अरविंद केजरीवाल का दिल्ली LG को पत्र, बताया इस बार 15 अगस्त को कौन फहराएगा उनकी जगह तिरंगा
By आकाश चौरसिया | Updated: August 7, 2024 10:37 IST2024-08-07T10:14:35+5:302024-08-07T10:37:22+5:30
दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने एलजी विनय कुमार सक्सेना को पत्र लिखकर बताया कि इस बार 15 अगस्त को उनकी जगह दिल्ली सरकार में मंत्री झंडा फहराएंगी।

फोटो क्रेडिट- (एक्स)
नई दिल्ली: तिहाड़ जेल में सजा काट रहे दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने एलजी विनय कुमार सक्सेना को पत्र लिखा है। खत में उन्होंने इस बात का जिक्र किया कि उनकी जगह इस बार केंद्र शासित राज्य सरकार में मंत्री आतिशी मार्लेना झंडा फहराएंगी। हालांकि, कई मौके पर मंत्री सरकार की बात मुखर रूप से रखती आई हैं, यही नहीं उनका सरकार के बड़े फैसलों में भी अहम रोल होता है।
फिलहाल गौर करने वाली बात ये है कि बीते सोमवार को उच्च न्यायालय ने आबकारी नीति मामले में केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) की ओर से सीएम अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी को बरकरार रखा है। हाई कोर्ट ने सोमवार को सुनाए फैसले के दौरान कहा कि सीबीआई के कार्यों में कोई गलत भावना नहीं जुड़ी है। क्योंकि सीबीआई कोर्ट में ये प्रस्तुत करती आई है कि आम आदमी पार्टी प्रमुख उन गवाहों को प्रभावित कर सकते हैं, जो उनकी गिरफ्तारी के बाद ही गवाही देने का साहस जुटा सकते हैं।
Delhi Chief Minister Arvind Kejriwal, from jail, wrote a letter to LG Vinai Kumar Saxena about the flag hoisting in Delhi on August 15th. In the letter, Kejriwal stated that Minister Atishi Marlena would hoist the flag in his place. pic.twitter.com/uVMFkt8bgl
— IANS (@ians_india) August 7, 2024
कोर्ट ने इस दौरान कहा था कि सीबीआई की ओर से सीएम अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी और प्रासंगिक साक्ष्य एकत्र करने के बाद उनके खिलाफ सबूत का चक्र बंद हो गया और यह नहीं कहा जा सकता कि यह बिना किसी उचित कारण के या अवैध था। अदालत ने कहा कि केजरीवाल कोई साधारण नागरिक नहीं हैं, बल्कि मैगसायसाय पुरस्कार विजेता और आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक हैं।
जस्टिस नीना बंसल कृष्णा ने अपने 48 पेज के फैसले में कहा, "गवाहों पर उनका नियंत्रण और प्रभाव प्रथम दृष्टया इस तथ्य से पता चलता है कि ये गवाह याचिकाकर्ता की गिरफ्तारी के बाद ही गवाह बनने का साहस जुटा सके, जैसा कि विशेष गवाह ने उजागर किया है।" उन्होंने कहा कि प्रतिवादी (सीबीआई) के कार्यों से किसी भी तरह की दुर्भावना का पता नहीं लगाया जा सकता है। उच्च न्यायालय ने केजरीवाल की गिरफ्तारी को चुनौती देने वाली याचिका को खारिज कर दिया और कहा कि पर्याप्त साक्ष्य एकत्र किए जाने और अप्रैल, 2024 में मंजूरी मिलने के बाद ही एजेंसी उनके खिलाफ आगे की जांच में जुटी।