अयोध्या विवादः सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने से पहले जिला प्रशासन ने TV चैनल को किया बैन

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: October 19, 2019 06:07 PM2019-10-19T18:07:06+5:302019-10-19T18:07:06+5:30

गौरतलब है कि उच्चतम न्यायालय ने बुधवार को अयोध्या मामले की सुनवाई पूरी कर ली। न्यायालय ने राजनीतिक रूप से संवेदनशील मामले में अपना फैसला सुरक्षित रख लिया है और यह एक महीने के अंदर आने की उम्मीद है।

Ayodhya dispute: District administration banned TV channel before Supreme Court verdict | अयोध्या विवादः सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने से पहले जिला प्रशासन ने TV चैनल को किया बैन

शांति में खलल पड़ सकती है और साम्प्रदायिक अशांति हो सकती है। हमने अयोध्या में निषेधाज्ञ लगाई है।

Highlightsजिला प्रशासन ने परिचर्चाओं के लिये अयोध्या मामले के वादियों को आमंत्रित करने से भी टीवी चैनलों को प्रतिबंधित कर दिया है।अयोध्या जिलाधिकारी अनुज कुमार झा ने कहा, ‘‘टीवी चैनलों को अयोध्या में सार्वजनिक स्थानों पर परिचर्चा कराने से प्रतिबंधित कर दिया गया है।

राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद भूमि विवाद मामले में उच्चतम न्यायालय का फैसला आने से पहले अयोध्या जिला प्रशासन ने कानून व्यवस्था बनाये रखने के लिये सार्वजनिक स्थानों पर परिचर्चा कराने से टीवी चैनलों को प्रतिबंधित कर दिया है।

जिला प्रशासन ने परिचर्चाओं के लिये अयोध्या मामले के वादियों को आमंत्रित करने से भी टीवी चैनलों को प्रतिबंधित कर दिया है। गौरतलब है कि उच्चतम न्यायालय ने बुधवार को अयोध्या मामले की सुनवाई पूरी कर ली। न्यायालय ने राजनीतिक रूप से संवेदनशील मामले में अपना फैसला सुरक्षित रख लिया है और यह एक महीने के अंदर आने की उम्मीद है।

अयोध्या जिलाधिकारी अनुज कुमार झा ने कहा, ‘‘टीवी चैनलों को अयोध्या में सार्वजनिक स्थानों पर परिचर्चा कराने से प्रतिबंधित कर दिया गया है क्योंकि इससे शांति में खलल पड़ सकती है और साम्प्रदायिक अशांति हो सकती है। हमने अयोध्या में निषेधाज्ञ लगाई है।’’

हालांकि उन्होंने स्पष्ट कर दिया कि टीवी परिचर्चाओं को प्रतिबंधित करने के लिये कोई लिखित आदेश नहीं जारी किया गया है। जिलाधिकारी ने यह भी स्पष्ट किया कि टीवी चैनलों को सार्वजनिक स्थानों पर परिचर्चा कराने से प्रतिबंधित करना किसी भी तरह से न्यूज रिपोर्टिंग को प्रभावित नहीं करेगा।

अयोध्या में सार्वजनिक परिचर्चा कराने को इच्छुक टीवी चैनलों को जिला प्रशासन ने एक आवेदन फार्म जारी किया है। इसमें तीसरे बिंदु में कहा गया है, ‘‘विवाद के वादियों को नहीं बुलाया (परिचर्चा में) जाएगा।’’ सूचना उप निदेशक मुरली धर सिंह ने कहा, ‘‘हमने ऐसा इसलिये किया कि इस तरह की परिचर्चा के दौरान यदि वादियों के साथ कोई अप्रिय घटना होती है तो बड़ी समस्या पैदा हो जाएगी।

इसलिए हमने टीवी चैनलों से अयोध्या मामले के किसी वादी को नहीं बुलाने को कहा है।’’ समाचार चैनलों की स्व नियामक संस्था न्यूज ब्रॉडकॉस्टिंग स्टैंडड्र्स ऑथरिटी (एनबीएसए) ने सभी टीवी चैनलों को इस मामले की रिपोर्टिंग करने के दौरान सावधानी बरतने और उकसाने वाली बहस कराने से दूर रहने को कहा है क्योंकि ये तनाव पैदा कर सकते हैं। इसने यह भी सलाह दी है कि बाबरी मस्जिद ढहाये जाने का कोई फुटेज अयोध्या विषय से जुड़ी किसी खबर में नहीं दिखाया जाए। 

Web Title: Ayodhya dispute: District administration banned TV channel before Supreme Court verdict

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