Arun Jaitley Birth Anniversary: प्रखर राजनेता, कुशल वक्ता और तेजतर्रार वकील, पूर्व वित्त मंत्री अरुण जेटली के बारे में जानिए सबकुछ
By शिवेन्द्र कुमार राय | Published: December 28, 2023 10:45 AM2023-12-28T10:45:57+5:302023-12-28T10:58:38+5:30
साल 2014 में नरेंद्र मोदी के पीएम बनने के बाद 27 मई से 9 नवंबर 2014 के बीच वे रक्षा मंत्री रहे। 27 मई 2014 से 14 मई 2018 के बीच वे वित्तमंत्री के साथ-साथ कॉर्पोरेट मामलों के मंत्री रहे। 9 नवंबर 2014 से 5 जुलाई 2016 तक वे सूचना एवं प्रसारण मंत्री रहे। साल 2018 में वह फिर से राज्यसभा सदस्य चुने गए। 24 अगस्त 2019 को उनका 66 साल की उम्र में उनका निधन हो गया।
Arun Jaitley Jayanti: 28 दिसंबर, 2023 को हमारे देश के पूर्व वित्त मंत्री अरुण जेटली की 71वीं जयंती है। अरुण जेटली ने वित्त मंत्री के रूप में ऐतिहासिक आर्थिक सुधारों को आगे बढ़ाया। वह एक वकील भी थे। अपने कार्यकाल के दौरान, जेटली ने वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) को शामिल करने, रेलवे बजट को आम बजट में विलय करने और हमेशा से चर्चित रहे नोटबंदी के कार्यान्वयन की देखरेख की।
उन्होंने 1970 के दशक में छात्र राजनीति में प्रवेश किया और बड़े होकर 1974 में एबीवीपी उम्मीदवार के रूप में दिल्ली विश्वविद्यालय छात्र संघ के अध्यक्ष बने। जेटली ने आपात काल के दौरान जेल की सजा भी काटी। देश में आपातकाल घोषित होने के बाद 26 जून, 1975 की सुबह अरुण जेटली ने लोगों के एक समूह को इकट्ठा किया और तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी का पुतला जलाया। उनके शब्दों में आपातकाल के खिलाफ वह ‘‘पहले सत्याग्रही’’ थे। इसके बाद उन्हें एहतियाती तौर पर हिरासत में लिया गया और वह 1975 से 1977 तक 19 महीने की अवधि के लिए जेल में रहे। 24 मई 1982 को अरुण जेटली का विवाह संगीता जेटली से हुआ था। उनका एक बेटा रोहन और बेटी सोनाली है।
24 अगस्त 2019 को उनका 66 साल की उम्र में उनका निधन हो गया। जेटली एक शानदार वकील भी थे। जेटली ने 1987 से भारत के सर्वोच्च न्यायालय में कानून का अभ्यास शुरू किया।
उस समय के दौरान जब कांग्रेस ने 1990 के दशक से पहले और शुरुआत में केंद्र में सत्ता खो दी थी, वह देश के सबसे कम उम्र के अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल (37 वर्ष की आयु) बन गए।
उन्होंने बोफोर्स घोटाले पर राजीव गांधी के खिलाफ केस लड़ा था।
अगले दशक में, उन्होंने कानूनी परेशानियों के दौरान लालकृष्ण आडवाणी और नरेंद्र मोदी जैसे साथी पार्टी के लोगों का बचाव करने में अपनी कानूनी प्रतिभा का इस्तेमाल किया। अप्रैल 2000 में अरुण जेटली राज्यसभा के सांसद के रूप में चुने गये। 23 जुलाई 2000 से 6 नवंबर. 2000 तक उन्होंने विधिक, न्यायिक एवं कंपनी मामलों के मंत्रालय के राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) का पद संभाला। वाजपेयी सरकार में उन्होंने कई मंत्रालयों की जिम्मेदारी संभाली।
साल 2014 में नरेंद्र मोदी के पीएम बनने के बाद 27 मई से 9 नवंबर 2014 के बीच वे रक्षा मंत्री रहे। 27 मई 2014 से 14 मई 2018 के बीच वे वित्तमंत्री के साथ-साथ कॉर्पोरेट मामलों के मंत्री रहे। 9 नवंबर 2014 से 5 जुलाई 2016 तक वे सूचना एवं प्रसारण मंत्री रहे। साल 2018 में वह फिर से राज्यसभा सदस्य चुने गए। करीब दो साल तक लंबी बीमारी के बाद 24 अगस्त 2019 को अरुण जेटली का 66 वर्ष की आयु में निधन हो गया। उन्होंने लोकसभा चुनाव कभी नहीं जीता।