राजस्थान के शिक्षा मंत्री ने कहा- प्रदेश को देश का एजूकेशन हब बनाने के लिए जरूरी है सभी का साथ
By रामदीप मिश्रा | Published: March 1, 2019 05:13 AM2019-03-01T05:13:54+5:302019-03-01T05:13:54+5:30
मंत्री डोटासरा शुक्रवार को यहां एक होटल में उद्योग विभाग, यूनिसेफ और स्कूल शिक्षा विभाग के सयुंक्त तत्वाधान में आयोजित ‘सीएसआर कॉन्क्लेव’ में बतौर मुख्य अतिथि संबोधित कर रहे थे।
राजस्थान के शिक्षा राज्य मंत्री गोविन्द सिंह डोटासरा ने उद्योग जगत को सामाजिक सहभागिता (सीएसआर) के तहत शिक्षा क्षेत्र को प्राथमिकता में रखते हुए अधिकाधिक सहयोग की अपील की है। उन्होंने कहा कि शिक्षा से ही किसी समाज की नींव तैयार होती है। उन्होंने राजस्थान को देश का 'एजूकेशन हब' बनाने के लिए सभी क्षेत्रों के सहयोग का आह्वान किया।
मंत्री डोटासरा शुक्रवार को यहां एक होटल में उद्योग विभाग, यूनिसेफ और स्कूल शिक्षा विभाग के सयुंक्त तत्वाधान में आयोजित ‘सीएसआर कॉन्क्लेव’ में बतौर मुख्य अतिथि संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि प्रदेश के विद्यार्थियों को बेहतर से बेहतर शिक्षा और विद्यालयी सुविधाएं मिले, इसके लिए रोडमैप तैयार कर कार्रवाई की पहल की गयी है।
उन्होंने कहा कि हम चाहते हैं कि विद्यालयों में बेहतर भौतिक संसाधन उपलब्ध हों, बच्चों को उच्च गुणवत्ता की और रोजगारोन्मुखी शिक्षा मिले ताकि विद्यार्थियों के लिए आने वाला कल स्वर्णिम बन सके।
शिक्षा मंत्री ने बताया कि प्रदेश में 63 हजार सरकारी विद्यालय हैं और उनमें 86 लाख के करीब विद्यार्थी अध्ययन कर रहे हैं। हमारा प्रयास है कि सरकार के सीमित संशाधनों से भी उन्हें अच्छी से अच्छी शिक्षा मिले। कॉरपोरेट जगत से यह अपेक्षा है कि वह अन्य क्षेत्रों की बजाय शिक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता में रखते हुए इसमें अपना सहयोग दें।
उन्होंने कॉरपोरेट जगत, स्वयंसेवी संस्थाओं, उद्यमी प्रतिनिधियों से सुझाव भी मांगे कि कैसे 'ज्ञान संकल्प पोर्टल' को और अधिक सुदृढ़ किया जाए ताकि शिक्षा क्षेत्र में राज्य सरकार को अधिक सहयोग प्राप्त हो सके। उन्होंने शिक्षकों के सम्मान, विद्यार्थियों को उच्च गुणवत्ता की शिक्षा प्रदान करने और समाज के प्रति दायित्व समझते हुए शिक्षा क्षेत्र में सभी स्तरों पर सुदृढ़ीकरण के लिए भी सभी के सहयोग पर जोर दिया।
प्रमुख शासन सचिव डॉ आर वेंकटेश्वरन ने इस मौके पर 'मुख्यमंत्री ज्ञान संकल्प पोर्टल' के तहत सीएसआर में सहयोग के लिए अपील की तथा कहा कि कॉरपोरेट जगत के सुझावों से इस पोर्टल को और अधिक व्यावहारिक बनाए जाने की दिशा में भी कदम उठाए जाएंगे। उन्होंने कहा कि शिक्षा में दिया दान सबसे बड़ा दान है, इसे समझते हुए उद्यमी सभी स्तरों पर शिक्षा में सहयोग दें।