प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लिए शनिवार (9 नवंबर) कठिन समय था. उनको अयोध्या मामले पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद की स्थिति के साथ पश्चिम बंगाल में चक्रवाती बुलबुल पर नजर रखने के साथ भारतीय सीमा में करतारपुर कॉरिडोर जांच चौकी का उद्घाटन भी करना था. वह पंजाब के डेरा बाबा नानक में जांच चौकी का उद्घाटन करने के लिए सुबह दिल्ली से रवाना हुए. वहां श्रद्धालुओं के पहले जत्थे जिसमें पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह भी शामिल थे, को रवाना करने के बाद वह लौट गए.
प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) के सूत्रों का कहना है कि उन्होंने स्थिति का जायजा लिया और जाने से पहले गृह मंत्री अमित शाह के साथ सभी संभावनाओं पर चर्चा की. अमृतसर पहुंचने के बाद भी वह शाह के साथ नियमित संपर्क में थे. गृह मंत्री शाह स्थिति पर पूरी नजर रख रहे हैं. अयोध्या फैसले के बाद स्थिति शांत देखते हुए मोदी ने दोपहर 1 बजे के आसपास एक के बाद एक ट्वीट किए. उन्होंने कहा, ''न्यायिक प्रक्रिया में लोगों के विश्वास की पुष्टि होती है.'' इसके साथ ही उन्होंने लोगों से शांति और एकता की अपील की. ट्वीट ने प्रधानमंत्री की सोच का भी खुलासा किया, जिसमें उन्होंने कहा, ''न्याय के मंदिर ने दशकों पुराने मामले का सौहार्दपूर्वक समाधान किया.''
उन्होंने ट्वीट किया, ''इस फैसले को किसी की जीत या हार के रूप में नहीं देखना चाहिए. राम भक्ति हो या रहीम भक्ति, यह जरूरी है कि हम देशभक्ति की भावना को मजबूत करें. शांति और सद्भाव बरकरार रहे. प्रधानमंत्री ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले का स्वागत करते हुए कहा कि फैसला महत्वपूर्ण था क्योंकि यह दिखाता है कि किसी भी मसले का हल करते समय कानूनी प्रक्रियाओं का पालन करना क्यों अहम है. उन्होंने कहा, ''मैं 130 करोड़ भारतीयों से देश की प्राचीन परंपरा का पालन करते हुए शांति और सौहार्द की मिसाल पेश करने का अनुरोध करता हूं.''
इससे पहले गृह मंत्री शाह ने 12.30 बजे ट्वीट किया कि यह ऐतिहासिक फैसला मील का पत्थर साबित होगा जो देश की एकता, अखंडता और समृद्ध संस्कृति को मजबूत करेगा. सूत्रों के अनुसार अमित शाह ने मुंबई, दिल्ली, उत्तर प्रदेश और अन्य इलाकों के संवेदनशील जिलों के घटनाक्रमों से अवगत कराने के लिए प्रधानमंत्री से कई बार बात की.
मोदी का बहुत आभारी है आरएसएस
सूत्रों का कहना है कि अनुच्छेद 370 या राम मंदिर के एजेंडे को सफलतापूर्वक लागू कराने के लिए आरएसएस प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का बहुत आभारी है. संघ के एक पदाधिकारी ने कहा कि दोनों मुद्दे दशकों तक अधर में लटके हुए थे और मोदी ने धैर्य और गंभीरतापूर्वक इन्हें दूर किया. यही वजह है कि आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत दिल्ली में तैनात रहे.