असम पुलिस राहुल गांधी को 'भारत जोड़ो न्याय यात्रा' के दौरान हुई झड़प में पूछताछ के लिए बुला सकती है-सूत्र
By आशीष कुमार पाण्डेय | Published: February 20, 2024 09:16 AM2024-02-20T09:16:18+5:302024-02-20T09:21:47+5:30
असम में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता राहुल गांधी की अगुवाई में हुई 'भारत जोड़ो न्याय यात्रा' के दौरान गुवाहाटी में हुई पुलिस और कांग्रेस कार्यकर्ताओं के बीच हिंसक झड़प के मामले में असम पुलिस पूछताछ के लिए वायनाड के सांसद को बुला सकती है।
नई दिल्ली: असम में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता राहुल गांधी की अगुवाई में हुई 'भारत जोड़ो न्याय यात्रा' के दौरान गुवाहाटी में हुई पुलिस और कांग्रेस कार्यकर्ताओं के बीच हिंसक झड़प के मामले में असम पुलिस पूछताछ के लिए वायनाड के सांसद को बुला सकती है।
असम पुलिस की ओर से उस घटना की जांच का आपराधिक जांच विभाग (सीआईडी) कर रही है। सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक असम पुलिस गुवाहाटी झड़प के सिलसिले में जल्द ही कांग्रेस नेता राहुल गांधी के खिलाफ समन जारी कर सकती है।
समाचार वेबसाइट इंडिया टुड़े के अनुसार असम पुलिस की ओर से घटना में दर्ज की गई एफआईआर में न केवल राहुल गांधी बल्कि उनके साथ केसी वेणुगोपाल, जितेंद्र सिंह, जयराम रमेश, श्रीनिवास बीवी, कन्हैय्या कुमार, गौरव गोगोई, भूपेन कुमार बोरा और देबब्रत सैकिया जैसे कई अन्य वरिष्ठ कांग्रेस नेताओं का भी नाम शामिल है।
बताया जा रहा है कि सोमवार को असम पुलिस ने घटना में पूछताछ के लिए कांग्रेस विधायक जाकिर हुसैन सिकदर और पार्टी के एक अन्य नेता को समन जारी किया है। इसके साथ ही गुवाहाटी शहर कांग्रेस के महासचिव रमेन कुमार सरमा को भी पुलिस ने समन जारी करके 23 फरवरी को सुबह में 11.30 बजे पेशी के लिए कहा है।
दरअसल 23 जनवरी की उस घटना में कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने राहुल गांधी सहित एफआईआर में दर्ज अन्य नेताओं की उपस्थिति में पुलिस बैरिकेड तोड़ दिए, जो मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा द्वारा यात्रा के गुवाहाटी शहर में प्रतिबंधित किये जाने से नाराज थे।
जब गुवाहाटी में प्रवेश कर रहे कांग्रेस कार्यकर्ताओं को पुलिस ने रोका तो वह उनसे भिड़ गए। जिसके बाद पुलिस द्वारा स्थिति को नियंत्रित में लेने के लिए लाठीचार्ज भी करना पड़ा था। उस झड़प में कई पुलिसकर्मी और पार्टी कार्यकर्ता घायल हो गए थे।
हालांकि बैरियर को हटाने के बाद भी कांग्रेस कार्यकर्ता आगे नहीं बढ़। घटना के समय मौजूद राहुल गांधी ने कहा कि कांग्रेस के कार्यकर्ता बैरिकेड्स तोड़ सकते हैं, लेकिन कानून नहीं तोड़ेंगे।
घटना के बाद असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने बेहद तीखी प्रतिक्रिया देके हुए उस प्रकरण को को "नक्सली" घटना करार दिया था और पुलिस को मामला एक्शन लेने का आदेश दिया था। जिसके बाद गुवाहाटी पुलिस ने राहुल गांधी और अन्य नेताओं के खिलाफ "हिंसा के अनुचित कृत्यों" के आरोप में एफआईआर दर्ज किया था।
सीएम सरमा ने यहां तक घोषणा की कि असम पुलिस लोकसभा चुनाव के बाद राहुल गांधी सहित अन्य को गुवाहाटी मामले में करेंगी, पुलिस फिलहाल राहुल गांधी को इसलिए अरेस्ट नहीं कर रही है क्योंकि वह आम चुनाव से पहले इस मुद्दे का "राजनीतिकरण" नहीं करना चाहते थे।
मुख्यमंत्री सरना ने बाद में घोषणा की कि मामले की जांच के लिए एक विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन किया जाएगा और उसके बाद राज्य पुलिस ने मामले की जांच सीआईडी को सौंप दिया था।