वीर पत्नी को सैल्यूट! शहीद कौस्तुभ के सपनों को पूरा करने के लिए कनिका ने अच्छे नंबरों से उत्तीर्ण की सेना की परीक्षा
By लोकमत समाचार ब्यूरो | Published: July 29, 2019 08:19 AM2019-07-29T08:19:46+5:302019-07-29T08:19:46+5:30
आतंकवादियों से लड़ते हुए अपने प्राणों की आहुति देने वाले महाराष्ट्र के सपूत मेजर कौस्तुभ राणे की पत्नी कनिका राणे ने सेना में भर्ती होने का साहसी निर्णय लिया है.
ठाणे, 28 जुलाईः आतंकवादियों से लड़ते हुए अपने प्राणों की आहुति देने वाले महाराष्ट्र के सपूत मेजर कौस्तुभ राणे की पत्नी कनिका राणे ने सेना में भर्ती होने का साहसी निर्णय लिया है. उल्लेखनीय बात यह है कि उनके पति को शहीद हुए अभी एक वर्ष भी नहीं हुआ है. कनिका ने सेना में भर्ती होने के लिए ली जाने वाली परीक्षा भी अव्वल अंकों से उत्तीर्ण कर ली है. उनका यह निर्णय गर्व करने वाला और सबको प्रेरणा देने वाला है.
शहीद कौस्तुभ राणे नवी मुंबई के शीतल नगर के निवासी थे. वे भारतीय सेना की 36 रायफल बटालियन में मेजर के रूप में कार्यरत थे. 7 अगस्त 2018 को सुबह आतंकवादियों से लड़ते हुए उन्होंने देश के लिए बलिदान दिया था. जब यह खबर पहुंची तब मुंबई सहित पूरे महाराष्ट्र में शोक व्याप्त हो गया था. पूरे देश को राणे परिवार पर गर्व महसूस हो रहा था. अब एक बार फिर राणे परिवार की और शहीद मेजर कौस्तुभ राणे की पत्नी की देशभक्ति पर देश गर्व करेगा.
शहीद मेजर राणे की पत्नी कनिका राणे ने पति के शहीद होने के एक वर्ष के भीतर अपने आपको दु:ख से संवारते हुए, एक छोटे से बच्चे को संभालते हुए सेना में भर्ती होने का साहसपूर्ण निर्णय लिया है. कनिका राणे जल्द ही आगे की ट्रेनिंग के लिए चेन्नै जाने वाली हैं. कनिका राणे के लिए पति के शहीद होने के बाद अपने आपको और बच्चे को संभालना, स्वयं सेना में भर्ती होने का निर्णय लेना, उसके लिए आवश्यक परीक्षा की तैयारी करना, उसमें अव्वल अंकों से उत्तीर्ण होना और भर्ती होने के लिए आवश्यक साल भर की ट्रेनिंग के लिए चेन्नै जाने के लिए तैयार होना आसान बात नहीं थी.
कनिका राणे का यह निर्णय उनके बेजोड़ ध्येयवाद की गवाही देने वाला है. इतना ही नहीं अपने पति के कदमों का अनुसरण करते हुए देश की सेवा कर देश को आदर्श पत्नी की प्रेरणा देने वाला है.
जम्मू-कश्मीर के गुरेज सेक्टर में आतंकवादियों ने बड़ी घटना को अंजाम देने के लिए साजिश रची थी. लेकिन, भारतीय सेना के सतर्क जवानों ने उनकी घुसपैठ की कोशिश नाकाम कर दी. जवानों ने आतंकवादरोधी कार्रवाई करते हुए चार आतंकवादियों को मार गिराया. लेकिन इस मुठभेड़ में सेना के चार जवान भी शहीद हो गए. उनमें महाराष्ट्र के सपूत मेजर कौस्तुभ प्रकाश कुमार राणे भी शामिल थे.