Ram Mandir Ayodhya: गूगल नहीं खोज पाएगा राम मंदिर, सुरक्षा के लिहाज से लिया गया यह बड़ा फैसला, बुलेट प्रूफ होगा ढांचा
By गुणातीत ओझा | Published: March 18, 2020 09:24 AM2020-03-18T09:24:06+5:302020-03-18T11:36:06+5:30
मंदिर बनाने से पहले सुरक्षा घेरा तैयार किया जाएगा। समूचे 70 एकड़ परिसर में कम से कम 12 फुट ऊंची पक्की चहारदीवारी बनेगी, साथ ही छतों से भी अंदर के निर्माण कार्य न दिख सके, इसके लिए चहारदीवारी से 50 फुट ऊंचा कर्टेन का घेरा होगा।
अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के बीच खबर आई है कि सुरक्षा तंत्र को मजबूत करने के लिए गूगल को मंदिर की लोकेशन के राइट्स नहीं दिए जाएंगे। निर्माण के चलते रामलला को अस्थाई मंदिर में रखा गया है। इसके बाद भी गूगल मैप पर यहां की लोकेश नहीं दिखेगी। रामजन्मभूमि परिसर के पुलिस अधीक्षक सुरक्षा त्रिभुवन नाथ त्रिपाठी ने बताया कि गूगल मैप से जीपीएस लोकेशन हटाने के लिए मुख्यालय को पत्र भेजा जाएगा। इससे पहले 5 जुलाई 2005 को रामजन्मभूमि परिसर में हुए आतंकी हमले के बाद भगवान श्री राम के गर्भगृह की लोकेशन को गूगल मैप से हटवा दिया गया था। साथ ही अस्थाई मंदिर के ढांचे को फिर से बुलेट प्रूफ बनाने के लिए मंथन किया जा रहा है।
राम लला की मूर्तियों को अस्थाई मंदिर से स्थानांतरित किया जाएगा
राम जन्मभूमि मंदिर के मुख्य पुजारी ने कहा था कि राम मंदिर का निर्माण कार्य शुरू होने के चलते राम लला की मूर्तियों को अस्थाई मंदिर के गर्भगृह में रखा गया है, उन्हें दूसरी जगह स्थापित किया जाएगा। पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास ने कहा था कि मूर्तियों को अस्थाई मंदिर से 200 मीटर दूर एक जगह पर स्थानांतरित कर दिया जाएगा। उन्होंने कहा था, ‘‘राम मंदिर का निर्माण गर्भगृह से शुरू होगा।’’ मुख्य पुजारी ने कहा था, ‘‘राम लला की मूर्तियों को स्थानांतरित करने के लिए कुछ इंजीनियरों ने भूमि की माप की है, हालांकि मैं उनसे नहीं मिला। मूर्तियों को स्थानांतरित किया जाएगा और अस्थायी रूप से मानस भवन की ओर स्थापित किया जाएगा।’’ अयोध्या मामले में टाइटल सूट के पक्षकार त्रिलोकी नाथ पाण्डेय ने कहा था कि गृर्भ गृह का निर्माण कार्य पूरा होने के बाद मूर्तियों को उनके मूल स्थान पर वापस लाया जाएगा।
सुरक्षा एजेंसियों के क्लीयरेंस के बाद रामलला की स्थापना
बताते चलें कि श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के ट्रस्टी डॉ. अनिल मिश्र ने बताया था कि रामलला की नए स्थान पर स्थापना के पहले ट्रस्ट के सामने कई सारी मुश्किलें हैं, जिसको ट्रस्ट पहले विभिन्न एजेंसियों से चर्चा कर दूर करेगा। सुरक्षा एजेंसियों की क्लीयरेंस बिना कुछ भी नहीं किया जाएगा।
पुख्ता होगा सुरक्षा घेरा, चारों तरफ बनेगी पक्की दीवार
मंदिर बनाने से पहले सुरक्षा घेरा तैयार किया जाएगा। समूचे 70 एकड़ परिसर में कम से कम 12 फुट ऊंची पक्की चहारदीवारी बनेगी, साथ ही छतों से भी अंदर के निर्माण कार्य न दिख सके, इसके लिए चहारदीवारी से 50 फुट ऊंचा कर्टेन का घेरा होगा। निर्माण सामग्री लाने से लेकर रखने तक की सुरक्षा और पवित्रता को लेकर फूलप्रूफ रणनीति बन रही है। परिसर के अंदर बगैर अधिकृत पास के न कोई व्यक्ति प्रवेश करेगा न ही वाहन।