असम सरकार NRC के पुन: सत्यापन की मांग को लेकर SC का करेगी रुख, 2019 की सूची को किया अस्वीकार
By अनिल शर्मा | Published: March 25, 2022 08:34 AM2022-03-25T08:34:28+5:302022-03-25T08:36:47+5:30
असम के कृषि मंत्री अतुल बोरा ने कहा, यह फैसला ऑल असम स्टूडेंट्स यूनियन (आसू) और अन्य स्वदेशी संगठनों के साथ हुई बैठक के दौरान लिया गया था। हम अगस्त 2019 में प्रकाशित एनआरसी की सूची को स्वीकार नहीं करेंगे।
गुवाहाटी: असम के कृषि मंत्री अतुल बोरा ने गुरुवार को कहा कि राज्य सरकार ने नागरिकों के राष्ट्रीय रजिस्टर (जो 2019 अगस्त में प्रकाशित हुआ था) के पुन: सत्यापन के लिए सुप्रीम कोर्ट जाने का फैसला किया है।
मीडिया से बात करते हुए बोरा ने कहा, यह फैसला ऑल असम स्टूडेंट्स यूनियन (आसू) और अन्य स्वदेशी संगठनों के साथ हुई बैठक के दौरान लिया गया था। हम अगस्त 2019 में प्रकाशित एनआरसी की सूची को स्वीकार नहीं करेंगे। अब हम पुन: सत्यापन की मांग करके सुप्रीम कोर्ट जाने का फैसला किया है। असम के मंत्री ने आगे कहा कि आज असम सरकार और AASU नेतृत्व के बीच असम समझौते के कार्यान्वयन पर एक बैठक हुई।
दूसरी ओर, AASU के सलाहकार समुज्जल भट्टाचार्य ने कहा कि कई अवैध बांग्लादेशी लोगों के नाम NRC की अंतिम सूची में शामिल थे और हम एक अवैध बांग्लादेशी मुक्त NRC चाहते हैं। हमने इसकी मांग करते हुए सुप्रीम कोर्ट के समक्ष पहले ही एक याचिका दायर कर दी है। हम केंद्र और राज्य दोनों से आग्रह करते हैं कि, वे भी एक सही एनआरसी के लिए सुप्रीम कोर्ट का रुख करें।"
नागरिक (NRC) के राज्य समन्वयक हितेश देव सरमा ने गुवाहाटी उच्च न्यायालय के समक्ष एक हलफनामा प्रस्तुत किया था और कहा था कि NRC सूची जो 31 अगस्त, 2019 को प्रकाशित हुई थी, वह NRC की एक पूरक सूची थी और 4795 अपात्र व्यक्तियों के नाम सूची में शामिल किए गए थे। .