विध्वंस मामले में फैसला आने के बाद लोगों की मिलीजुली प्रतिक्रिया देखने को मिल रही है। कोई इस फैसले का तहे-दिल से स्वागत कर रहा है, तो कोई इस फैसले के खिलाफ आग उगल रहा है। इस कड़ी में लोकप्रिय अभिनेता सुशांत सिंह ने भी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने ट्वीट के जरिये देश की न्यायपालिक पर तंज कसा है कि 'न कोई आया था, न किसी ने कोई मस्जिद बनाई थी' #RIPjustice.. 

बाबरी मस्जिद विध्वंस मामले में सभी आरोपियों को बरी करने के फैसले पर पाकिस्ता ने भी जहर उगला है। फैसले पर प्रतिक्रिया देते हुए पाकिस्तान ने कहा है कि भारत में न्याय से ज्यादा हिंदुत्व को अहमियत दी जाती है। पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने ट्वीट कर बाबरी विध्वंस मामले में सीबीआई कोर्ट के फैसले पर कड़ी निंदा व्यक्त की है। पाकिस्तान ने भारत की भाजपा सरकार पर निशाना साधते हुए कहा है कि भारत में न्यायपालिका हिंदुत्व की विचारधारा को ज्यादा महत्व दे रही है।

पाकिस्तान ने बाबरी विध्वंस मामले में आए फैसले की आलोचना की है। पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने ट्वीट कर कहा कि अयोध्या की बाबरी मस्जिद को ढहाने वाले अपराधियों को बरी किए जाने की पाकिस्तान कड़ी निंदा करता है। यह भाजपा/आरएसएस शासन में न्यायपालिका के लचीले रवैया का उदाहरण है जो हिंदुत्व की विचारधारा को न्याय और अंतरराष्ट्रीय नियमों के सिद्धांतों से ज्यादा अहमियत देती है। भारत के सभी सरकारी संस्थानों में कट्टर हिंदुत्व विचारधारा का शामिल होना चिंता की बात है।

बता दें कि सीबीआई की विशेष अदालत ने छह दिसम्बर 1992 को अयोध्या में बाबरी मस्जिद ढहाए जाने के मामले में बुधवार को अपना फैसला सुनाते हुए सभी आरोपियों को बरी कर दिया। विशेष न्यायाधीश एस के यादव ने फैसला सुनाते हुए कहा कि बाबरी मस्जिद विध्वंस की घटना पूर्व नियोजित नहीं थी, यह एक आकस्मिक घटना थी। उन्होंने कहा कि आरोपियों के खिलाफ कोई पुख्ता सुबूत नहीं मिले, बल्कि आरोपियों ने उन्मादी भीड़ को रोकने की कोशिश की थी। न्यायालय ने कहा कि सीबीआई ने इस मामले की वीडियो फुटेज की जो कैसेट पेश की, उनके दृश्य स्पष्ट नहीं थे और न ही उपलब्ध कराए गए कैसेट्स सीलबंद थे। घटना की तस्वीरों के नेगेटिव भी अदालत में पेश नहीं किये गये। 

Web Title: Babri demolition verdict: Actor Sushant tweeted - Nobody came nor anybody built a mosque #RIPjustice

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