ओवैसी ने श्रीकृष्ण जन्मस्थान और शाही ईदगाह मस्जिद विवाद के मामले में अदालत के फैसले को गलत बताया
By शिवेंद्र राय | Published: December 26, 2022 03:53 PM2022-12-26T15:53:16+5:302022-12-26T15:56:40+5:30
असदुद्दीन ओवैसी ने मथुरा के सिविल कोर्ट के उस फैसले को गलत बताया है जिसमें श्रीकृष्ण जन्मस्थान और शाही ईदगाह मस्जिद विवाद के मामले में अमीन सर्वे कराने का आदेश दिया गया था। ओवैसी का कहना है कि ये फैसला 1991 के पूजास्थल कानून का उल्लंघन है।
नई दिल्ली: मथुरा के श्रीकृष्ण जन्मस्थान और शाही ईदगाह मस्जिद विवाद के मामले में अदालत के अमीन सर्वे कराने के फैसले को असदुद्दीन ओवैसी ने गलत बताया है। ओवैसी ने कहा है कि मेरे विचार से यह आदेश गलत है। सिविल कोर्ट ने 1991 के पूजास्थल कानून का उल्लंघन किया है। ओवैसी ने कहा कि अदालत ने सर्वेक्षण को पहले उपाय के रूप में इस्तेमाल किया है, जबकि कानूनी विशेषज्ञों का मानना है कि यह अंतिम उपाय होना चाहिए।
In my opinion, the order is wrong. The civil court has violated the 1991 Act. They have used the survey as a first resort, which legal experts believe should be the last resort. I disagree with the order: AIMIM chief Asaduddin Owaisi on Mathura court's order to survey Shahi Idgah pic.twitter.com/xceH0m3tlp
— ANI (@ANI) December 26, 2022
बता दें कि मथुरा में श्रीकृष्ण जन्मस्थान और शाही ईदगाह मस्जिद विवाद मामले में दिल्ली निवासी हिंदू सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष विष्णु गुप्ता व उपाध्यक्ष सुरजीत सिंह यादव ने सिविल जज सीनियर डिवीजन (तृतीय) की न्यायाधीश सोनिका वर्मा की अदालत में याचिका दायर की थी। याचिका में दावा किया गया था कि शाही ईदगाह मस्जिद श्रीकृष्ण जन्मस्थान को तोड़कर बनाई गई है।
इसी केस पर निर्णय देते हुए अदालत ने मस्जिद परिसर के अमीन सर्वे कराने का आदेश दिया था जिससे ओवैसी खफा हैं। बता दें कि ये मामला वाराणसी के ज्ञानवापी परिसर स्थित मामले की तरह की है। वाराणसी में ज्ञानवापी के मामले में भी कोर्ट ने सर्वेक्षण का आदेश दिया था।
ये पहली बार नहीं है जब एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने अदालत के किसी फैसले के खिलाफ नाराजगी जताई हो। ज्ञानवापी परिसर के सर्वे के आदेश के बाद असदुद्दीन ओवैसी ने कहा था कि ये मामला बाबरी मस्जिद की तरह होने जा रहा। ओवैसी ने ये भी कहा था कि हमने बाबरी मस्जिद को खोया है अब दूसरी मस्जिद को हरगिज नहीं खोएंगे। वाराणसी के ज्ञानवापी परिसर स्थित मामले के सर्वे को भी ओवैसी ने 1991 के पूजा स्थल कानून का उल्लंघन बताया था।
दूसरी तरफ श्रीकृष्ण जन्मस्थान और शाही ईदगाह मस्जिद विवाद के मामले में ईदगाह मस्जिद पक्ष का दावा है कि जो लोग मस्जिद को मंदिर का हिस्सा बता रहे हैं वह तथ्यों को तोड़ मरोड़ कर पेश कर रहे हैं। उसका दावा है कि इतिहास में कोई भी ऐसा तथ्य नहीं है जो यह बताता हो कि मस्जिद का निर्माण मंदिर को तोड़कर किया गया था या श्री कृष्ण का जन्म उस जगह पर हुआ था जहां पर मौजूदा ईदगाह है।