लाइव न्यूज़ :

जम्मू कश्मीर: आर्टिकल 370 हटते ही पूरी हुई RSS की दशकों पुरानी मांग, इन्होंने ही सुझाया था फार्मूला

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: August 6, 2019 08:54 IST

1964 की प्रतिनिधि सभा में पहली बार धारा 370 को रद्द करने की मांग को आक्रामकता से उठाया गया. संघ ने तब कहा था कि धारा-370 को अस्थायी रूप से लागू किया गया था, अब उसे रद्द कर जम्मू-कश्मीर को अन्य राज्यों की भांति दर्जा देना चाहिए.

Open in App
ठळक मुद्देसंघ ने लगातार 'धारा 370' को रद्द करने की मांग की. सूत्रों का दावा है कि लद्दाख को लेकर जो फार्मूला सामने आया है वह संघ की ही सोच है.1953 में संघ के अखिल भारतीय कार्यकारिणी मंडल की बैठक में इस पर चिंता जताई गई

केंद्र सरकार ने जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 (Article 370) हटाने का ऐलान कर दिया. इसके साथ ही जम्मू-कश्मीर को मिला विशेष राज्य का दर्जा भी खत्म हो गया. वहीं सरकार ने जम्मू-कश्मीर को दो हिस्सों में बांटने का ऐलान भी किया. इसके अनुसार जम्मू कश्मीर और लद्दाख को केंद्र शासित प्रदेश बनाया जाएगा. इस पूरे मसले पर सरकार के कदम से संघ काफी खुश है और इसके पीछे संघ की ही भूमिका भी बताई जा रही है।

संघ की दशकों पुरानी मांग हो गई पूरीजम्मू-कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले भारतीय संविधान की 'धारा 370' के कुछ अनुबंधों में संशोधन के फैसले के पीछे राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की बड़ी भूमिका बताई जा रही है. केंद्र के फैसले में संघ की छाया लद्दाख को लेकर आरएसएस ने फार्मूला सुझाया था. संघ ने लगातार 'धारा 370' को रद्द करने की मांग की. सबसे पहले 1953 में हुई अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा में इस मुद्दे पर चिंता जताई गई. 66 वर्ष बाद संघ की यह मांग पूरी हुई. 

संघ के उच्चपदस्थ सूत्रों का दावा है कि लद्दाख को लेकर जो फार्मूला सामने आया है वह संघ की ही सोच है. संघ का मानना है कि धारा-370 की वजह से आतंकवादियों को सहारा मिला. अलग ध्वज एवं संविधान राष्ट्रविरोध है. इससे अलगाववादियों को शक्ति मिली. विकास भी प्रभावित हुआ. विशेषाधिकार की वजह से तुष्टिकरण की राजनीति को बढ़ावा मिला. वहां के अल्पसंख्यकों पर भी अन्याय हुआ. इन्हीं मुद्दों को आगे रखकर संघ दशकों से धारा 370 को हटाने की मांग करता रहा. 

1953 में संघ के अखिल भारतीय कार्यकारिणी मंडल की बैठक में इस पर चिंता जताई गई. इस बैठक में कहा गया कि जनता के अधिकार - विशेषाधिकार केंद्र एवं राज्य सरकार के विषय हैं. लेकिन अगर किसी राज्य को अलग सुविधाएं दी जा रही हैं तो यह पूरे देश का विषय है. 1964 की प्रतिनिधि सभा में पहली बार धारा 370 को रद्द करने की मांग को आक्रामकता से उठाया गया. संघ ने तब कहा था कि धारा-370 को अस्थायी रूप से लागू किया गया था, अब उसे रद्द कर जम्मू-कश्मीर को अन्य राज्यों की भांति दर्जा देना चाहिए. अगर ऐसा नहीं हुआ तो घातक परिणाम होंगे. केवल अलगाववादी शक्तियों को बल मिलेगा.

संघ ने केंद्र से राज्य के सूत्र अपने हाथों में लेने की मांग की. इसके बाद कुल 9 अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा व आठ अखिल भारतीय कार्यकारिणी मंडल की बैठक में इस मुद्दे पर मंथन हुआ. बॉक्स चार वर्ष की 'डेडलाइन' 2014 में नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भाजपा की सत्ता आने के बाद स्वयंसेवकों में अपेक्षा जागी थी कि धारा 370 हटेगी. लेकिन 2015 तक ऐसा कुछ नहीं हुआ. 

मार्च 2015 में 'लोकमत समाचार'ने सहसरकार्यवाह दत्तात्रय होसबले से इस सदंर्भ में सवाल किया था. तब उन्होंने स्पष्ट कहा था कि धारा 370 के संदर्भ में केंद्र सरकार को चार वर्ष की 'डेडलाइन' दी गई. ठीक चार वर्ष बाद धारा के अनुबंधों में संशोधन किया जा रहा है. 

ऐतिहासिक जम्मू-कश्मीर में हिंसा के बढ़ने के बीच वर्ष 1996 में हुई संघ के अखिल भारतीय कार्यकारिणी मंडल की बैठक में लद्दाख के लिए पृथक संवैधानिक प्रादेशिक मंडल के गठन की मांग की गई. वर्ष 2002 के कार्यकारिणी मंडल ने लद्दाख को केंद्रशासित प्रदेश बनाने की मांग की. संघ के तत्कालीन सरकार्यवाह के निर्देश पर सेवानिवृत्त न्यायमूर्ति जितेंद्रवीर गुप्त की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय समिति ने इस मुद्दे पर अध्ययन किया. समिति ने अपनी रिपोर्ट में लद्दाख एवं जम्मू से भेदभाव होने की बात स्वीकार की. 2010 की अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा में निर्वाचन क्षेत्रों के परिसीमन की मांग की गई.

टॅग्स :धारा ३७०आर्टिकल 35A (अनुच्छेद 35A)आरएसएसजम्मू कश्मीर
Open in App

संबंधित खबरें

भारतजीवन रक्षक प्रणाली पर ‘इंडिया’ गठबंधन?, उमर अब्दुल्ला बोले-‘आईसीयू’ में जाने का खतरा, भाजपा की 24 घंटे चलने वाली चुनावी मशीन से मुकाबला करने में फेल

क्रिकेटवैभव सूर्यवंशी की टीम बिहार को हैदराबाद ने 7 विकेट से हराया, कप्तान सुयश प्रभुदेसाई ने खेली 28 गेंदों में 51 रन की पारी, जम्मू-कश्मीर को 7 विकेट से करारी शिकस्त

भारतDrung Waterfall: महीनों बाद खुला द्रुग वाटरफाल, टंगमर्ग राइडर्स की रोजी-रोटी में मदद मिली

भारतJammu-Kashmir Power Shortage: सर्दी बढ़ने के साथ कश्मीर में गहराया बिजली सकंट, करीब 500 मेगावाट बिजली की कमी से परेशान लोग

भारतJammu-Kashmir: कश्मीर के मोर्चे से खुशखबरी, आतंकी हिंसा में गिरावट पर आतंक और दहशत में नहीं

भारत अधिक खबरें

भारतकथावाचक इंद्रेश उपाध्याय और शिप्रा जयपुर में बने जीवनसाथी, देखें वीडियो

भारत2024 में महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव, 2025 तक नेता प्रतिपक्ष नियुक्त नहीं?, उद्धव ठाकरे ने कहा-प्रचंड बहुमत होने के बावजूद क्यों डर रही है सरकार?

भारतजमीनी कार्यकर्ताओं को सम्मानित, सीएम नीतीश कुमार ने सदस्यता अभियान की शुरुआत की

भारतसिरसा जिलाः गांवों और शहरों में पर्याप्त एवं सुरक्षित पेयजल, जानिए खासियत

भारतउत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोगः 15 विषय और 7466 पद, दिसंबर 2025 और जनवरी 2026 में सहायक अध्यापक परीक्षा, देखिए डेटशीट