पांच राज्यों में विधानसभा चुनावः कांग्रेस के हाथ लगी बड़ी सफलता, 45 दिन में जोड़े 3 लाख नये कार्यकर्ता
By जनार्दन पाण्डेय | Published: October 12, 2018 09:20 AM2018-10-12T09:20:13+5:302018-10-12T09:20:13+5:30
Assembly and Lok Sabha Elections: कांग्रेस के वरिष्ठ नेता ने यह भी कहा कि चुनाव आयोग को निर्देश दिया जाना चाहिए कि वह हर चुनाव क्षेत्र में 10 फीसदी मतदान केंद्रों में ईवीएम में डाले गए वोटों का मिलान वीवीपीएटी पर्चियों से औचक तौर पर किया जाना चाहिए।
आगामी मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, राजस्थान, तेलंगाना और मिजोरम विधानसभा चुनाव 2018 व लोकसभा चुनाव 2019 के मद्देनजर भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस (कांग्रेस पार्टी) ने नये तरीके से काम करना शुरू कर दिया है। आगामी चुनावों के आहट पर पार्टी की यूथ विंग यूथ कांग्रेस में पार्टी के लिए महज 45 दिन में तीन लाख से ज्यादा कार्यकर्ता जोड़कर नया इतिहास बनाया है।
एबीपी न्यूज की एक खबर के मुताबिक यूथ कांग्रेस की मध्य उत्तर प्रदेश की टीमें काफी सक्रिय हो गई हैं। यहां यूथ कांग्रेस ने कानपुर समेत मध्य यूपी और पूर्वी यूपी में कांग्रेस के लिए नये तीन कार्यकर्ता जोड़ लिए हैं। उत्तर प्रदेश में कांग्रेस की हालत देखते हुए यह एक बड़ी संख्या है।
यूपी कांग्रेस बीते कई सालों से गुटबाजी का शिकार है। हाल ही में यूपी कांग्रेस के मुखिया राज बब्बर के इस्तीफे की खबर उड़ गई थी। बाद में पता चला कि यह कांग्रेस के ही एक गुट का काम था। क्योंकि राज बब्बर को यूपी कांग्रेस के कई लोग पसंद नहीं करते। लेकिन हालिया सक्रियता देखकर ऐसा माना जा रहा है कि कांग्रेस के सभी ग्रुप आपस में इस बात पर समझौता कर चुके हैं कि चुनावों तक केंद्र सरकार और बीजेपी को हर हाल में घेरना है।
कमलनाथ, सचिन पायलट की अर्जियों पर शुक्रवार को फैसला सुना सकता है उच्चतम न्यायालय
उच्चतम न्यायालय कांग्रेस नेता कमलनाथ और सचिन पायलट की उन अर्जियों पर शुक्रवार को फैसला सुना सकता है जिनमें उन्होंने मध्य प्रदेश एवं राजस्थान के आगामी विधानसभा चुनावों से पहले वीवीपीएटी मशीनों की औचक जांच करने और टेक्स्ट रूप में मतदाता सूची मुहैया कराने की मांग की है।
न्यायमूर्ति ए के सीकरी और न्यायमूर्ति अशोक भूषण की पीठ ने इस मामले में आठ अक्टूबर को सुनवाई पूरी की थी। सुनवाई के दौरान कांग्रेस नेताओं की तरफ से पेश हुए वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल और चुनाव आयोग की तरफ से पेश हुए वकील विकास सिंह ने एक-दूसरे पर आरोप लगाए थे।
वकील वरुण चोपड़ा के जरिए दाखिल अर्जी में कमलनाथ ने कहा है कि पीडीएफ रूप की बजाय ‘‘नियमों के मुताबिक टेक्स्ट रूप’’ में मतदाता सूची प्रकाशित करने के निर्देश जारी किए जाने चाहिए और उन्हें अंतिम रूप से प्रकाशित करने से पहले सभी शिकायतों पर तेजी से फैसले लिए जाने चाहिए।
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता ने यह भी कहा कि चुनाव आयोग को निर्देश दिया जाना चाहिए कि वह हर चुनाव क्षेत्र में 10 फीसदी मतदान केंद्रों में ईवीएम में डाले गए वोटों का मिलान वीवीपीएटी पर्चियों से औचक तौर पर किया जाना चाहिए।
(भाषा के इनपुट के साथ)