एंटीलिया विस्फोटक मामला: सचिन वाझे हर माह 50000 रुपये देता था, महिला सुरक्षाकर्मी ने एनआईए को बताया
By सतीश कुमार सिंह | Published: September 9, 2021 03:38 PM2021-09-09T15:38:22+5:302021-09-09T15:39:45+5:30
बर्खास्त पुलिस अधिकारी सचिन वाझे एंटलिया बम कांड और मनसुख हिरन हत्या मामले में आरोपी है। वाझे ने महिला को कंपनी का निदेशक बनाया था।
एंटीलिया विस्फोटक मामला: एंटीलिया बम कांड और मनसुख हिरन हत्या मामले में आरोपी बर्खास्त पुलिस अधिकारी सचिन वाझे के मामले ने एनआईए ने बड़ा खुलासा किया है।
महिला सुरक्षाकर्मी ने एनआईए को बताया कि पूर्व पुलिस अधिकारी सचिन वाझे उसका ग्राहक था। अगस्त 2020 से हर महीने उन्हें ₹50,000 का भुगतान कर रहा था। मीरा रोड निवासी 36 वर्षीय महिला अपने पति से अलग होकर एस्कॉर्ट का काम करती है।
महिला सुरक्षाकर्मी ने एनआईए को बताया कि वह 2011 में सचिन वाझे से मिली थी। 2013 में वाझे उसका क्लाइंट बन गया था। वाझे उसके साथ लगातार संपर्क में था। शुरुआत में उसने कथित तौर पर उससे झूठ बोला था कि वह एक व्यवसायी है, लेकिन बाद में बताया कि वह निलंबित पुलिस अधिकारी था।
महिला ने राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) से कहा कि एक कंपनी के खाते में सवा करोड़ रुपये डाले जाने के बारे में उसे जानकारी नहीं है। वाझे ने महिला को उस कंपनी का निदेशक बनाया था। उसका बयान एनआईए द्वारा पिछले हफ्ते मामले में दायर आरोपपत्र का हिस्सा है।
मामला उद्योगपति मुकेश अंबानी के घर के पास इस वर्ष फरवरी में विस्फोटकों से लदा वाहन रखने और इसके बाद मनसुख हिरन की हत्या से जुड़ा हुआ है। हिरन ने कहा था कि उसका वाहन चुरा लिया गया था और मार्च के पहले हफ्ते में उसका शव ठाणे में एक नदी किनारे मिला। महिला ने बयान में कहा कि वाजे से पहली बार वह 2011 में मिली थी।
बयान में बताया गया कि वाझे जून 2020 में फिर से पुलिस बल में बहाल हो गया और उसने सुरक्षाकर्मी का काम छोड़ने के लिए कहा था, क्योंकि उसने उसके लिए अच्छी आय का व्यवस्था करने का वादा किया। बयान में कहा गया, ‘‘इसी मुताबिक मैंने काम करना छोड़ दिया और सचिन ने मुझे मासिक खर्च के लिए अगस्त 2020 से प्रति महीने 50 हजार रुपये देना शुरू किया।’’ महिला ने कहा कि वाजे ने उसे नियमित आय के लिए दो मालिकाना हक वाला फर्म खोलने की सलाह दी।
वाजे मामले में परमबीर सिंह को बचा रही है एनआईए: राकांपा
राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) ने आरोप लगाया कि एनआईए मुंबई के पूर्व पुलिस आयुक्त परम बीर सिंह को 'एंटीलिया बम' मामले में बचा रही है। उद्योगपति मुकेश अंबानी के घर 'एंटीलिया' के पास मिली विस्फोटक सामग्री वाली एसयूवी के मामले में राष्ट्रीय जांच एजेंसी के आरोपपत्र के अनुसार, एक साइबर विशेषज्ञ ने उसे बताया कि सिंह ने उसे प्रारंभिक जांच के दौरान एक रिपोर्ट को 'संशोधित' करने के लिए कहा था।
राकांपा प्रवक्ता व महाराष्ट्र के मंत्री नवाब मलिक ने यहां दावा किया, ''एनआईए के आरोप पत्र के अनुसार, सिंह ने फर्जी सबूत बनाने के लिए (विशेषज्ञ को) पांच लाख रुपये का भुगतान किया।'' उन्होंने संवाददाताओं से कहा, ''सिंह ही निष्कासित सचिन वाजे को पुलिस बल में वापस लेकर आए थे और उन्हें महत्वपूर्ण मामले दिए थे। फिर भी, सिंह का नाम चार्जशीट में नहीं है।''
एनआईए ने मामले में वाझे और नौ अन्य को गिरफ्तार किया है। मलिक ने कहा “हमें हमेशा संदेह था कि सिंह एंटीलिया मामले के मास्टरमाइंड थे। और सिंह ने भाजपा के निर्देश पर राज्य के तत्कालीन गृह मंत्री अनिल देशमुख पर उनकी छवि खराब करने का आरोप लगाया।‘’ उन्होंने दावा किया कि केंद्रीय जांच एजेंसी ने ''केंद्र सरकार के दबाव में'' अपने आरोप पत्र में कई असहज करने वाले तथ्य छुपाए हैं।''