मदरसों को लेकर असम सरकार सख्त, 1 दिसंबर तक शिक्षकों समेत संस्थान से जुड़ी सभी जानकारी देने का निर्देश
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: November 10, 2022 08:05 AM2022-11-10T08:05:21+5:302022-11-10T08:14:38+5:30
पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) भास्करज्योति महंत, माध्यमिक शिक्षा निदेशक ममता होजाई, अन्य सरकारी अधिकारियों और मदरसों के प्रतिनिधियों की बैठक में एक दिसंबर की समय सीमा निर्धारित की गई है।
गुवाहाटी, नौ नवंबर (भाषा) असम में मदरसों को एक दिसंबर तक अपने स्थान व सेवारत शिक्षकों के परिचय समेत संस्थान से जुड़ी सभी जानकारी प्रदेश सरकार को देने को कहा गया है। एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि बुधवार को पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) भास्करज्योति महंत, माध्यमिक शिक्षा निदेशक ममता होजाई, अन्य सरकारी अधिकारियों और मदरसों के प्रतिनिधियों की बैठक में एक दिसंबर की समय सीमा निर्धारित की गई है।
कट्टरपंथी संगठनों से संबंध को लेकर राज्य के कई मदरसे जांच के दायरे में
अधिकारी ने कहा, “मदरसों को उन संगठनों के माध्यम से माध्यमिक शिक्षा निदेशालय को ब्योरा देना होगा, जिनके तहत वे काम करते हैं।” इस साल की शुरुआत में मदरसों में कार्यरत शिक्षकों को अल-कायदा भारतीय उपमहाद्वीप (एक्यूआईएस) और अंसारुल्लाह बांग्ला टीम (एबीटी) से कथित संबंधों के लिए गिरफ्तार किया गया था, जिसके बाद राज्य के कई मदरसे जांच के दायरे में आ गए थे। इस साल राज्य में कट्टरपंथी संगठनों से संबंधों के संदेह में शिक्षकों समेत कुल 47 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है।
सभी निजी मदरसों की जानकारी के लिए पोर्टल लॉन्च होगा
असम पुलिस के सीपीआरओ राजीव सैकिया ने कहा, "एक पोर्टल का काम चल रहा है, जहां सभी निजी मदरसों की जानकारी अपलोड की जाएगी और जल्द ही पोर्टल लॉन्च किया जाएगा।" इससे पहले 4 सितंबर को असम के डीजीपी, वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों और मदरसों को चलाने वाले कई संगठनों के प्रतिनिधियों के बीच एक बैठक हुई थी और यह सुनिश्चित करने के लिए कई निर्णय किए गए थे कि कोई भी चरमपंथी तत्व धार्मिक शिक्षण के नाम पर मदरसे में शरण न लें।
दो मदरसों के बीच कम से कम 3 किमी की दूरी होनी चाहिए
असम पुलिस सीपीआरओ ने कहा कि आज की बैठक के दौरान असम के डीजीपी ने कहा कि राज्य के बाहर से आने वालों और मदरसा में शिक्षकों के रूप में काम करने वालों के लिए पुलिस सत्यापन अनिवार्य होगा। डीजीपी भास्कर ज्योति महंत ने कहा कि दो मदरसों के बीच कम से कम 3 किमी की दूरी होनी चाहिए और प्रत्येक मदरसे में कम से कम 100 छात्रों का नामांकन होना चाहिए।
भाषा इनपुट के साथ