जोरहाट/ गुवाहाटी, नौ सितंबर असम की ब्रह्मपुत्र नदी में नौका दुर्घटना के बाद लापता हुए लोगों की तलाश में रात भर चले अभियान में 84 लोगों के सकुशल होने की जानकारी मिली है, लेकिन दो लोग अब भी लापता हैं।
अधिकारियों ने बृहस्पतिवार को सुबह यह जानकारी दी।
असम के जोरहाट जिले में बुधवार को माजुली जा रही एक निजी नौका निमती घाट के पास एक सरकारी नौका से टकराने के बाद डूब गई। इस घटना में एक व्यक्ति के मारे जाने की पुष्टि हुई है।
जोरहाट के उपायुक्त अशोक बर्मन ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया कि नौका का मलबा ब्रह्मपुत्र नदी में करीब 1.5 किलोमीटर की दूरी पर मिला। राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) और राज्य आपदा मोचन बल (एसडीआरएफ) के जवानों ने उल्टी पड़ी नौका के तल को काटा ,लेकिन उसके अंदर कोई नहीं था।
उन्होंने बताया,‘‘ अब तक एक व्यक्ति की मौत होने की पुष्टि हुई है और दो लोग लापता हैं। जोरहाट और माजुली जिले के विभिन्न गांवों में 84 लोगों से हम संपर्क कर पाए हैं, इससे नौका पर 87 लोगों के सवार होने की जानकारी मिलती है।’’
जोरहाट के पुलिस अधीक्षक अंकुर जैन ने कहा कि दुर्घटना के बाद लापता हुए दोनों लोग जोरहाट और लखीमपुर जिलों से थे। इनकी तलाश में एनडीआरएफ, एसडीआरएफ के गोताखोर लगे हुए हैं और सेना भी सहयोग कर रही है।
उन्होंने कहा,‘‘ गोताखोर बृहस्पतिवार सुबह भी नौका के अंदर गए और उन्हें वहां कोई शव नहीं मिला। सेना के गोताखोरों ने भी क्षेत्र में तलाश की। लापता लोगों की तलाश में वायु सेना हवाई सर्वेक्षण करेगी।’’
जोरहाट मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल की अधीक्षक पूर्णिमा बरुआ ने बताया कि 11 यात्रियों को भर्ती कराया गया, जिनमें से एक की मौत हो गई और तीन को अस्पताल से छुट्टी दे दी गई। उन्होंने कहा,‘‘ सात लोगों का अब भी इलाज चल रहा है, इनमें से किसी की भी हालत गंभीर नहीं है। इन लोगों को चोटें कम आई हैं, सदमा ज्यादा लगा है।’’
मृतक की शिनाख्त परिमिता दास के तौर पर की गई है। वह गुवाहाटी से थीं और माजुली में रंगाछाही कॉलेज में शिक्षिका थीं।
अंतर्देशीय जल परिवहन (आईडब्ल्यूटी) विभाग के अधिकारियों ने बताया कि टक्कर तब हुई जब निजी नाव ‘मा कमला’ निमती घाट से माजुली की ओर जा रही थी और सरकारी स्वामित्व वाली नौका ‘एम बी तिपकाई’ माजुली से आ रही थी।
परिवहन मंत्री चंद्र मोहन पटवारी तड़के तीन बजे घटनास्थल पहुंचे। उन्होंने कहा कि परिवहन सचिव जादव सैकिया मामले की जांच करेंगे।
उन्होंने कहा,‘‘ आईडब्ल्यूटी के तीन अधिकारियों को पहले ही निलंबित किया जा चुका है। घटना के वक्त निमती घाट पर आईडब्ल्यूटी के 72 कर्मचारी मौजूद थे। जब एक नौका तेज गति से आ रही थी तो अन्य नौका को जाने क्यों दिया गया? हमारे कर्मचारियों की भी कुछ गलती रही होगी।’’
पटवारी के साथ, राज्य के मंत्री बिमल बोरा और जोगेन मोहन भी तलाश और बचाव कार्यों की निगरानी के लिए घटनास्थल पर ही हैं।
मुख्यमंत्री हिमंत बिस्व सरमा भी निमती घाट पहुंचे और हालात का जायजा लेने के लिए उन्होंने नौका से यात्रा भी की।
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