मौत को मात: तूफान से टूटी नाव, 28 दिन भूखा-प्यासा समुद्र में भटकता रहा शख्स, फिर ओडिशा के तट पर पहुंचकर बची जान

By विनीत कुमार | Published: October 28, 2019 01:37 PM2019-10-28T13:37:31+5:302019-10-28T13:37:31+5:30

अंडमान-निकोबार के रहने वाले अमृत कुजूर अपने दोस्त के साथ बड़े जहाजों को रोजमर्रा और समान और पीने के पानी को पहुंचाने निकले थे लेकिन एक तूफान की वजह से रास्ता भटक गये।

Andaman Nicobar man survives after spending 28 days in sea amid storms and damaged boat | मौत को मात: तूफान से टूटी नाव, 28 दिन भूखा-प्यासा समुद्र में भटकता रहा शख्स, फिर ओडिशा के तट पर पहुंचकर बची जान

अंडमान-निकोबार के शख्स ने भूखे-प्यासे 28 दिन समुद्र में गुजारे (प्रतीकात्मक तस्वीर)

Highlightsअंडमान-निकोबार के अमृत कुजूर की हैरतअंगेज कहानी, 28 दिन गुजारे समुद्र मेंदो-दो बार हुआ तूफान से सामना, रास्ता भटके, नाव भी क्षतिग्रस्त हुई, फिर भी जान बचाने में रहे कामयाब

समुद्र में रास्ता भूलने और 28 दिन भटकने के बाद आखिरकार 49 साल का एक शख्स शुक्रवार को ओडिशा के पुरी जिले में एक तट पर सफलतापूर्व पहुंच गया। यह हैरतअंगेज कहानी अंडमान और निकोबार के शहीद द्वीप के रहने वाले अमृत कुजूर की है। वे दरअसल समुद्र में रोजाना आने-जाने वाले जहाजों को रोजमर्रा की चीजों जैसे राशन और पानी के पानी आदि को पहुंचाने का काम करते हैं। यही उनकी जीविका भी है।

इसी काम के तहत 28 सितंबर को भी कुजूर अपने एक दोस्त दिव्यरंजन के साथ निकले थे। वे अंडमान-निकोबार से निकले थे और हिंद महासागर से गुजरने वाली जहाजों को राशन और दूसरी रोजमर्रा की चीजें उन्हें पहुंचानी थी। हालांकि, एक तूफान ने उन्हें रोज के रास्ते से भटका दिया और उनकी नाव को भी काफी नुकसान पहुंचाया। कुजूर के अनुसार, 'हमें अपने नाव को हल्का करने के लिए कई चीजों को फेंकना पड़ा। नाव बुरी तरह से क्षतिग्रस्त हो चुका था।'

कुजूर ने बताया कि उन्होंने कई बड़ी जहाजों को इशारा देने की कोशिश की लेकिन किसी की भी नजर उन पर नहीं गई। आखिरकार बर्मा नेवी का जहाज उन्हे देखने में कामयाब हुआ। उन्होंने मदद की। उन्होंने नाव को 260 लीटरं ईंधन से भरा और अंडमान-निकोबार जाने के लिए एक कंपास भी लगाया। कुजूर ने बताया कि हालांकि एक बार फिर तूफान ने उनका रास्ता घेर लिया और एक बार फिर वे रास्ता भटक गये।

ईंधन खत्म होने के बाद एक बार फिर वे बीच समुद्र में फंस गये। कुजूर ने कहा, 'हमने सारी उम्मीद छोड़ दी थी लेकिन समुद्र का पानी पीकर हमने खुद को जिंदा रखने की कोशिश जारी रखी। हम तौलिये को पानी से भिगोते थे और फिर उसे निचोड़कर निकले पानी का इस्तेमाल करते थे।'

कुजूर के दोस्त दिव्यरंजन हालांकि, जिंदा नहीं बच सके। कुजूर के अनुसार लगातार समुद्र का पानी पीने और भूख के कारण दिव्यरंजन कमजोर होते गये और उनकी मौत हो गई। कुजूर के मुताबिक आखिरकार दिव्यरंजन के शव को पानी में ही छोड़कर उन्हें आगे बढ़ना पड़ा।

इंडियन एक्सप्रेस के अनुसार पुरी के कृष्णाप्रसाद पुलिस स्टेशन के इंस्पेक्टर अभिमन्यु नायक ने भी पुष्टि की है कि उन्हें इस बारे में सूचना मिली थी कि अमृत कुजूर और दिव्यरंजन नाम के दो शख्स समुद्र में पिछले एक महीने से लापता थे।

Web Title: Andaman Nicobar man survives after spending 28 days in sea amid storms and damaged boat

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