RBI के गवर्नर पद के लिए सरकार की पसंद हो सकते हैं अरविंद पानगढ़िया, PM मोदी के साथ मधुर हैं संबंध
By संतोष ठाकुर | Published: December 11, 2018 05:33 AM2018-12-11T05:33:46+5:302018-12-11T05:33:46+5:30
सरकार का प्रयास होगा कि रिजर्व बैंक का अगला गवर्नर न केवल आर्थिक ज्ञान के मोर्चे पर अव्वल हो, बल्कि इस सरकार और इसके कामकाज के तरीके से भी भलीभांति परिचित हो.
रिजर्व बैंक के गवर्नर उर्जित पटेल के इस्तीफे के बाद अब इस पद के अगले दावेदार को लेकर सरगर्मी तेज हो गई है. पहले रघुराम राजन के इस्तीफे और अब उर्जित पटेल के इस पद से इस्तीफा देने के बाद केंद्र सरकार पर यह दबाव बढ़ गया है कि वह किसी ऐसे व्यक्ति को यह पद सौंपे, जिसके साथ उसके बेहतर रिश्ते हों और वह उसके लिए किसी तरह की समस्या खड़ी न करे.
सरकार का प्रयास होगा कि रिजर्व बैंक का अगला गवर्नर न केवल आर्थिक ज्ञान के मोर्चे पर अव्वल हो, बल्कि इस सरकार और इसके कामकाज के तरीके से भी भलीभांति परिचित हो. इन मानकों के आधार पर माना जा रहा है कि मोदी सरकार आरबीआई के अगले गवर्नर के तौर पर अरविंद पानगढि़या के नाम पर विचार कर सकती है. पानगढि़या पूर्व में नीति आयोग के उपाध्यक्ष रह चुके हैं और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ उनके संबंध काफी अच्छे हैं.
एक अधिकारी ने कहा कि जब रघुराम राजन ने आरबीआई गवर्नर पद से इस्तीफा दिया था, तब स्वयं प्रधानमंत्री मोदी ने पानगढि़या को इस पद के लिए चिह्नित किया था, लेकिन पानगढि़या ने यह कहते हुए इनकार कर दिया था कि चूंकि वे नीति आयोग में हैं, इसलिए यह पद स्वीकार नहीं कर सकते. साथ ही उन्होंने बताया था कि वे कोलंबिया विश्वविद्यालय में पढ़ाते हैं और उन्हें वहां एक तय समय के भीतर वापस जाकर अध्यापन शुरू करना होगा. ऐसा नहीं करने पर उनका विश्वविद्यालय के साथ संबंध समाप्त हो जाएगा.
पानगढि़या ने कहा था कि कोलंबिया विवि में अध्यापन के लिए कोई उम्र नहीं है, जब तक आप समर्थ हैं अध्यापन कर सकते हैं. पानगढि़या ने कहा था कि इन हालातों के चलते वे वापस कोलंबिया विश्वविद्यालय जाना पसंद करेंगे.
अब बदल गए हालात!
उस समय और अब की स्थिति में आए बदलाव के बारे में नीति आयोग के एक अधिकारी ने कहा, ''पानगढि़या नीति आयोग से इस्तीफा देकर कोलंबिया विवि लौट गए हैं. ऐसे में वे फिर से वहां से करीब दो वर्ष तक की छुट्टी ले सकते हैं. केंद्र में मोदी सरकार का कार्यकाल अगले मई तक है. सरकार चाहे तो उन्हें इस पद पर लाने का प्रयास कर सकती है. आम चुनाव के बाद यदि अगली सरकार फिर भाजपा की बनी तो पानगढि़या को नियमित किया जा सकता है.'' यह पूछे जाने पर कि क्या पानगढि़या इसके लिए राजी होंगे, एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, ''हाल ही में जब वे भारत आए थे, तब प्रधानमंत्री मोदी से उनकी चर्चा हुई थी. खबरों के मुताबिक, आरबीआई को लेकर भी बात हुई थी, क्योंकि उन्होंने कहा था कि हो सकता है कि उन्हें फिर भारत आना पड़े.''