व्यापम घोटाले का 'जिन्न' अब कांग्रेस पार्टी का करेगी पीछा, निष्पक्ष जांच का नैतिक साहस दिखा पाएंगे कमलनाथ ?

By विकास कुमार | Published: December 12, 2018 08:38 PM2018-12-12T20:38:46+5:302018-12-12T20:39:36+5:30

प्रदेश में 15 वर्षों से सत्ता का वनवास झेल रही कांग्रेस पार्टी ने इस मुद्दे को खूब भुनाया। आपको बता दें कि कांग्रेस के भी कई नेता का नाम इस घोटाले में आया था क्योंकि यह पूरा खेल उनके शासनकाल में ही शुरू हुआ था। लेकिन कांग्रेस ने विपक्ष में होने का भरपूर लुत्फ उठाया और इस मुद्दे को शिवराज सरकार के खिलाफ अपने महत्त्वपूर्ण हथियार के रूप में इस्तेमाल किया।

Assembly election analysis : Congress will investigate Vyapam scam ? uses as main weapon against shivraj singh chauhaan | व्यापम घोटाले का 'जिन्न' अब कांग्रेस पार्टी का करेगी पीछा, निष्पक्ष जांच का नैतिक साहस दिखा पाएंगे कमलनाथ ?

व्यापम घोटाले का 'जिन्न' अब कांग्रेस पार्टी का करेगी पीछा, निष्पक्ष जांच का नैतिक साहस दिखा पाएंगे कमलनाथ ?

मध्य प्रदेश में 15 साल से स्थापित भाजपा की सरकार को कांग्रेस ने चुनौती देते हुए उखाड़ फेका है। देश के विकास के राजनीतिक चेहरों में अपनी अमिट पहचान बना चुके शिवराज सिंह चौहान को मध्य प्रदेश की जनता ने इस बार खारिज कर दिया। किसानों को ब्याज रहित लोन देना हो या प्रदेश के नौजवानों को उच्च शिक्षा के लिए छात्रवृति, शिवराज सिंह चौहान ने प्रदेश के विकास को एक नया आयाम दिया। लेकिन सबसे बड़ा सवाल है कि बीमारू राज्य को देश के विकासशील राज्यों की श्रेणी में खड़ा करने वाले शिवराज सिंह चौहान आखिर इस बार का चुनाव कैसे हार गए? क्यों उनका विकास इस बार के चुनावों में अप्रासंगिक हो गया। 

इसके लिए हमें उस मुद्दे पर ध्यान देना होगा जिसने देश के राजनीतिक भ्रष्टाचार के इतिहास में 'मौत का कुआं' कहा जाता है। पिछले ढाई दशक से मध्य प्रदेश के भ्रष्ट नेता, दलाल नौकरशाह और कुछ लालची कारोबारियों के अपवित्र गठबंधन ने मध्य प्रदेश में ऐसा कहर ढाया जिससे शिवराज सिंह की सरकार भी अछूती नहीं रह पाई। पिछले 15 साल से प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी की सरकार थी और शिवराज सिंह के नाक ने नीचे इतने बड़े घोटाले का पूरा तंत्र चल रहा था। आखिर भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की बात करने वाले मुख्यमंत्री को इसकी भनक तक नहीं लगी, इस बात पर आसानी से भरोसा नहीं किया जा सकता है। 

व्यापम था मौत का कुआं 

सरकारी आंकड़ों के मुताबिक ही व्यापम घोटाले से जुड़े या इसकी जांच कर रहे लोगों में से अभी तक 42 लोगों की मौत हो चुकी है। कई मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, शिवराज सिंह कैबिनेट के कई मंत्रियों को इस पूरे खेल के बारे में सब कुछ पता था। इस घोटाले की आंच खुद शिवराज के परिवार तक पहुंची और कई लोगों ने उनकी पत्नी साधना सिंह का नाम भी इस पूरे भ्रष्टाचार में घसीटा। खैर, हम इसकी पुष्टि नहीं करते हैं। 

प्रदेश में 15 वर्षों से सत्ता का वनवास झेल रही कांग्रेस पार्टी ने इस मुद्दे को खूब भुनाया। आपको बता दें कि कांग्रेस के भी कई नेता का नाम इस घोटाले में आया था क्योंकि यह पूरा खेल उनके शासनकाल में ही शुरू हुआ था। लेकिन कांग्रेस ने विपक्ष में होने का भरपूर लुत्फ उठाया और इस मुद्दे को शिवराज सरकार के खिलाफ अपने महत्त्वपूर्ण हथियार के रूप में इस्तेमाल किया। कांग्रेस के दिग्गज नेता दिग्विजय सिंह ने इस बार के चुनाव में इस मुद्दे को बार-बार उठाया। जिसका फायदा उन्हें साफ तौर पर चुनावों में हुआ। 

अब सबसे बड़ा सवाल है कि क्या कांग्रेस पार्टी अब जब सत्ता में आ गयी है तो इस घोटाले की व्यापक जांच करवाएगी। देश की राजनीतिक पार्टियां सरकार बनाने के लिए इन मुद्दों को खूब हवा देती है लेकिन सरकार में आने के बाद उनकी कथनी और करनी में बहुत बड़ा फर्क दिखने लगता है। 2014 में भारतीय जनता पार्टी ने कांग्रेस के खिलाफ माहौल बनाने के लिए 2G घोटाले को ब्रहमास्त्र के रूप में इस्तेमाल किया था लेकिन उनके सरकार के दौरान ही सुप्रीम कोर्ट ने इस घोटाले के आरोपियों को सबूत के अभाव में बरी कर दिया। 

Web Title: Assembly election analysis : Congress will investigate Vyapam scam ? uses as main weapon against shivraj singh chauhaan

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