असम: एनआरसी में शामिल न होने वालों सहित 28 लाख लोगों के आधार कार्ड के लिए सुप्रीम कोर्ट में आवेदन करेगी सरकार
By विशाल कुमार | Published: April 21, 2022 09:14 AM2022-04-21T09:14:48+5:302022-04-21T09:17:22+5:30
असम के संसदीय कार्य एवं सूचना मंत्री पीयूष हजारिका ने कहा कि राज्य सरकार ने असम के निवासियों (जिनके नाम एनआरसी में हैं और जो छूट गए हैं) को अपने आधार कार्ड प्राप्त करने में सक्षम बनाने के लिए सुप्रीम कोर्ट में एक अनंतिम आवेदन दाखिल करने की मंजूरी दी।
गुवाहाटी: राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी) को अपडेट करने की प्रक्रिया के दौरान लॉक किए जा चुके बायोमेट्रिक्स के कारण आधार कार्ड बनवा पाने में असक्षम निवासियों का आधार कार्ड बनवाने के लिए असम कैबिनेट ने बुधवार को सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाने का फैसला किया।
संसदीय कार्य एवं सूचना मंत्री पीयूष हजारिका ने कहा कि राज्य सरकार ने असम के निवासियों (जिनके नाम एनआरसी में हैं और जो छूट गए हैं) को अपने आधार कार्ड प्राप्त करने में सक्षम बनाने के लिए सुप्रीम कोर्ट में एक अनंतिम आवेदन दाखिल करने की मंजूरी दी।
बता दें कि, एनआरसी को अपडेट करने की प्रक्रिया के दौरान ऐसे लगभग 28 लाख आवेदकों के बायोमेट्रिक्स एकत्र किए गए और उन्हें लॉक कर दिया गया जिनकी नागरिकता संदेह के घेरे में थी। वर्तमान नियमों के अनुसार, जिनके बायोमेट्रिक्स लॉक हो गए हैं, उन्हें आधार कार्ड जारी नहीं किए जा सकते हैं।
31 अगस्त, 2019 को जारी अंतिम एनआरसी सूची में उन 19 लाख आवेदकों को शामिल नहीं किया गया, जिनके बायोमेट्रिक्स एकत्र किए गए थे।
वर्तमान में, इन दोनों आवेदकों के साथ-साथ 830,000 से अधिक अन्य जिनके नाम अंतिम एनआरसी में शामिल थे, उनके आधार कार्ड प्राप्त नहीं कर पाए क्योंकि उनके बायोमेट्रिक्स अभी भी बंद हैं।
सुप्रीम कोर्ट वर्तमान में तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) की राज्यसभा सदस्य सुष्मिता देव द्वारा दायर एक जनहित याचिका (पीआईएल) पर सुनवाई कर रहा है, जिसमें उन 830,000 आवेदकों के बायोमेट्रिक्स जारी करने की मांग की गई है, जिनके नाम एनआरसी में शामिल हो गए हैं।