भारत रत्न और पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी का 93 वर्ष की उम्र में निधन
By भारती द्विवेदी | Published: August 16, 2018 05:36 PM2018-08-16T17:36:16+5:302018-08-16T17:52:47+5:30
Atal Bihari Vajpayee passes away, Former Prime Minister Atal Bihari Vajpayee Died: पांच साल तक सत्ता में रहने वाले देश के पहले गैर कांग्रेसी प्रधानमंत्री थे। सादगी, सात्विकता और प्रभावी भाषण शैली के लिए जाने जाते थे। देश में शोक की लहर।
नई दिल्ली, 16 अगस्त: भारत के पूर्व प्रधानमंत्री और भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी का दिल्ली के एम्स अस्पताल में गुरुवार निधन हो गया। एम्स द्वारा जारी की गयी मेडिकल बुलेटिन के अनुसार गुरुवार को शाम 5.05 बजे वाजपेयी ने आखिरी साँस ली। मेडिकल बुलेटिन के अनुसार पिछले 36 घण्टों में उनकी तबीयत में तेजी से गिरावट आयी।
अटल बिहारी वाजपेयी को 11 जून को दिल्ली स्थित अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान में भर्ती कराया गया था। उन्हें किडनी इंफेक्शन और यूरिन इंफेक्शन की शिकायत थी।
अटल बिहारी वाजपेयी का 25 दिसंबर 1924 में ग्वालियर में जन्म हुआ था। वो छात्र जीवन से ही राजनीति से जुड़ गये थे। 1942 के भारत छोड़ो आंदलोन में शामिल हुए।
1939 में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से जुड़ गये। अटल बिहारी वाजपेयी पहली बार 1957 में भारतीय संसद में पहुँचे। वो नौ बार लोक सांसद और दो बार राज्य सभा सांसद रहे।
अटल बिहारी वाजपेयी तीन बार देश के प्रधानमंत्री रहे। वाजपेयी पहली बार 1996 में महज 13 दिन के लिए देश के पीएम बने।
दूसरी बार 1998 में वो 13 महीनों तक देश के प्रधानमंत्री रहे। तीसरी बार वो 1999 में देश के प्रधानमंत्री बने और पाँच साल का कार्यकाल पूरा किया। इस तरह अटल बिहारी वाजपेयी पहले गैर-कांग्रेसी पीएम बन गये जिसने पाँच साल का कार्यकाल पूरा किया।
अटल बिहारी वाजपेयी जवाहरलाल नेहरू के बाद दूसरे ऐसे राजनेता था जो लगातार दो बार देश का प्रधानमंत्री बना। बाद में डॉक्टर मनमोहन सिंह भी लगातार दो बार देश के पीएम बने।
Former Prime Minister & Bharat Ratna #AtalBihariVaajpayee passes away in AIIMS. He was 93. pic.twitter.com/r12aIPF5G0
— ANI (@ANI) August 16, 2018
अटल बिहारी वाजपेयी को भारतीय राजनीतिक इतिहास में एक कुशल राजनीतिज्ञ, भाषाविद, कवि और पत्रकार के रूप में जाना जाता है। वह एक ऐसे नेता रहे हैं जिन्हें जनता के साथ-साथ हर पार्टी के लोग पसंद करते हैं।
अपनी प्रतिभा, नेतृत्व क्षमता और लोकप्रियता के कारण वे चार दशकों से भी अधिक समय से भारतीय संसद के सांसद रहे। इसके अलावा तीन बार भारत के प्रधानमंत्री पद पर भी सुशोभित हुए। अटल जी अपनी सात्विक राजनीति और संवेदनशीलता के लिए जाने जाते हैं। उनके भाषणों का ऐसा जादू कि लोग सुनते ही रहना चाहते हैं। वाजपेयी ने तबीयत के चलते कई साल पहले सक्रिय राजनीति से संन्यास ले लिया था।