अखिलेश को पता था जीत नहीं पाएंगे, इसलिए प्रचार करने नहीं आए, आजमगढ़ उप चुनाव में जीत पर बोले निरहुआ
By अनिल शर्मा | Published: June 27, 2022 07:51 AM2022-06-27T07:51:45+5:302022-06-27T07:53:49+5:30
भोजपुरी के जाने माने कलाकार निरहुआ ने कहा कि एक सांसद के रूप में आजमगढ़ के रुके हुए विकास को वह तेजी से आगे बढ़ाना चाहेंगे।
आजमगढ़ः समाजवादी पार्टी के गढ़ माने जाने वाले आजमगढ़ के लोकसभा उपचुनाव में भोजपुरी अभिनेता व भाजपा उम्मीदवार दिनेश लाल यादव 'निरहुआ' ने जीतकर इतिहास रच दिया। इस जीत के बाद निरहुआ ने सपा प्रमुख अखिलेश यादव पर पर निशाना साधते हुए कहा कि उन्हें हार का पहले से ही एहसास था इसलिए वे प्रचार करने नहीं आए।
निरहुआ ने आजमगढ़ लोकसभा सीट के उपचुनाव में अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी सपा के धर्मेंद्र यादव से 8679 मतों से जीत हासिल की है। विजयी होने के बाद मीडिया से बातचीत में भाजपा कहा, "यह पूरी तरह भाजपा की सरकारों की अच्छी नीतियों और गरीब कल्याण से जुड़ी योजनाओं की जीत है। उन्हीं पर भरोसा करके आजमगढ़ ने कमल खिलाया है।"
यह आज़मगढ़ की उम्मीद की जीत है। उनको (अखिलेश यादव को) पता था कि वे यहां नहीं जीत पाएंगे इसलिए वे यहां प्रचार करने नहीं आए। यह (आजमगढ़) भाजपा का गढ़ हो चुका है, चप्पा-चप्पा भाजपा हो चुका है: आजमगढ़ लोकसभा चुनाव में अपनी जीत पर भाजपा उम्मीदवार दिनेश लाल यादव 'निरहुआ' pic.twitter.com/lKTzzPTv9A
— ANI_HindiNews (@AHindinews) June 26, 2022
निरहुआ ने एक सवाल पर कहा कि सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव आजमगढ़ उपचुनाव में प्रचार करने नहीं आए, इसलिए नहीं कि उन्हें अतिविश्वास था, बल्कि इसलिए कि उन्हें पता था कि वह नहीं जीत पाएंगे। निरहुआ ने कहा कि एक बार जनता ने उन्हें चुना था और वह तीन साल में ही उसे छोड़कर चले गए थे, उन्होंने जनता के लिए कुछ किया नहीं था। उन्हें पता था कि जनता उन्हें नकार देगी और वही हुआ भी।
गौरतलब है कि आजमगढ़ लोकसभा सीट अखिलेश यादव के विधानसभा के लिए चुने जाने के बाद लोकसभा से इस्तीफा दिए जाने के कारण ही रिक्त हुई थी। जहां मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आजमगढ़ में भाजपा उम्मीदवार के समर्थन में प्रचार किया था, वहीं अखिलेश यादव नहीं पहुंचे थे।
उधर, आजमगढ़ लोकसभा उपचुनाव में सपा उम्मीदवार धर्मेंद्र यादव द्वारा अपनी हार के लिए भाजपा और बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के गठबंधन को जिम्मेदार ठहराये जाने के बारे में पूछे गए एक सवाल पर निरहुआ ने कहा "नहीं नहीं, मैं उनकी बात को दुरुस्त करना चाहता हूं। जब वर्ष 2019 में लड़े थे, तब उन दोनों का गठबंधन था। नहीं तो उसी बार सपा हार गई होती। इस बार जब वे अलग-अलग लड़े तो जनता का समर्थन भाजपा को मिला।"
भोजपुरी के जाने माने कलाकार निरहुआ ने कहा कि एक सांसद के रूप में आजमगढ़ के रुके हुए विकास को वह तेजी से आगे बढ़ाना चाहेंगे। वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से आग्रह करेंगे कि, चूंकि उनके पास अब डेढ़ साल का ही समय है, इसलिए आजमगढ़ की जितनी भी योजनाएं रुकी हुई हैं, उन्हें जल्द से जल्द आगे बढ़ाया जाए। आजमगढ़ का नाम बदलकर 'आर्यनगढ़' किए जाने की संभावना के सवाल पर निरहुआ ने कहा "यह बात मुख्यमंत्री जी से पूछिए।"
भाषा इनपुट के साथ